बोधराज सीकरी की अगुवाई में पंजाबी बिरादरी महासंगठन के सहयोग से लगभग 24 स्थानों पर मंदिरों और संस्थाओं ने किया मीठा शर्बत का वितरण
धर्मग्रंथों की कथा के अनुसार श्री श्वेत वराह कल्प के प्रारंभ में देवर्षि नारद की विष्णु भक्ति देखकर ब्रह्मा जी बहुत प्रसन्न हुए। नारद जी ने अपने पिता व सृष्टि के रचयिता ब्रह्माजी से कहा कि हे परमपिता! मुझे कोई ऐसा उपाय बताएं जिससे मैं जगत के पालनकर्ता श्रीविष्णु भगवान के चरणकमलों में स्थान पा सकूं। पुत्र नारद का नारायण प्रेम देखकर ब्रह्मा जी ने श्रीविष्णु की प्रिय निर्जला एकादशी व्रत करने का सुझाव दिया। निर्जला एकादशी को भीमसेनी एकादशी भी कहा जाता है – बोध राज सीकरी।

गुरुग्राम। दिनांक 31/5/2023 बुधवार को निर्जला एकादशी के दिन प्रातः 10:30 बजे से न्यू गुरुग्राम और ओल्ड गुरुग्राम के लगभग 24 स्थानों पर अलग-अलग मंदिर और संस्थाओं द्वारा मीठा शर्बत का वितरण पंजाबी बिरादरी के सहयोग से किया गया। इन सभी स्थानों पर पंजाबी बिरादरी महा संगठन द्वारा आम जनता और उपवास करने वालों के लिए भी दस हजार से अधिक लोगों के लिए आलू भै के प्रसाद की व्यवस्था की गई। इस महान कार्य में समन्वय बिरादरी के वरिष्ठ उप प्रधान ओम प्रकाश कथूरिया और महा मंत्री राम लाल ग्रोवर द्वारा किशोरी लाल डुडेजा की सहायता से किया गया।

प्रसाद वितरण का कार्यभार नरेश चावला, किशन चावला और अनिल कुमार द्वारा सकुशल किया गया। सुरेंद्र कुमार खुल्लर प्रधान श्री केंद्रीय सनातन धर्म सभा (गुरुग्राम) और उनकी टीम का मार्गदर्शन मिला। पालम विहार एरिया का संचालन यदुवंश चुग और उनकी टीम द्वारा किया गया। चौबीस स्थानों पर समय पर प्रसाद को एक समय में पहुँचना एक बहुत बड़ा प्रशंसनीय कार्य था। बोध राज सीकरी ने सभी को इस नेक कम के लिए साधुवाद किया।

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