प्राथमिक रुप से कई खामियां मिली, श्मशान घाट की होगी संपूर्ण पैमाईश कब्जा धारकों की पहचान के लिए चलेगा अभियान फोर्स के माध्यम से कब्जा छुड़वाने की तैयारी हिसार। तलवंडी राणा श्मशान भूमि की जमीन कब्जाने के विवाद में मुख्यमंत्री कार्यालय के आदेशों के बाद मंगलवार को अधिकारियों एवं कर्मचारियों ने मौके का मुआयना किया। इस दौरान अधिकारियों ने पाया कि तलवंडी राणा के श्मशान घाट की जमीन पर न केवल अवैध कब्जा है, बल्कि चारदीवारी भी बिना किसी सटीक पैमाइश के बनाई गई है। अधिकारियों ने मामले की जमीनी स्थिति से मुख्यमंत्री कार्यालय एवं जिला उपायुक्त कार्यालय को भेंज दी है। इससे पहले जिला पंचायत एवं विकास अधिकारी सुभाष शर्मा की अगुवाई में हिसार प्रथम ब्लॉक ने खण्ड विकास अधिकारी रोशन लाल की निगरानी ने तीन अधिकारियों एवं कर्मचारियों ने तलवंडी राणा श्मशान भूमि का मौका मुआयना किया। इस दौरान अधिकारियों ने पाया कि श्मशान भूमि की जमीन पर वास्तव में कब्जा है। साथ ही श्मशान घाट की चारदीवारी बनाने में भी नियमों का पालन नहीं किया गया है। अधिकारियों ने वास्तविक स्थिति एवं कब्जे की पूरी जानकारी के लिए श्मशान भूमि की पैमाइश के लिए जिला उपायुक्त एवं पंचायत विभाग के आला अधिकारियों को लिखा है। साथ ही पंचायत विभाग ने स्थिति को देखते हुए जमीन की पैमाईश एवं कब्जा कार्यवाही के लिए पुलिस प्रशासन से व्यापक सुरक्षा व्यवस्था के लिए बड़े स्तर पर फोर्स मांगने की तैयारी कर ली है। ध्यान हो कि कुछ दिन पहले गांव तलवंडी राणा के पूर्व पंच जगदीश रावत व अन्य पंचों एवं ग्रामीणों ने तलवंडी राणा गांव की श्मशान भूमि को अवैध कब्जा मुक्त करवाने के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से लेकर मुख्यमंत्री मनोहर लाल, उप-मुख्यमंत्री दुष्यंत चौटाला, गृह मंत्री अनिल विज, पंचायत मंत्री देवेन्द्र बबली, जिला उपायुक्त हिसार सहित करीब एक दर्जन मंत्रियों से गुहार लगाई थी। शिकायत में ग्रामीणों ने कहा था कि कि गांव तलवंडी राणा के कुछ सरकारी कर्मचारियों, उनके परिजनों एवं एक दर्जन के करीब दंबंगों ने लंबे समय से श्मशानघाट की पांच-छह एकड़ पर कब्जा कर रखा है। ग्रामीणों के अनुसार इनमें से कर्मचारी जिला प्रशासन के मुख्य अधिकारियों के चहेते हैं और उनकी शह पर ही इन कर्मचारियों ने श्मशान भूमि कर कब्जा कर रखा है। पंच जगदीश रावत के अनुसार वर्तमान में तलवंडी राणा की मुख्य श्मशान भूमि की करीब पांच-छह एकड़ पर इनका कब्जा है, और ये प्रत्येक वर्ष खेती की जुताई एवं बिजाई की आड़ में आधे से एक एकड़ जमीन कब्जा लेते हैं। कब्जाधारकों की पहचान के लिए चलेगा अभियान:–मामले की गंभीरता को देखते हुए पंचायत विभाग एवं जिला उपायुक्त कार्यालय ने इस जमीन के कब्जाधारकों की पहचान करने के लिए व्यापक स्तर दस्तावेज एकत्र करने आरंभ कर दिए है। जिससे कि यह तय हो सके कि श्मशान भूमि की जमीन पर कुल कितने लोगों को कब्जा है। उनके या उनके परिवार के कितने लोग सरकारी नौकरी करते हैं। इसके लिए कब्जा धारकों की फैमली आईडी या दूसरे संयुक्त दस्तावेजों का खाका तैयार करने की तैयारी कर ली है। सरकारी नौकरों का खाका तैयार:-तलवंडी राणा श्मशान भूमि के कब्जाधारियों में से या उनके परिजनों में से कौन-कौन किस विभाग में और कहां नौकरी कर रहा है। इसके लिए जिला प्रशासन ने पूरा खाका तैयार कर लिया है। जिससे कि जरुरत पडऩे पर इनके खिलाफ मामला दर्ज करवाने की स्थिति में तुरन्त विभागीय कार्यवाही की जा सके। इन 16 पंचों ने की थी शिकायत:-प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी एवं मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर को दी शिकायत में तलवंडी राणा के पंच बलवंत खटाणा, पूर्व पंच जगदीश रावत, सोनू, रवि कुमार, सरिता, सुदेश, रीना, संदीप, सुनील, सुरेन्द्र, राजबाला, सुमित्रा वर्मा, पूजा, किरण रानी, मनीष, प्रवेश कुमार पंच सहित कुल 16 पंचों, छह पूर्व पंचों व दो सौ से अधिक ग्रामीणों ने गांव की जमीन को अवैध कब्जा मुक्त करवाने की गुहार लगाई थी। कहां-कहां भेजी थी शिकायत:-गांव तलवंडी राणा के 16 पंचों एवं दूसरे जनप्रतिनिधियों व दो सौ से अधिक ग्रामीणों ने श्मशान भूमि को अवैध कब्जा हटवाने के लिए प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी से लेकर मुख्यमंत्री मनोहर लाल, उप-मुख्यमंत्री दुष्यंत चौटाला, गृह मंत्री अनिल विज, पंचायत मंत्री देवेन्द्र बबली, जिला उपायुक्त हिसार सहित करीब एक दर्जन मंत्रियों से गुहार लगाई थी। Post navigation मुख्यमंत्रियों के जनस॔वाद,,,, कर्नाटक: मध्यप्रदेश और राजस्थान में कोई सबके लेगी कांग्रेस ?