-कमलेश भारतीय एक बार फिर राहुल गांधी की भारत जोड़ो यात्रा चर्चा में है । कारण सीधा है राहुल की ओर से कैलिफोर्निया यात्रा के दौरान यह कह देना कि मुझसे पहले गुरु नानक देव जी जैसे कई लोग भारत जोड़ो यात्रा कर चुके हैं । वे भारत से मक्का गये, थाईलैंड गये और श्रीलंका भी गये ! उन्होंने मुझसे बहुत पहले भारत जोड़ो यात्रा की थी । जब मैने जन्म भी नहीं लिया था । इस बयान पर शिरोमणि अकाली दल के सुप्रीमो और पंजाब के पूर्व उपमुख्यमंत्री सुखबीर सिंह बादल ने कहा कि राहुल को ऐसे विषय पर, बोलने से परहेज करना चाहिये जिसके बारे में उन्हें ज्ञान न हो ! इसी तरह भाजपा नेता मनजिंदर सिरसा ने कहा कि राहुल गांधी की यात्रा का मकसद शुद्ध अपना और और अपने परिवार का राजनीतिक लाभ लेना था । भारत जोड़ो यात्रा का मानवता से कोई लेना देना नहीं था । यहां तक यात्रा की बात है तो सचमुच यात्रायें भी अलग अलग तरह की होती हैं । इनके उद्देश्य भी अलग होते हैं । जैसे राहुल की भारत जोड़ो यात्रा शुद्ध राजनीतिक थी और इस मकसद में उन्हें सफलता मिलती भी दिखाई दे रही है -खासतौर पर हिमाचल और कर्नाटक में कांग्रेस की जीत के बाद यह कहा जा सकता है कि आखिर दो राज्यों में मोहब्बत की दुकान चल निकली ! अब आगे हरियाणा, राजस्थान, मध्यप्रदेश, छत्तीसगढ़ में क्या होता है यह आने वाला समय बतायेगा । हरियाणा में तो राहुल की भारत जोड़ो इसलिये भी फिर से चर्चा में आ रही है कि इनकी यात्रा के बाद पहले निर्दलीय विधायक बलराज कुंडू ने यात्रा निकाली और आजकल इनेलो के ऐलनाबाद से विधायक और पार्टी के राष्ट्रीय महासचिव अभय चौटाला भी परिवर्तन यात्रा पर हैं । उनकी यात्रा भी मेवात से शुरू हुई और आजकल हिसार के विधानसभा क्षेत्रों में चल रही है और इसकी स्वाभाविक तौर पर तुलना राहुल की यात्रा से होने लगी है और लोग सोच रहे हैं कि आखिर अभय को यात्रा क्यों करनी पड़ी ! जबकि राहुल ने अपनी यात्रा में दो टूक बात कही थी कि उसकी इमेज धूमिल करने के लिये भाजपा ने करोड़ों रुपये खर्च कर डाले और मैंने भारत जोड़ो यात्रा में एक ही झटके में ये बर्बाद कर डाले ! वे गलत नहीं थे । राहुल गाधी को पप्पू साबित करने पर पूरे का पूरा आईटी प्रकोष्ठ लगा हुआ है आज तक । अभी नया नया चुटकुला पढ़ा । राहुल पूछ रहे हैं -वो ऊंची ऊंची घास कैसे ?-नहीं । ये घास नहीं है । यह तो गन्ना है खेत में । -फिर गुड़ कब लगेगा ?-गुड़ लगता नहीं हुजूर । बाद में गन्ने के रस को उबाल कर बनाया जाता है । इससे साबित होता है कि अभी भाजपा आईटी प्रकोष्ठ ने हार नहीं मानी है और राहुल को बीच बीच में छोटी छोटी यात्रायें करते रहना चाहिये ! वैसे राहुल ने संसद सदस्य रद्द करने पर पूछे सवाल के जवाब में कहा कि कभी सोचा न था कि लोकसभा से उन्हें इस प्रकार अयोग्य ठहराया जायेगा । इससे मुझे लोगों की सेवा करने का बड़ा अवसर मिला है । इसी प्रकार अभय चौटाला यह कह रहे हैं कि मुझे सब इग्नोर कर रहे थे और मेरी यात्रा की आलोचना कर रहे थे कि यह क्या यात्रा करेगा ! बीच में ही भाग जायेगा लेकिन मैंने अब तक दो हजार किलोमीटर की यात्रा पूरी कर ली है । जैसे राहुल गांधी और अभय चौटाला ने सच का सामना किया और लोगों के बीच जाकर उनकी नब्ज पहचानने की कोशिश की । दूसरी ओर पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा , दीपेंद्र हुड्डा और कांग्रेस के प्रदेशाध्यक्ष उदयभान सहित कांग्रेस नेता हाथ जोड़ो यात्रा पर निकले हैं तो कभी भूपेंद्र सिंह हुड्डा विपक्ष आपके द्वार कार्यक्रम चलाते हैं जिससे जनता के मन की बात पकड़कर रणनीति बनाई जा सके भाजपा को घेरने की ! प्रतिपक्ष नेता के तौर पर श्री हुड्डा सड़क, बिजली , पानी , स्वास्थ्य और शिक्षा जैसे मुद्दों पर सरकार को घेरने में लगे हैं । चाहे कांग्रेस हो या इनेलो दोनों चुनावी वादे करने में भी पीछे नहीं हैं । इनके वृद्धावस्था पेंशन , बेरोजगारी भत्ता और रसोई गैस सिलेंडर प्रमुख हैं । श्री हुड्डा तो गरीबों को सौ सौ गज के प्लाट की याद भी दिला रहे हैं और खिलाडियों को पदक लाऑए पल पद देने की भी ! इस तरह मुख्यमंत्री जनसंवाद पर निकले हैं । यह भी यात्रा ही है और जनता से समस्याओं की जानकारी लेना है । चलिये ! हमारी आज की विचार यात्रा संपन्न हुई ! कल मिलेंगे नयी बात और नये विचार के साथ ! कहां तो तय था चिरागां हरेक घर के लियेकहां चिराग मयस्सर नही शहर के लिये (दुष्यंत कुमार )-पूर्व उपाध्यक्ष, हरियाणा ग्रंथ अकादमी । 9416047075 Post navigation विकास के नए आयाम लिखेगा उकलाना का गांव प्रभूवाला परिवर्तन यात्रा : युवा व महिलाओं की भागीदारी सबसे ज्यादा