हाईकोर्ट ने भारत सरकार, एन.एच.ए.आई., हरियाणा सरकार व सिंचाई विभाग को जारी किया नोटिस।

वैद्य पण्डित प्रमोद कौशिक

कुरुक्षेत्र, 2 जून : कुरुक्षेत्र जिला के विभिन्न गांवों से गुजरने वाली मारकंडा नदी के ओवरफ्लो एवं बाढ़ के पानी से फसलों के बर्बाद होने के मामले में पिछले कई दिनों से किसान प्रशासन, विधायक, मंत्री एवं मुख्यमंत्री के समक्ष गुहार लगाने के बाद पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट में पहुंच गए हैं।

मिली जानकारी के अनुसार हाईकोर्ट में अखिल भारतीय श्री मारकंडेश्वर जनसेवा ट्रस्ट के अध्यक्ष महंत जगन्नाथ पुरी एवं 16 गांवों के प्रतिनिधियों की तरफ से याचिका दायर की गई है। इस याचिका पर अधिवक्ता मीनाक्षी सिंह ने हाईकोर्ट में मारकंडा नदी के मामले में किसानों की तरफ से पक्ष रखा। अधिवक्ता मीनाक्षी सिंह ने बताया कि हाईकोर्ट ने सुनवाई के बाद मारकंडा नदी के ओवरफ्लो एवं बाढ़ के पानी से फसलों के बर्बाद होने के मामले को गंभीरता से लेते हुए भारत सरकार, एन.एच.ए.आई., हरियाणा सरकार, प्रोजेक्ट डायरेक्टर व सिंचाई विभाग को नोटिस जारी किया है। हाईकोर्ट ने इस मामले में 28 अगस्त की आगामी डेट लगाते हुए भारत सरकार, एन.एच.ए.आई., हरियाणा सरकार, प्रोजेक्ट डायरेक्टर व सिंचाई विभाग को कहा है कि कोर्ट में एन.एच.ए.आई. तथा सरकार की तरफ से पक्ष रखें। हाईकोर्ट ने किसानों के पक्ष को गंभीरता से लिया है। किसानों की फसलों को नुक़सान नहीं पहुंचना चाहिए। अधिवक्ता मीनाक्षी सिंह ने कहा कि किसानों की यह याचिका समाज हित में तथा सभी किसानों के हित में है। सरकार से पूछा गया है कि किसानों की फसलों को मारकंडा नदी के ओवरफ्लो एवं बाढ़ के पानी से फसलों के बर्बाद होने से बचाने के लिए कितने पुलों के निर्माण को निर्धारित किया है।

हाईकोर्ट में याचिका की सुनवाई के बाद मालक सिंह, सतपाल सिंह, निर्मल सिंह, बलकार सिंह, तरसेम सिंह, सुरेंद्र सिंह, भूपेंद्र सिंह, हरबंस सिंह, कश्मीर सिंह, सुखदेव सिंह, संदीप, रघुवीर सिंह, बलविंदर सिंह, सुखवीर सिंह, जयदेव, मेजर सिंह, लवजोत, सतविंदर सिंह, गुरबक्श सिंह, गुरनाम सिंह, जगतार सिंह, लखविंदर सिंह, नसीब सिंह, मुख्तियार सिंह, महिंद्र सिंह, गुरविंदर सिंह, जरनैल सिंह, नाजर सिंह इत्यादि किसानों ने बताया कि वे हाईकोर्ट में जाने से पहले जिला प्रशासन के अधिकारियों, विधायक, राज्य मंत्री एवं मुख्यमंत्री हरियाणा के समक्ष नई बनने वाली सड़क एन. एच. 152 जी का काम ठीक करने, पुलों के निर्माण तथा अपनी सैंकड़ों एकड़ फसल बचाने के लिए गुहार लगा चुके हैं।

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