भाजपा-जजपा सरकार का रबी फसल के गेंहू व सरसों का एक-एक दाना न्यूनतम समर्थन मूल्य पर खरीदने का दावा हवा-हवाई जुमला निकला : विद्रोही जब सरकार को सरकारी पोर्टल पर दर्ज किसान का गेंहू व सरसों भी पूरी नही खरीदना था तो पोर्टल के इस खेल से किसानों को क्यों ठगा गया ? विद्रोही 16 मई 2023 – स्वयंसेवी संस्था ग्रामीण भारत के अध्यक्ष एवं हरियाणा प्रदेश कांग्रेस कमेटी के प्रवक्ता वेदप्रकाश विद्रोही ने आरोप लगाया कि भाजपा-जजपा सरकार का रबी फसल के गेंहू व सरसों का एक-एक दाना न्यूनतम समर्थन मूल्य पर खरीदने का दावा हवा-हवाई जुमला निकला। विद्रोही ने कहा कि 15 मई को पूरे प्रदेश में गेंहू व सरसों की सरकारी खरीद एमएसपी पर विधिवत रूप से बंद करने की घोषणा कर दी। सरसों की फसल खरीद तो लगभग 15 दिन पहले ही बंद कर दी गई थी, लेकिन किसानों के भारी विरोध के बाद 11 व 12 मई को दो दिन छह जिलों रेवाडी, महेन्द्रगढ़, गुरूग्राम, नूंह, चरखी दादरी व झज्जर में एमएसपी पर सरसों की विशेष खरीद करके सरसों सरकारी खरीद बंद कर दी गई थी। इस तरह इस वर्ष रबी फसल की भाजपा-जजपा सरकार ने हरियाणा सरकार के सरकारी पोर्टल पर दर्ज किसानों की एमएसपी पर न तो पूरी सरसों खरीदी और न ही गेंहू फसल की खरीद हुई। विद्रोही ने कहा कि 15 मई तक पूरे प्रदेश में गेंहू की 62.36 लाख टन ही आवक हुई जबकि लक्ष्य 85 लाख टन गेंहू का था। इस साल भाजपा सरकार ने अपने द्वारा ही निर्धारित लक्ष्य से 23 लाख टन कम गेंहू खरीदा है। इस तरह मुख्यमंत्री मनोहरलाल खट्टर व भाजपा-जजपा सरकार का किसान फसल का गेंहू व सरसों का एक-एक दाना न्यूनतम समर्थन मूल्य पर खरीदने का दावा हवा-हवाई जुमला निकला। सवाल उठता है कि जब सरकार को सरकारी पोर्टल पर दर्ज किसान का गेंहू व सरसों भी पूरी नही खरीदना था तो पोर्टल के इस खेल से किसानों को क्यों ठगा गया? विद्रोही ने कहा कि इस वर्ष गेंहू व सरसों उत्पादक किसान को दोहरी मार पडी है। सरकार ने किसान की सरसों व गेंहू न्यूनतम समर्थन मूल्य पर नही खरीदकर उसे व्यापारियों के रहमो-कमर पर छोड दिया गया। वहीं वर्षा, आंधी व ओलो से बर्बाद फसल का पूरा मुआवजा न मिले, इसकी तिकडम भी बीमा कम्पनियों से मिलकर भिड़ा दी। किसानों ने सरकारी पोर्टल पर 17.4 लाख एकड़ जमीन में गेंहू व सरसों फसल में खराबा दिखाया जबकि भाजपा सरकार ने अपनी कथित विशेष गिरदावरी में केवल 3.20 लाख एकड़ जमनी को ही फसल मुआवजे के लायक माना है जो प्रभावित किसानों के साथ-साथ सरासर धोधाधडी है। Post navigation नकली दवा बेचने वालों का जाल कहां-कहां तक और कौन-कौन इसमें शामिल, इसकी गहराई से जांच की जा रही – गृह मंत्री अनिल विज पद्म पुरस्कार-2024 के लिए नामांकन 15 सितंबर तक