सांसदों की हर समस्या का होगा समाधान : मुख्यमंत्री
कई भाजपा सांसद गठबंधन के खिलाफ
हरियाणा में भाजपा ने तैयार किया रैलियों का रोडमैप, अमित शाह के बाद इन दिग्गजों की होंगी रैलियां

अशोक कुमार कौशिक 

हरियाणा में सत्तारूढ़ भाजपा के लोकसभा व राज्यसभा सांसद लोकसभा के साथ विधानसभा चुनाव करवाने के पक्ष में नहीं हैं। मोटे तौर पर सांसदों का मानना है कि एक साथ चुनाव करवाने का फायदा नहीं होगा। अगर एक साथ चुनाव करवाए जाते हैं तो फिर सभी नेता अपने-अपने चुनावों में उलझकर रह जाएंगे। प्रचार करने के लिए सभी को पर्याप्त समय चाहिए। ऐसे में अगर दोनों चुनाव अलग-अलग ही करवाए जाएं, तो बेहतर होगा। 

जिला भाजपा कार्यालय में हरियाणा प्रदेश भारतीय जनता पार्टी की उच्च स्तरीय बैठक हुई। इसमें मुख्यमंत्री मनोहर लाल, दोनों केंद्रीय मंत्री राव इंद्रजीत सिंह, कृष्णपाल गुर्जर, प्रभारी विप्लव देव, प्रदेश अध्यक्ष ओमप्रकाश धनखड़ सहित सभी सांसद, राज्यसभा के सांसद मौजूद थे। 

इस बैठक का आयोजन पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष ओमप्रकाश धनखड़ द्वारा किया गया था। बैठक में संगठन मंत्री रविन्द्र राजू, सांसद धर्मबीर सिंह, अरविंद शर्मा, रमेश चंद्र कौशिक, संजय भाटिया, सुनीता दुग्गल समेत राज्य सभा के सांसद डीपी वत्स, रामचंद्र जांगड़ा, कृष्ण पंवार भी मौजूद थे। बैठक में मोदी सरकार के 9 साल पूर्ण होने पर प्रदेश में चलाए जा रहे महाजनसंपर्क अभियान, लोकसभा क्षेत्रों में होने वाली रैलियों समेत तमाम विषयों पर चर्चा हुई। 

बैठक में सबसे बड़ा मुद्दा था सिरसा में होने वाली गृहमंत्री अमित शाह की रैली। इस रैली के लिए पार्टी के प्रभारी विप्लव देव द्वारा पूरा जोर लगाया गया है। उन्होंने पूरे हरियाणा का दौरा कर संगठन तथा पार्टी के नेताओं से संपर्क किया है। ठीक लोकसभा चुनाव से पहले और जेजेपी के साथ गठजोड़ संबंधी चर्चाओं के अलावा आने वाले विधानसभा चुनाव की संभावनाओं को भी ध्यान में रखकर इस बैठक में गुप्त मंत्रना की गई। संगठन सभी लोकसभा क्षेत्र में भी रैली करने जा रहा है।

सांसदों से पूछी उनके मन की बात

सभी ने अपने-अपने मन की बातें आपस में शेयर की और प्रदेश में चल रहे पार्टी के कार्यों को और बेहतर तरीके से किए जाने पर चर्चा की। मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने जहां मोदी सरकार के साथ-साथ प्रदेश सरकार के कार्यों को भी साझा किया, तो वहीं प्रदेश प्रभारी बिप्लब देब और प्रदेश अध्यक्ष ओम प्रकाश धनखड़ ने पार्टी की मजबूती के लिए अब तक उठाए गए कदमों और आगामी योजनाओं की बात की। 3 घंटे से भी अधिक समय तक चली इस बैठक में 2024 चुनावों पर भी गहन मंथन हुआ। सभी सांसदों से उनके मन की बात पूछी गई, तो सांसदों ने भी खुलकर अपनी बात रखी।

सांसद सुनीता दुग्गल ने सिरसा में केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह की होने वाली रैली की तैयारियों की जानकारी दी। ओमप्रकाश धनखड़ ने भी जानकारी रखी कि एक अन्य रैली के लिए रक्षामंत्री राजनाथ सिंह का समय भी मिल गया है। सांसद धर्मबीर सिंह, अरविंद शर्मा, कृष्णपाल गुर्जर, रमेश चंद्र कौशिक, राव इंद्रजीत सिंह, संजय भाटिया, सुनीता दुग्गल समेत राज्य सभा के सांसद डीपी वत्स, रामचंद्र जांगड़ा, कृष्ण पंवार ने अपने क्षेत्र के मुद्दों को रखा तो मुख्यमंत्री ने उन्हें आश्वस्त किया कि जनहित के हर मुद्दे पर सरकार हर हालzwnj; में कदम बढ़ाएगी। मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने सभी की बातों को ध्यान से सुना, समझा और आश्वासन दिया है कि जनहित के हर मुद्दे पर हरियाणा सरकार द्वारा काम किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि सांसदों द्वारा रखी गई हर समस्या का समाधान किया जाएगा।

लोकसभा और विधानसभा चुनावों पर भी चर्चा

प्रदेश प्रभारी बिप्लब देब ने कहा कि देश और प्रदेश की जनता भाजपा सरकार के कार्यों से खुश हैं। हमें बस जनता से संवाद लगातार बनाए रखना होगा। बिप्लब देब ने कहा कि 2024 में हरियाणा की 10 की 10 लोकसभा सीटें जीतकर मोदी जी की झोली में डालनी हैं। बैठक में प्रदेश संगठन मंत्री रविन्द्र राजू ने भी संगठनात्मक विषयों को रखा।

दरअसल, भाजपा के हरियाणा मामलों के प्रभारी व त्रिपुरा के पूर्व सीएम बिप्लब कुमार देब प्रदेश के राजनीतिक हालातों के साथ-साथ आगामी लोकसभा व विधानसभा चुनावों को लेकर पार्टी के हर छोटे से बड़े कार्यकर्ता का मन टटोल रहे हैं। वे भाजपा-जजपा गठबंधन को लेकर भी अधिकांश नेताओं से बातचीत कर चुके हैं। इसी कड़ी में मंगलवार को गुरुग्राम स्थित भाजपा कार्यालय में प्रभारी ने लोकसभा व राज्यसभा सांसदों के साथ बातचीत की।

देर रात तक चली इस बैठक से पहले सामूहिक बैठक हुई। बैठक में लोकसभा क्षेत्रवार की जाने वाली रैलियों का रोडमैप तय किया गया। पहला फोकस 18 जून को सिरसा में होने वाली केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह की रैली को लेकर है। इस रैली को भीड़ के लिहाज से कामयाब बनाने में भाजपा पूरी तरह से जुटी है। माना जा रहा है कि अमित शाह चौटालाओं के गढ़ से आगामी लोकसभा चुनावों का बिगुल फूंक सकते हैं।

भाजपा से जुड़े सूत्रों के अनुसार, गुरुग्राम की बैठक में सांसदों के साथ सामूहिक बैठक के बाद उनके साथ वन-टू-वन मीटिंग की गई।

वन-टू-वन मीटिंग के दौरान बिप्लब कुमार देब के अलावा सीएम मनोहर लाल खट्zwnj;टर, प्रदेशाध्यक्ष ओमप्रकाश धनखड़ और संगठन मंत्री रविंद्र राजू मौजूद रहे। बैठक में कुरुक्षेत्र सांसद नायब सिंह सैनी और हिसार सांसद बृजेंद्र सिंह नहीं पहुंचे। केंद्रीय मंत्री राव इंद्रजीत सिंह, कृष्णपाल गुर्जर के अलावा भिवानी-महेंद्रगढ़ सांसद धर्मबीर सिंह, रोहतक सांसद डॉ. अरविंद शर्मा, सोनीपत सांसद रमेश चंद्र कौशिक, करनाल सांसद संजय भाटिया और सिरसा सांसद सुनीता दुग्गल मौजूद रहीं। रतनलाल कटारिया के निधन के बाद से अंबाला सीट खाली है। वहीं, राज्यसभा सांसद जनरल (सेवानिवृत्त) डीपी वत्स, रामचंद्र जांगड़ा और कृष्णलाल पंवार बैठक में शामिल हुए। निर्दलीय सांसद कार्तिकेय शर्मा को इस बैठक में नहीं बुलाया गया था।

गठबंधन को लेकर भी चर्चा

सांसदों के साथ हुई वन-टू-वन मीटिंग के दौरान प्रभारी ने भाजपा-जजपा गठबंधन को लेकर चर्चा की। उनसे यह जाना गया कि अब आगे गठबंधन जारी रखना चाहिए या नहीं। उनसे यह भी पूछा गया कि आगे अगर निर्दलीयों के सहारे सरकार चलाई जाए तो इससे क्या नफा-नुकसान हो सकता है। बताते हैं कि अधिकांश सांसद ‘एकला चलो’ की हिमायत करते रहे। उन्होंने दलील दी कि गठबंधन की वजह से अब भाजपा को राजनीतिक नुकसान हो रहा है। लोकसभा के साथ विधानसभा चुनाव करवाए जाने के संकेत केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने पिछले दिनों अपने हरियाणा दौरे के दौरान दिए थे। उसके बाद से इन चर्चाओं से जोर पकड़ा हुआ है। हालांकि लोकसभा और विधानसभा चुनावों में सात से आठ महीनों का अंतर है।

सरकार के कामकाज पर मंथन

बैठक में सांसदों से प्रदेश की मनोहर सरकार के कामकाज को लेकर भी पूछा गया। उनसे संगठन को लेकर भी सवाल-जवाब किए गए। सांसदों से यह जाना गया कि ऐसे कौन से कार्य करने चाहिए, जिससे पार्टी को राजनीतिक तौर पर फायदा मिल सके। केंद्र व राज्य की ऐसी कौन सी योजनाएं हैं, जिनका ग्राउंड पर अधिक असर हो सकता है। इतना ही नहीं, सांसदों से सुझाव भी लिए गए ताकि उन पर अमल किया जा सके। सरकार की कार्यशैली में अगर किसी तरह के बदलाव की जरूरत है तो वह क्या हो सकता है। ऐसे तमाम बिंदुओं पर सांसदों की राय ली गई। 

कई सांसद गठबंधन के खिलाफ

सूत्रों का कहना है कि गुरुग्राम की बैठक में अधिकांश सांसद गठबंधन को और लम्बा खींचने के पक्ष में नहीं दिखे। कइयों ने जजपा की कार्यशैली पर भी सवाल उठाए। बहरहाल, अब हर किसी की नज़रें 16 को संभावित शीर्ष नेतृत्व की बैठक पर लगी हैं। इधर, हरियाणा के राजनीतिक और प्रशासनिक गलियारों में भी गठबंधन का ही मुद्दा चर्चाओं का केंद्र बना हुआ है। हरियाणा सिविल सचिवालय में ब्यूरोक्रेसी से लेकर मंत्रियों व अधिकारियों के निजी स्टाफ तक में भी गठबंधन के भविष्य को लेकर ही चर्चाओं का बाजार गरम है।

हरियाणा में भाजपा ने तैयार किया रैलियों का रोडमैप, अमित शाह के बाद इन दिग्गजों की होंगी रैलियां

अमित शाह 18 जून को सिरसा में विकास रैली करेंगे। उसके बाद सोनीपत संसदीय क्षेत्र में केंद्रीय मंत्री नितिन गड़करी, अंबाला संसदीय क्षेत्र में रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह और करनाल संसदीय क्षेत्र में खेल मंत्री अनुराग ठाकुर भाजपा की जन विकास रैलियों को संबोधित करेंगे। इन रैलियों में जहां भाजपा अब तक हुए कार्यों का पूरा रिपोर्ट कार्ड पेश करेगी, वहीं मिशन 2024 की जोरदार ढंग से शुरुआत करते हुए तीसरी बार देश की सत्ता प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को सौंपने का आह्वान किया जाएगा।

हरियाणा भाजपा के अध्यक्ष ओमप्रकाश धनखड़ ने पार्टी प्रभारी बिप्लब कुमार देब, मुख्यमंत्री मनोहर लाल और संगठन मंत्री रवींद्र राजू के साथ बैठकर इन रैलियों का रोडमैप तैयार किया है। रैलियों के कार्यक्रमों को अंतिम रूप देने के लिए ओमप्रकाश धनखड़ बुधवार रात को नई दिल्ली में बिप्लब देब से भी मिले हैं। सिरसा रैली की जिम्मेदारी सौंपी जा चुकी है। सांसद सुनीता दुग्गल रैली की संयोजक हैं, जबकि पूर्व उद्योग मंत्री विपुल गोयल रैली के व्यवस्था प्रभारी व शिक्षा मंत्री कंवरपाल गुर्जर समन्यवक हैं।

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