जिनके होंठों पे हंसी, पांव पे छाले होंगे, वही लोग परिवर्तन लायेंगे

-कमलेश भारतीय

इनेलो नेता और विधायक अभय चौटाला 24 फरवरी से हरियाणा में परिवर्तन यात्रा पर हैं और आजकल हिसार के आसपास के गांवों में यात्रा पर आ चुके है। चौधरीवास से प्रवेश किया और आज बालावास में दोपहर के विश्राम के समय मुझे प्रदीप बाजिया और विनोद कस्वां इन्हें मिलाने दोपहरी में ले चले। रास्ते भर मैं कुछ सवाल सोचता रहा। कभी चौ देवीलाल जी का करिश्मा भी देखा था और उनके साथ भी यात्रायें की थी। जनसभाओं की कवरेज के लिये। अब अभय चौटाला में क्या चौधरी देवीलाल वाली छवि देखी जा सकती है। बालावास पहुंचा तो एक समर्थक के घर कूलर के आगे चारपाई पर सिर्फ बनियान और पायजामे में आराम कर रहे थे। मेरी इनसे पहली मुलाकात बेटी रश्मि की शादी के समय की है जब ये उसका शगुन देने आये थे और खुद ही बताया था कि मैं बिल्लू हूं । मैं नया था हरियाणा में तो पूछा बिल्लू कौन? फिर बताया कि अभय चौटाला हूँ। बाबू जी ने बेटी के लिये शगुन भिजवाया है। वही देने आया हूं और थोड़ा सा जलपान कर जल्दी चले गये कि और जगह भी जाना है ।

आज परिवर्तन यात्रा के दौरान देख रहा हूं कि पांव पे छाले न सही लेकिन उंगलियों पर पट्टियां बंधी हुई हैं। पूछा हाल तो बोले कि अब तो ठीक हो रही हैं। खैर । कुछ सवाल किये जो ज्यों के त्यों आपके लिये प्रस्तुत हैं।

यात्रा कैसे और कितने समय तक करते हो?
जवाब: सुबह छह बजे को उठ जाता हूं । सात बजे तक तैयार हो जाता हूं । सात से आठ बजे तक लोगों से बातचीत के बाद आठ बजे यात्रा शुरू कर देता हूं । दोपहर एक बजे तक । फिर आराम । चार बजे से फिर यात्रा पर निकल पड़ता हूं। एक दिन मेरे औसत रूप से बीस किलोमीटर की यात्रा हो जाती है। लगभग आठ बजे यात्रा समाप्त होती है ।

क्या क्या मुद्दे लोगों ने सामने रखे?
जवाब: कोई भाषणबाजी नहीं करता लोगों से सीधी सीधे बातें करता हूं । पांच बातें सामने आ रही हैं- पेयजल की कमी, खेलों के लिये मैदान नहीं, स्कूल में शिक्षक नहीं, डिस्पेंसरी में डॉक्टर नहीं, सडक़ें खस्ताहाल। इसी घर के बाहर सडक़ देखिये! सबसे ज्यादा पोर्टल्ज और पहचान-पत्रों से दुखी हैं लोग।

परिवर्तन यात्रा से अभय चौटाला में क्या परिवर्तन आया?
जवाब: मेरे बारे में जो दुष्प्रचार किया जा रहा था कि मैं किसी से मिलता नहीं, घमंडी हूं वह खत्म हो गया। सभी दल मेरे खिलाफ दुष्प्रचार में जुटे थे। अब लोगों को पता चला कि हमारी लड़ाई लड़ने वाला कौन है! झूठा प्रचार खत्म हो गया।

जंतर-मंतर पर महिला पहलवानों को समर्थन देने गये थे। क्या कहना है?
जवाब: हमदर्दी सब जताते हैं लेकिन साथ धरने पर तो नहीं बैठते । प्रधानमंत्री को जाकर तो नहीं मिलते । यह केंडल मार्च से कुछ नहीं होने वाला। दिल्ली को चारों ओर से हरियाणा ने घेर रखा है। हरियाणा बंद का आह्वान किया जाना चाहिए। कोई झटका तो सरकार को लगे! ऐसे कौन सुनेगा?

पंचायत मंत्री बबली ने नवनिर्वाचित सरपंचों की वित्तीय शक्तियां नहीं बढ़ाई। क्या कहेंगे?
जवाब: पंचायत मंत्री नादान है । राजनेता के गुण नहीं हैं इसमें । मैंने सुझाव दिया था। आहिस्ता आहिस्ता चलना चाहिए लेकिन नहीं मानते किसी की।

इनेलो जजपा का अलगाव?
जवाब: स्वार्थ का अलगाव है।

कभी एक भी हो सकते हैं?
जवाब: कोई संभावना नहीं ।

गठबंधन किससे होगा?
जवाब: अभी तो चुनाव दूर हैं । जब समय आयेगा तब गठबंधन पे सोचा जायेगा ।

हुड्डा और उनका बेटा कह रहे हैं कि नब्बे की नब्बे सीटों पर चुनाव लड़ेंगे फिर क्या और किससे होगा गठबंधन?
बस। मैंने आराम के समय में से ज्यादा समय लेने अच्छा नहीं समझा। अभय चौटाला ने भी हाथ मिलाया और मैं चल दिया।