मई दिवस के अवसर पर सुभाष पार्क में एक सभा का आयोजन

भारत सारथी/ कौशिक

नारनौल। केन्द्रीय श्रमिक संगठन एआईयूटीयूसी से जुड़े संगठनों ने सोमवार को अन्तर्राष्ट्रीय मई दिवस के अवसर पर सुभाष पार्क नारनौल में एक सभा का आयोजन किया गया। सभा की अध्यक्षता एक अध्यक्ष मण्डल ने की जिसमें, एआईयूटीयूसी जिला प्रधान मास्टर सुबे सिंह , आंगनवाड़ी कार्यकर्ता सहायिका यूनियन हरियाणा की प्रदेश अध्यक्ष कृष्णा देवी, ऑल इंडिया किसान खेत मजदूर संगठन के जिला सचिव व्रतपाल सिंह,ग्रामीण ट्यूवैल ओपरटर यूनियन के जिला प्रधान महेन्द्र सिंह चौहान, एजुसैट स्कूल चौकीदार संगठन के जिला सचिव रूपचन्द, एआईडीवाईओ के जिला सचिव सतीश कुमार ने की।

सबसे पहले मई दिवस के शहीदों को श्रंद्धाजलि अर्पित की गई। सभा को बतोर मुख्य वक्ता एसयूसीआई (कम्युनिस्ट) के जिला सचिव काॅ ओमप्रकाश ने सम्बोधित किया। मजदूर दिवस के अवसर पर सुभाष पार्क नारनौल से अपनी मांगों व मेहनतकश के भाईचारा को प्रदर्शित करते हुए जुलूस के साथ पुराना लघु सचिवालय पार्क पहुंचकर सभा के साथ समापन हुआ।

आंगनवाड़ी कार्यकर्ता सहायिका यूनियन हरियाणा का संक्षिप्त प्रतिनिधि मंडल स्थानीय समस्याओं 3 साल की वर्दी , सेन्टरों‌ का‌ बकाया किराया का भुगतान, सभी ब्लाक में एक समान वेतन मांगों का ज्ञापन परियोजना अधिकारी महिला एवं बाल विकास विभाग नारनौल को सौंपा।

सभा में ऑल इंडिया किसान खेत मजदूर संगठन के जिला सचिव व्रतपाल सिंह ने महिला खिलाडियों के न्यायपूर्ण आन्दोलन के साथ एकजुटता प्रदर्शित करते हुए आन्दोलन के समर्थन में तथा बीजेपी सांसद व भारतीय कुश्ती महासंघ के अध्यक्ष बृजभूषण शरण सिंह के खिलाफ उदाहरणमूलक सजा देने का प्रस्ताव रखा, जिसे हाथ उठाकर सर्वसम्मति से पारित किया गया।

बतोर मुख्य वक्ता काॅ ओमप्रकाश ने अपने सम्बोधन में कहा कि मई दिवस मेहनतकश लोगों के लिए बेहद खास महत्व का दिन है। जब आठ घंटे काम की मांग को लेकर अमेरिका के शिकागो में सन् 1886 में लाखों मजदूरों ने भाग लिया। मई दिवस अन्तर्राष्ट्रीय मजदूर वर्ग के लिए समाज से हर तरह के शोषण को समाप्त करने के लिए स्वयं को और भी अधिक संगठित करने और अपने भाईचारे को बढ़ाने का दृढ़ संकल्प लेने का दिन है। यह दिन अपने हक के लिए संर्घष के लिए आहावान का दिन है।

ओमप्रकाश ने कहा कि यह दिवस मजदूर आन्दोलन की ऐतिहासिक उपज है और इसके मनाने का उद्देश्य भी एक नये इतिहास की रचना करना है। कामरेड ने मजदूर वर्ग के नेता, पहले कमेरे वर्ग के राज्य के शिल्पकार महान् लेनिन की मई दिवस की सीखों को उद्धृत करते हुए कहा कि मई दिवस सभी प्रकार के दमन, मनुष्य द्वारा मनुष्य के शोषण -उत्पीड़न के विरुद्ध, करोड़ों मेहनतकश लोगों को भूख, ग़रीबी और अपमान से मुक्ति के लिए संघर्ष में अपनी एकता का दिन है। इस महान् संघर्ष में दो दुनियां एक दूसरे के विरूद्ध खड़ी हैं, पूंजी की दुनियां और श्रम की दुनियां, शोषण और गुलामी की दुनियां और भाईचारे की दुनिया।

उन्होंने सर्वहारा के महान् नेता व इस युग के विशिष्ट मार्क्सवादी चिन्तनकार काॅ शिवदास घोष का कथन मजदूर आन्दोलन में हमारा सही दृष्टिकोण क्या हो को उद्धृत करते हुए कहा कि आप मजदूर हैं -आप सभ्यता और संस्कृति की सृष्टि करने वाले सृजक है । यह सभ्यता मुक्ति की पीड़ा से छटापटा रही है और मुक्ति के लिए आपसे उम्मीद व सहारा मांग रही है। सिर्फ आपकी मुक्ति नहीं बल्कि पूरी मानव सभ्यता की मुक्ति आपके हाथों में है और इतिहास ने यह जुम्मेदारी आपके कंधों पर डाली है।

एआईयूटीयूसी जिला सचिव छाजूराम रावत ने कहा कि मई दिवस हर तरह के जुल्म- अत्याचार, गैर बराबरी व शोषण- दमन के खिलाफ मुक्तिकामी आन्दोलन को आगे‌ बढ़ाने की शपथ लेने का दिन है। आन्दोलन के माघ्यम से ही मजदूर अपनी तमाम बेड़ियों को तोड़ सकेंगे। सरकार एक पर एक मजदूर विरोधी नीतियां थोपती जा रही है.मजदूरों का काम व कर्मचारियों की नौकरियां छीनकर उनकी रोज़ी रोटी व निवाला छीना जा रहा है। जनता की गाढ़ी कमाई व अपने खून पसीने से सींचकर खड़े किए गए सार्वजनिक उपक्रमों उधोगों व संस्थानों को कोड़ियों के दाम बेचा जा रहा है। रेलवे, हवाई अड्डे, बन्दरगाह, सड़क, बैंक -बीमा, गैस, पेट्रोलियम क्षेत्र, रक्षा उद्योग, कोल सहित शिक्षा – चिकित्सा व बिजली आदि सभी सरकारी विभागों व संस्थानों का निजीकरण कर निजी हाथों में सौंपा जा रहा है।

उन्होंने कहा कि देश की 74 फीसदी सम्पदा अमीर घरानों के हाथों में आ गई है. श्रम अधिकारों पर हमले जारी हैं और मजदूरों के कड़े संघर्ष व कुर्बानियों से हासिल श्रम अधिकारों को एक एक कर छीना जा रहा है। चार लेबर कोड के जरिए मजदूरों को मालिकों का गुलाम बनाने का रास्ता खोल दिया. यहां तक कि मई दिवस के शहीदों के बलिदान से जिनके खून से सड़कें लाल हो गई थी, जो काम के आठ घंटे का अधिकार हासिल किया था, मजदूरों के बलिदान से हासिल काम के 8 घंटे के अधिकार को भी खत्म कर आज सरकार मालिकों के हित में काम के घन्टे बढ़ा रही है।

स्कीम वर्कर्स फेडरेशन ऑफ इंडिया की राष्ट्रीय उपाध्यक्ष व आंगनवाड़ी कार्यकर्ता सहायिका यूनियन की राज्य प्रधान कृष्णा देवी ने कहा कि मिड डे मील, आशा कार्यकर्ता, आंगनवाड़ी वर्कर आदि स्कीम वर्कर्स को सरकारी कर्मचारी का दर्जा देना तो बहुत दूर की बात,उन्हें श्रमिक का दर्जा व न्यूनतम वेतन भी नहीं दिया जा रहा है। मामूली मानदेय पर स्कूलों में नौनिहालों को खाना खिलाने वाली मिड डे मील कार्यकर्ताओं को मानदेय के भी लाले पड़ रहें हैं।

एजुसैट स्कूल चौकीदार के जिला सचिव रूप चन्द, ग्रामीण ट्यूवैल ओपरटर के जिला प्रधान महेन्द्र सिंह चौहान, ओमप्रकाश रिटायर्ड हेडमास्टर, मुकेश कुमार, ने कहा कि ग्रामीण चौकीदार, एजुसैट स्कूल चौकीदार, ग्रामीण सफाई कर्मचारी, ग्रामीण ट्यूवैल ओपरटर, पार्ट टाइम कर्मचारी, कम्प्यूटर कर्मचारी, लैब अटेंडेंट, कोविड स्टाफ , क्रैच वर्कर्स, स्वयं सहायता समूह के अन्तर्गत आंगनवाड़ी केन्द्र पर खाने बनाने वाली कुक सहित विभिन्न विभागों में लम्बे समय से काम कर रहे कच्चे कर्मचारियों को अभी तक नियमित नहीं किया गया। खाली पड़े लाखों स्थायी पदों पर नियुक्ति नही. कठिन व कड़ी शर्तें लगाकर भवन निर्माण श्रमिकों को पंजीकरण व हित लाभ से वंचित किया जा रहा है।

उन्होंने कहा कि शोषण पर टिकी मौजूदा पूंजीवादी व्यवस्था की रक्षक शासक पार्टियों की मालिकपरस्त आर्थिक नीतियां ही मजदूरों की इस दुर्दशा का कारण है।

आज की सभा को कमलेश, ओमप्रकाश रिटायर्ड हेडमास्टर, अभय सिंह, यादराम, अरविंदर सिंह, दीपमाला, चन्द्रमुखी ने सम्बोधित किया। आज की मजदूर सभा में विभिन्न संगठनों के सैकड़ों कार्यकर्ताओं ने भाग लिया।

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