श्री कृष्ण गुरुकुल और श्री सनातन धर्म सभा मालिबू टाउन द्वारा आयोजित कार्यक्रम में बोधराज सीकरी बने मुख्य अतिथि।
आत्मबोध के लिए धार्मिक ग्रंथों का स्वाध्याय, समीक्षा, मंथन और चिंतन परम आवश्यक : बोधराज सीकरी

गुरुग्राम। 30 अप्रैल, रविवार को गीता मनीषी स्वामी ज्ञानानंद महाराज के शिष्य श्रीजी लोकेशव द्वारा संचालित श्री कृष्ण गुरुकुल और श्री सनातन धर्म सभा मालिबू टाउन ने मिलकर 108 कुण्डीय गीता महायज्ञ का सफल आयोजन किया। लगभग 200 परिवारों की उपस्थिति में लोगों ने बढ़-चढ़कर इस गीता अमृतमहोत्सव में भाग लिया और गीता मनीषी स्वामी ज्ञानानंद महाराज के द्वारा रचित गीता के काव्य श्लोकों के द्वारा गीता महायज्ञ किया। श्रीजी लोकेशव और श्रीमती साक्षी ने बहुत ही भावपूर्ण संगीतमय तरीक़े से यज्ञ करवाया और अर्जुन स्तुति के भावों के साथ-साथ श्रीमती साक्षी ने सुंदर-सुंदर भजन भी प्रस्तुत किए। इस दौरान मालिबू टाउन के बच्चों ने शिव नृत्य की सुंदर प्रस्तुति दी और सबके मन को मोह लिया।

इस अवसर पर समाजसेवी बोधराज सीकरी मुख्य अतिथि के तौर पर उपस्थित रहे और उन्होंने भी मुक्त कंठ से महायज्ञ और अर्जुन स्तुति की प्रशंसा की। उन्होंने कहा कि, “यज्ञ की शक्ति को हम भुलाते जा रहे हैं जोकि अत्यंत चिंता का विषय है। मनुष्य को जीवन में अपने धर्म की शक्ति को जानना बहुत आवश्यक है। अगर आप अपने ग्रंथों का सिर्फ़ अध्ययन ही कर लो तो आप को बहुत ही विशिष्ट अनुभव होने लगेंगे, बशर्ते अध्ययन उपरांत स्वाध्याय, समीक्षा, मंथन और उसका चिंतन भी किया जाए।गीता में हर समस्या का समाधान है चाहे वो व्यापारिक हो या व्यावहारिक हो या व्यक्तिगत समस्या हो।

बोधराज सीकरी ने गीता के दूसरे अध्याय के दसवें श्लोक को विस्तार पूर्वक विवेचनात्मक दृष्टिकोण से प्रस्तुत किया ताकि लोगों को जीवन में प्रसन्न रहने का अभ्यास हो।

इस अवसर पर श्रीजी लोकेशव ने यज्ञ और देवताओं का जीवन में सफलता से संबंध, यज्ञ की निरंतरता और भावपूर्ण प्रस्तुति का महत्व बताया और साथ में उन्होंने अर्जुन स्तुति के माध्यम से आज कल हमारे घरों में होने वाली समस्याओं और अपने बच्चों से हमारे रिश्ते क्यों ख़राब हो जाते हैं, इस पर एक सुंदर वक्तव्य प्रस्तुत किया तथा उसको कृष्ण अर्जुन संवाद से काव्य रूप में भी जोड़ा।

इस अवसर पर श्रीजी लोकेशव की एक पुस्तक I MET THE GOD MANY A TIMES (The Modern Bagwat Gita) का भी विमोचन बोधराज सीकरी के हाथों से करवाया गया।

इस दौरान विशिष्ट अतिथि के रूप में उपस्थित प्रमोद सलूजा ने भी अपने विचार रखे, अलका दलाल, अश्वनी टन्डन, अनीश कोहली, संजीव लूथरा, सीए लुकेश सेठी, राधे श्याम, ओम प्रकाश गाबा, उमेश शर्मा, विकास गोयल, सुनील सिंह, विनोद शर्मा, दीपक प्रुथि, योग गुरु मंजु शर्मा, भारत विकास परिषद के सुशील गोयल, रमन जिंदल, पारुल शर्मा, श्रीमती काश, वीणा गांधी और एकता गोयल इत्यादि का भी इस आयोजन में मुख्य योगदान रहा।

इस भक्तिमय आयोजन में धर्मेंद्र बजाज, रमेश कामरा, गजेंद्र गोसाई, जगदीश कुकरेजा, ज्योत्सना बजाज और रचना बजाज की गरिमामयी उपस्थिति रही।

error: Content is protected !!