-कमलेश भारतीय

सुबह चाय के प्याले पर इनेलो नेता व विधायक अभय चौटाला से वादा किया था कि गांव गाँव में चल रही परिवर्तन यात्रा भी देखने आना और मैंने वह वादा कल शाम ही पूरा कर दिया जब खरड़ अलीपुर शाम के समय पहुंच गया । तब तक बारिश शुरू हो चुकी थी और अभय ने मिलते ही मुस्कुराते कहा कि भाई साहब बारिश शुरू हो गयी । बस । अभी मैं लोगों से अपनी बात बारिश में भी कहने जा रहा हूं और वे एक बरामदे के पास पहुंच गये और लोगों को संबोधित करना शुरू किया । ऊसल में यह संबोधन अपने दादा चौ देवीलाल और पिता ओमप्रकाश चौटाला के अंदाज से मिलता जुलता था । दोनों को मैंने सुना है पिछले सालों में । अब अभय चौटाला को सुन रहा हूं ।

वही लोगों से सवाल जवाब का अंदाज । बताओ भाई आपकी यानी किसान की आमदनी दुगुनी हुई ? उल्टे काले कानून बना दिये थे जिनको रद्द करवाने के लिये तेरह महीने लम्बा संघर्ष करना पड़ा ! अब सरसों की फसल औने पौने दामों में बेचनी पड़ी कि नहीं ? नये नये सरपंच बने हो , आपकी वित्तीय शक्तियां नहीं बढाईं उल्टे लाठीचार्ज किया । किया का नहीं ? इस अंदाज में संवाद करते करते पैंतालीस विधानसभा क्षेत्रों में अब तक सत्रह सौ से ज्यादा किलोमीटर पैदल आप लोगों के बीच पहुंचा हूं । बताओ आप सच सच कि भाजपा-जजपा गठबंधन सरकार से दुखी हो कि नहीं ?

इस अंदाज में बात करने के बाद वादों की बारिश करने लगे -तीन योजनायें जो दादा ने चलाई थीं -कन्यादान, वृद्धावस्था पेंशन और दस हजार रुपये का कर्ज माफ याद दिलाईं । अब गृहणियों को एक माह में एक रसोई गैस सिलेंडर मुफ्त और ग्यारह सौ रुपये खाते में, बेरोजगारी भत्ता 21000 रुपये और वृद्धावस्था पेंशन 7500 रुपये !

और अंत में भाई अब राम राम नहीं , परिवर्तन , परिवर्तन कहो -भाजपा वालों को कहो , जजपा वालों को कहो , कांग्रेस वालों को कहो ! जब तक वे परिवर्तन लाने के लिये सहमत न हो जायें ! हम सरपंचों की वित्तीय शक्तियां बढ़ायेंगे, गांवों में स्कूल और स्वास्थ्य सेवायें अच्छी देंगे । बिजली की दरें कम करेंगे ! राज बदलो और अपना राज बनाओ !
बस । इतना कहकर अगले गांव की ओर चल पड़े पदयात्रा पर !

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