चण्डीगढ,21मई:-हरियाणा रोङवेज कर्मचारी एकता युनियन के राज्य प्रधान बलवान सिंह दोदवा ने ब्यान जारी करते हुए आरोप लगाया है कि रोङवेज कर्मचारीयों को जिस बात का डर था, उनके साथ वही हो गया। परिवहन विभाग में आशा के विपरीत थोक में तबादले हुए हैं। हां,करने वालों के कम तथा ना का आप्शन करने वाले कर्मचारीयों के तबादले ज्यादा हुए हैं। ऑनलाइन ट्रांसफर पॉलिसी के तहत हुए तबादलों में पुरे प्रदेश से कुल 1841कर्मचारी बदलें गये हैं,जिनमें 883 चालक, 828 परिचालक व 130 लिपिक वर्ग से हैं। दोदवा ने बताया कि पॉलिसी के तहत हुए तबादलों में सबसे ज्यादा रोहतक डिपो के कर्मचारी प्रभावित हुए हैं,जिसमें 105 परिचालक व 94 चालकों के तबादले हुए हैं जो पुरे प्रदेश में सर्वाधिक हैं। ऑनलाइन हुए तबादलों से कर्मचारीयों में हडकंप मचा हुआ है। जिन कर्मचारीयों के तबादले मनचाहे डिपुओं में हुए हैं उनमें खुशी की लहर है तथा जिनके दूर-दराज के डिपुओं में हुए हैं उनमें बैचैनी का माहोल बना हुआ है। पॉलिसी के तहत थोक में व जबर्दस्ती हुए तबादलों से जहां विभाग में अफरा-तफरी का माहोल पैदा होगा, वहीं परिवहन के संचालन में भी काफी बाधा आएगी। जिसके कारण प्रदेश की जनता को भारी परेशानी का सामना करना पङेगा। दोदवा ने बताया कि परिवहन मन्त्री जी बार-बार ब्यान जारी करके कर्मचारीयों को आश्वासन दे रहे थे कि जो कर्मचारी स्वेच्छा से चाहेगा उसी कर्मचारी का तबादला होगा,लेकिन आज चाहने वालों के कम तथा न चाहने वालों के तबादले ज्यादा,वो भी दूर-दराज के डिपुओं में हो रहे हैं। इससे साफ जाहिर होता है या तो मन्त्री जी को पॉलिसी के बारे में पुरी जानकारी नहीं थी या मन्त्री जी झुठे ब्यान देकर कर्मचारियों को बरगलाने का काम कर रहे थे। इससे यह भी जाहिर होता है कि मन्त्री जी की करनी व कथनी में काफी अन्तर है। दोदवा ने यह भी आरोप लगाया है कि 16 मई,2023 को सांझा मोर्चा की बुलाई गई बैठक का मुख्य उद्देश्य भी ऑनलाइन ट्रांसफर पॉलिसी पर सहमती लेना था,क्योकि खुद सांझा मोर्चा का ब्यान था कि बैठक में किसी भी मांग पर कोई सहमति नहीं हुई। इसका सीधा सा मतलब है कि परिवहन अधिकारियों ने किसी भी मांग पर बात करने की बजाय सांझा मोर्चा को एक ही हिदायत जारी की गई कि थोक में ऑनलाइन ट्रांसफर होंगे, लेकिन सांझा मोर्चा के किसी भी प्रतिनिधि ने इसका विरोध नहीं करना तथा चूप रहना है। यही कारण है कि कर्मचारीयों पर इतना बङा हमला होने के बावजूद भी इसके विरोध में सांझा मोर्चा के किसी भी प्रतिनिधि अब तक कोई ब्यान नहीं आया। इसलिए हरियाणा रोङवेज कर्मचारी एकता युनियन थोक में व अनचाहे तरीके से हुए तबादलों का डटकर विरोध करती है तथा सरकार से मांग करती है कि ऑनलाइन ट्रांसफर पॉलिसी में संशोधन किया जाए तथा उन्ही कर्मचारियों के तबादले मनचाहे डिपुओं में किये जायें जो स्वेच्छा से करवाना चाहते हैं ताकि बसों का संचालन बाधित न हो। Post navigation हुड्डा साधते हैं खट्टर पर निशाना, करते हैं भाजपा के मोदी मैजिक फॉर्मूले पर पलटवार हरियाणा में आज से मनाया जाएगा सडक़ सुरक्षा सप्ताह : मुख्यमंत्री