-नष्ट हुई फसलों के मुआवजे के लिए दर-दर भटक रहे हैं किसान, नही हो रही सुनवाई

भारत सारथी/ कौशिक

नारनौल। जिला के किसान भारी दुविधा में हैं कि खराब फसलों के मुआवजे के लिए आखिर किससे फरियाद करें। 2022 में खराब हुई खरीफ की फसल का लगभग 10 हजार किसानों का 3 करोड़ रुपये का मुआवजा आज तक किसानों के खाते में नही आया है, जबकि किसानों ने क्षतिपूर्ति पोर्टल पर भी अपनी रिपोर्ट दर्ज करवा दी थी। मुआवजे के लिए किसान दर्जनों बार कृषि विभाग के कार्यालय में चक्कर काट चुके हैं जबकि फसल का बीमा करने वाली रिलायंस जनरल इंश्योरेंस कंपनी का तीन साल का टेंडर 31 मार्च 2023 को समाप्त भी हो चुका है। यहां तक कि इंश्योरेंस कंपनी के किसी भी कर्मचारी या अधिकारी के बारे में किसानों को कुछ जानकारी ही नहीं है। अधिकांश किसान तो बीमा करने वाली कम्पनी का नाम भी जानते हैं। इस सम्बंध में 21 जून को भी किसानों ने सांसद धर्मवीर सिंह को ज्ञापन देकर उनकी फसलों का मुआवजा शीघ्र दिलवाने की मांग भी की थी, लेकिन वहां भी किसानों को सिर्फ आश्वासन ही मिला है।

उल्लेखनीय है कि जिला में किसानों के साथ कृषि बीमा के नाम पर मजाक किया जा रहा है। जिन किसानों ने किसान क्रेडिट कार्ड के माध्यम से बीमा करवा रखा था उन किसानों को आज तक मुआवजा नहीं मिला, किसान दर-दर की ठोकरें खाने पर मजबूर हैं। अनेकों किसान तो ऐसे है जिनकी खून पसीने से सिंचित की गई फसल लगातार प्रकृति की मार से नष्ट हो रही है लेकिन उन्हें फसल बीमा योजना के तहत आज तक एक पैसा भी नहीं मिला है। इतना जरूर है कि इनके खातों से बीमा के प्रीमियम की राशि हर वर्ष अपने आप कटती रहती है। कृषि विभाग से प्राप्त जानकारी के अनुसार फिलहाल 2022 में खरीफ फसल के नष्ट होने के लगभग 10 हजार किसानों का 3 करोड़ रुपये का मुआवजा बीमा कम्पनी की तरफ बाकी है। जबकि बीमा कम्पनी का तीन साल का टेंडर 31 मार्च 2023 को समाप्त भी हो चुका है। 3 जुलाई को नई बीमा कम्पनी के टेंडर होने हैं।

किस फसल का कितना है प्रीमियम:

कृषि विभाग से प्राप्त जानकारी के अनुसार कपास की फसल के एक एकड़ की बीमा राशि 34248 रुपये के लिए प्रीमियम राशि 1712 रुपये है। इसी तरह बाजरा की फसल की बीमा राशि 16604 रुपये के लिए प्रीमियम राशि 332 रुपये है जबकि गेहूं की बीमा राशि 26984 रुपये के लिए 404 रुपये व सरसों की एकड़ फसल की बीमा राशि 18162 रुपये के लिए बीमा राशि 272 रुपये है जो किसान के खाते से अपने आप कट जाती है।

सांसद के बोल बने गोलमोल

भिवानी-महेंद्रगढ़ के सांसद धर्मवीर सिंह ने कहा कि खराब फसल के मुआवजे को लेकर किसान उनसे मिले थे। मामले का संज्ञान लेते हुए कृषि विभाग के अधिकारियों से बात हुई है, उन्हें बीमा कम्पनी से बात करने को कहा है।

कृषि अधिकारी की जवाबदेही झुनझुना

कृषि विकास अधिकारी पंकज यादव ने बताया कि बीमा कम्पनी को शीघ्र भुगतान के लिए कहा गया है। अगले एक माह तक किसानों के खाते में भुगतान होने की संभावना है।

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