– डीसी निशांत कुमार यादव ने किया द्वारका एक्स्प्रेस वे का निरीक्षण, जीएमडीए व एनएचएआई अधिकारियों के संयुक्त दल के साथ एनएच-48 से बजघेड़ा तक अंतिम चरण में जारी कार्यों का लिया जायजा

– द्वारका एक्सप्रेस पर हरियाणा क्षेत्र में 18.9 किमी सडक़ पर जल्द शुरू होगा वाहनों का आवागमन और दिल्ली क्षेत्र के 10.1 किमी क्षेत्र का अगले वर्ष तक होगा काम पूरा

गुरूग्राम, 09 मई। गुरूग्राम जिला के नागरिकों के लिए अच्छी खबर है। नई दिल्ली में आईजीआई एयरपोर्ट के समीप शिवमूॢत से द्वारका के रास्ते खेडक़ी दौला टोल के समीप पहुंचने वाले 29 किलोमीटर लंबाई वाले द्वारका एक्सप्रेस वे का हरियाणा क्षेत्र वाले हिस्से (18.9 किमी) का निर्माण अंतिम चरण में पहुंच चुका है। जिसके चलते गुरूग्राम में आबादी के एक बड़े वर्ग को नई दिल्ली तक आवागमन के लिए बेहतर विकल्प मिलेगा। यह देश का पहला एलिवेटेड अर्बन एक्सप्रेस वे होगा।

डीसी निशांत कुमार यादव ने मंगलवार को खेडक़ी दौला से समीप एक्सप्रेस वे के क्लोवरलीफ से बजघेड़ा तक निर्माणाधीन सडक़ परियोजना का निरीक्षण किया। उन्होंने जीएमडीए व एनएचएआई के अधिकारियों के साथ एक्सप्रेस वे को लेकर स्थानीय लोगों की विभिन्न मांगों को लेकर भी चर्चा की। साथ ही एक्सप्रेस वे के निर्माण से जुड़े जिला प्रशासन के विषयों पर विस्तार से विमर्श भी किया। एनएचएआई के अधिकारियों ने डीसी को आश्वस्त करते हुए कहा कि जिला प्रशासन की अधिकतर मांगों को प्रोजेक्ट चालू होने से पहले शामिल कर लिया जाएगा। एक्सेस कंट्रोल अर्बन एक्सप्रेस वे को आठ लेन बनाया गया है। यातायात की सुगमता के लिए तीन लेन की सर्विस रोड का भी प्रावधान किया गया है।  

श्री निशांत कुमार यादव ने अधिकारियों के साथ चर्चा करते हुए कहा कि इस एक्सप्रेस वे के चालू होने से न केवल गुरूग्राम बल्कि एनसीआर क्षेत्र में सडक़ों के ढांचागत तंत्र में एक बड़ी उपलब्धि शामिल होगी। एनएचएआई के प्रोजेक्ट डायरेक्टर निर्माण के जंभूलकर ने डीसी को जानकारी देते हुए बताया कि इस सडक़ के निर्माण पर करीब 9000 करोड़ रुपए की अनुमानित लागत है। एक्सप्रेस वे को चार हिस्सों में बांटकर निर्माण किया है जिनमें दिल्ली क्षेत्र के 10.01 किमी क्षेत्र में दो तथा हरियाणा क्षेत्र में 18.9 किमी क्षेत्र को भी दो क्षेत्रों में रखा गया है। हरियाणा क्षेत्र के दोनों क्षेत्रों में निर्माण कार्य 93.2 व 99.25 फीसदी तक पूरा हो चुका है और पूरी उम्मीद है यह दोनों क्षेत्र जुलाई माह तक चालू हो जाएंगे। वहीं दिल्ली क्षेत्र का कार्य वर्ष 2024 में पूरा होगा।

एफिल टावर और बुर्ज खलीफा से भी अधिक स्टील-कंक्रीट का इस्तेमाल
एनएचएआई के अधिकारियों द्वारा द्वारका एक्सप्रेस वे के निर्माण से जुड़ी रोचक जानकारी देते हुए बताया कि इस सडक़ के निर्माण दो लाख एमटी स्टील का इस्तेमाल हुआ जोकि एफिल टावर के निर्माण की तुलना में 30 गुना अधिक है। इसी तरह इसके निर्माण में 20 लाख सीयूएम कंक्रीट का इस्तेमाल हुआ है जोकि बुर्ज खलीफा की तुलना में छ: गुना अधिक है। साथ ही इसके निर्माण के दौरान 12 हजार वृक्षों का ट्रांसप्लांट किया गया जोकि भारत में इतने बड़े स्तर पर पहली बार हुआ है। इस एक्सप्रेस वे पर यातायात की सुगमता व सफर करने वालों की सुरक्षा के लिए आईटीएस, एडवांस ट्रैफिक मैनेजमेंट सिस्टम, टोल मैनेजमेंट सिस्टम, सीसीटीवी कैमरा, सॢवलांस आदि अत्याधुनिक तकनीकों का इस्तेमाल भी किया जाएगा।  

इस अवसर पर गुरूग्राम के एसडीएम रविंद्र कुमार, एनएचएआई के क्षेत्रीय अधिकारी मोहम्मद शफी, जीएमडीए के एक्सईएन विकास मलिक सहित अन्य अधिकारी उपस्थित रहें।

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