भाजपा के वर्तमान छह लोकसभा सांसद व भाजपा-जजपा से सम्बन्धित 15 से 20 विधायक कांग्रेसी है जिन्होंने वर्ष 2014 से 2019 के बीच कांग्रेेस छोडकर भाजपा में छलांग लगाई थी : विद्रोही
जो कांग्रेसी सत्ता के लिए वर्षो पुरानी कांग्रेस से सम्बन्ध तोडकर अपने वैचारिक विरोधी भाजपा में सत्ता के लिए जा सकते है, उन्हे सत्ता के लिए अपनी मूल विचारधारा कांग्रेस में वापिस आने में कितनी देर लगेगी? विद्रोही

23 मई 2023 – स्वयंसेवी संस्था ग्रामीण भारत के अध्यक्ष एवं हरियाणा प्रदेश कांग्रेस कमेटी के प्रवक्ता वेदप्रकाश विद्रोही ने आरोप लगाया कि सत्ता अहंकार के मद में मस्त हरियाणा के भाजपाई-संघी कर्नाटक में मिली कांग्रेस की शानदार जीत को छोटी-मोटी जीत बताकर ना केवल हार की हताशा में अपनी भड़ास निकाल रहे है बल्कि कर्नाटक मतदाताओं के जनोदश का भी अपमान कर रहे है। विद्रोही ने कहा कि कर्नाटक की कांग्रेस की शानदार जीत को मामूली बताने वाले भाजपाई-संघी पंचायतों, नगरपालिकाओं में मिली मामूली जीत और छोटे राज्यों में अपने गठबंधन सहयोगी के साथ दो-चार विधानसभा सीटे जीतकर सत्ता में भागीदारी होने पर इतरा-इतरा कर भाजपा के क्षेत्रिय दलों की सरकार के पिछलग्गू बनने को भी ऐसे प्रस्तुत करते है मानो उन्होंने भारी जीत दर्ज की हो। अपनी मामूली जीत को ऐतिाहासिक व कांग्रेस की ऐतिहासिक जीत को मामूली बताने की अनैतिकता, बेशर्मी सत्ता अहंकारी भाजपाई-संघी ही कर सकते है। 

विद्रोही ने कहा कि हिमाचल व कर्नाटक में कांग्रेस को मिली भारी जीत व मध्यप्रदेश में भाजपा की साफ दिख रही हार और छत्तीसगढ़, राजस्थान में कांग्रेस की वापसी की संभावनाओं के मध्यनजर हरियाणा भाजपा नेताओं को अपने राजनीतिक भविष्य की चिंता सता रही है। तभी भाजपा-जजपा के हरियाणा से 15 से 20 सांसद, विधायक, बड़े नेता काग्रेस में शामिल होने की संभावनाएं टटोल रहे है। वहीं हर रोज बूथ, विधानसभा व जिलास्तर के भाजपा कार्यकर्ता प्रदेश के कोने-कोने से कांग्रेस में शामिल हो रहे है, उससे भी भाजपा में भारी हताशा व निराशा है। हरियाणा भाजपा के नेता अच्छी तरह से जानते है कि भाजपा-जजपा के विधायक व नेता भविष्य में कभी भी छलांग लगाकर कांग्रेस में जा सकते है। इस स्थिति की हताशा में हरियाणा के भाजपाई-संघीे बौखलाकर कांग्रेस के प्रति अनाप-शनाप व अभद्र बोलो का प्रयोग कर रहे है। 

विद्रोही ने कहा कि जमीनी वास्तविकता यह है कि हरियाणा में भाजपा की स्थिति कहीं की ईंट कहीं का रोडा-भानमति ने कुनबा जोडा वाली है। भाजपा के वर्तमान छह लोकसभा सांसद व भाजपा-जजपा से सम्बन्धित 15 से 20 विधायक कांग्रेसी है जिन्होंने वर्ष 2014 से 2019 के बीच कांग्रेेस छोडकर भाजपा में छलांग लगाई थी। अब वे पुराने कांग्रेसी भाजपा में अपना कोई राजनीतिक भविष्य नही देख रहे है, इसलिए वे कांग्रेस में अपने पुराने समर्थकों के साथ घर वापसी के लिए हाथ-पैर मार रहे है। सवाल उठता है कि जो कांग्रेसी सत्ता के लिए वर्षो पुरानी कांग्रेस से सम्बन्ध तोडकर अपने वैचारिक विरोधी भाजपा में सत्ता के लिए जा सकते है, उन्हे सत्ता के लिए अपनी मूल विचारधारा कांग्रेस में वापिस आने में कितनी देर लगेगी? विद्रोही ने कहा कि लोकसभा व विधानसभा चुनाव 2024 के पूर्व हरियाणा भाजपा में भारी भगदड़ मचेगी और जिनकी कांग्रेस नेतृत्व से गोटिया फिट हो गई है, वे कांग्रेस में वापिस आने तय है। 

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