पूर्व प्रधानमंत्री स्वर्गीय राजीव गांधी के 32वें बलिदान दिवस पर उनको नमन व भावभीनी श्रद्घांजलि

21 मई 2023 – स्वयंसेवी संस्था ग्रामीण भारत के अध्यक्ष एवं प्रदेश कांग्रेस कमेटी के प्रवक्ता वेदप्रकाश विद्रोही ने भारत रत्न पूर्व प्रधानमंत्री स्वर्गीय राजीव गांधी के 32वें बलिदान दिवस पर अपने कार्यालय में उनको नमन करके अपनी भावभीनी श्रद्घांजलि अर्पित की। इस अवसर पर विद्रोही ने कहा कि 32 वर्ष पूर्व पेरम्बदूर में लिट्टे  समर्थक आतंकवादियों ने भारत के इस महान सपूत को मानव बम से उड़ाकर हमसे छीन लिया था। राजीव गांधी ने अपनी परमपूज्य माता श्रीमती इंदिरा गांधी की तरह ही देश की एकता, अखंडता व सामाजिक सदभाव के लिए आतंकवादियों के विरूद्घ लड़ते हुए देश के लिए अपने को बलिदान कर दिया। राजीव गांधी ने अपने मात्र 10 वर्ष के राजनीतिक जीवन में भारतीय राजनीति व समाज को इतना प्रभावित किया कि आज भी पूरा देश उनके विचारों व आदर्शो से प्रेरणा ले रहा है। उन्होंने ही देश को 21वीं सदी का भारत बनाने का सपना लेकर सूचना प्रोद्यौगिकी व कम्प्यूटर क्रांति की शुरूआत देश में की। जब विपक्षी दल राजीव गांधी की सूचना प्रोद्यौगिकी व कम्प्यूटर क्रांति का मजाक उड़ा रहे थे, तब वे प्रतिबद्घता के साथ सभी आलोचनाओं को दरकिनार करके देश व इसके युवाओं के उज्जवल भविष्य के लिए कार्य कर रहे थे।            

विद्रोही ने कहा कि देश की लोहपुरूष महिला व जनजन की लोकप्रिय नेता श्रीमती इंदिरा गांधी की अपने ही सुरक्षाकर्मियों द्वारा की गई हत्या के बाद विषम परिस्थितियों में राजीव गांधी देश के सबसे युवा प्रधानमंत्री बने। अपने पांच वर्ष के प्रधानमंत्रीत्वकाल में उन्होंने देश में नई अर्थव्यवस्था की जो नींव रखी, उसी के बल पर ही जब पूरी दुनिया आर्थिक संकट के दौर में गुजर रही थी, तब भी भारत की अर्थव्यवस्था मजबूती से खड़ी रही। इसका सारा श्रेय श्री राजीव गांधी को ही जाता है। देश के युवाओं को भारत के नवनिर्माण के लिए राजनीति में लाने व उन्हेे स्थापित करने के प्रयास के चलते ही आज के बहुत से नेता देश की राजनीति में महत्वपूर्ण पदों पर विराजमान होकर राष्ट्र की सेवा कर रहे है। विद्रोही ने कहा कि 32 वर्ष पूर्व 21 मई 1991 को राजीव गांधी तो लिट्टे आतंकवाद का शिकार होकर देश के लिए कुर्बान हो गए, लेकिन उनका जीवन चरित्र आज भी हमारे लिए प्रेरणा का स्त्रोत है। आज उनके बलिदान दिवस पर हमे आतंकवाद, क्षेत्रावाद, जातिवाद, भ्रष्टाचार, भाई-भतीजावाद, अन्याय के खिलाफ आजीवन संघर्ष करने का संकल्प लेकर ही मां भारती के इस महान सपूत के बलिदान को सच्ची श्रद्घाजंली देना ही उनके प्रति सही आदर व आभार होगा।

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