स्वास्थ्य शिक्षा सहयोग संगठन के प्रदेश अध्यक्ष बृजपाल सिंह परमार ने मांगी थी नप के बैंक खातों की जानकारी
-प्रथम सूचना अधिकारी भी रहे थे सुनवाई विफल, सूचना आयोग ने लिया कड़ा संज्ञान

भिवानी, 06 मई। राज्य सूचना आयोग ने भिवानी नगर परिषद के लेखाकार पर सूचना नहीं देने की एवज में 25 हजार रुपये का जुर्माना किया है। वहीं आरटीआई कार्यकर्ता को मांगी गई सूचनाएं बिंदुवार दिए जाने के भी आदेश दिए हैं। आयोग ने इस मामले में प्रथम सूचना अधिकारी पर भी टिप्पणी करते हुए सुनवाई में विफल रहने का हवाला दिया है।

स्वास्थ्य शिक्षा सहयोग संगठन के प्रदेश अध्यक्ष बृजपाल सिंह परमार ने भिवानी नगर परिषद से 17 जुलाई 2020 को जनसूचना अधिकार अधिनियम 2005 के तहत एक अप्रैल 2015 से 15 जुलाई 2020 तक बैंक खातों की जानकारी मांगी थी। आरटीआई में यह भी मांगा गया था कि नगर परिषद के बैंक खातों को कौन-कौन अधिकारी ऑपरेट करते हैं। लेकिन नगर परिषद ने निर्धारित अवधि में कोई सूचना उपलब्ध नहीं कराई। इसके बाद बृजपाल सिंह परमार ने सात सितंबर 2020 को प्रथम अपील कर दी।

प्रथम अपील में भी अधिकारी ने कोई सुनवाई नहीं की। जिसके बाद द्वितीय अपील राज्य सूचना आयोग के समक्ष लगाई गई। राज्य सूचना आयोग ने पांच फरवरी को मामले में पहली सुनवाई करते हुए आरटीआई कार्यकर्ता को सूचनाएं उपलब्ध कराने के आदेश दिए।

सूचना आयोग के आदेशों पर भी नगर परिषद भिवानी ने कोई सूचना उपलब्ध नहीं कराई। जिस पर राज्य सूचना आयोग इस मामले में दोबारा सुनवाई करते हुए नगर परिषद भिवानी के लेखाकार रमेश कुमार पर 25 हजार रुपये जुर्माना किया है वहीं आयोग ने जल्द से जल्द मांगी गई सूचनाएं बिंदुवार उपलब्ध कराने के भी आदेश दिए हैं। साथ ही प्रथम सूचना अधिकारी पर भी आयोग ने टिप्पणी करते हुए उन्हें इस मामले की सुनवाई में विफल रहने का हवाला दिया है। लेखाकार पर लगाए गए जुर्माना राशि को उसके वेतन से काट आयोग के समक्ष जमा कराना होगा। आयोग ने लेखाकार के खिलाफ निदेशक शहरी निकाय विभाग को भी आदेश की कॉपी भेजकर तत्पर कार्रवाई के निर्देश भी दिए हैं। आरटीआई कार्यकर्ता संगठन के प्रदेश अध्यक्ष बृजपाल सिंह परमार ने बताया कि नगर परिषद राज्य सूचना आयोग के आदेश व भारतीय संसद द्वारा बनाए गए कानून की अवहेलना करने पर नियम के अनुसार नगर परिषद संबंधित अधिकारियों पर एफआईआर दर्ज कराई जाएगी। 

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