दल प्रदेश में विभिन्न जिलों में लागू की गई गुड गवर्नेंस पहलों का धरातल पर जाकर करेगा अध्ययन

हरियाणा मुख्यमंत्री के विजन से प्रदेश में कई अनूठी योजनाएं की गई लागू, कुछ योजनाएं राष्ट्रीय स्तर पर भी अपनाई गई- डॉ अमित अग्रवाल.

मुख्यमंत्री रखते हैं आईटी और टेक्नोलॉजी के प्रयोग में विश्वास, पहुंचा रहे सरलता से पात्र लाभार्थियों को लाभ- डॉ अग्रवाल

चंडीगढ़, 28 अप्रैल – हरियाणा सरकार की ‘गुड गवर्नेंस’ पहलों का अध्ययन करने के लिए पब्लिक पॉलिसी रिसर्च सेंटर के अंतर्गत देशभर से वरिष्ठ पत्रकारों का एक दल आज से तीन दिन के लिए हरियाणा के दौरे पर आया है। यह दल तीन दिन तक प्रदेश में विभिन्न जिलों में जाकर राज्य सरकार की गुड गवर्नेंस पहलों के क्रियान्वयन का धरातल पर जाकर अध्ययन करेगा।

शुक्रवार को इस दल के समक्ष हरियाणा के गुड गवर्नेंस से जुड़े कार्यक्रमों व स्कीमों पर प्रस्तुतिकरण दिया गया और अगले दो दिन यह दल इन योजनाओं के क्रियान्वयन की प्रक्रियाओं को देखेगा। दिल्ली के हरियाणा भवन में आयोजित इस प्रस्तुतिकरण के दौरान मुख्यमंत्री के अतिरिक्त प्रधान सचिव तथा सूचना, लोक संपर्क, भाषा एवं संस्कृति विभाग के महानिदेशक डॉ अमित अग्रवाल विशेष रूप से उपस्थित रहे।

डॉ अग्रवाल ने कहा कि हरियाणा प्रदेश में ‘शासन कम-सुशासन अधिकतम’ को धरातल पर मूर्तरूप देने और पात्र लाभार्थियों तक सरलता से सरकार  की योजनाओं व कार्यक्रमों का उनके घर-द्वार पर लाभ पहुंचाने के लिए राज्य सरकार ने कई अनूठी योजनाएं लागू की हुई हैं। इनमें से कुछ योजनाओं को राष्ट्रीय स्तर पर भी केन्द्र सरकार ने लागू किया है तथा देश के अन्य प्रदेश भी योजनाओं का अध्ययन करके उन्हें अपना रहे हैं।  

उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री श्री मनोहर लाल स्वयं ‘टैक्नो-सेवी’ हैं अर्थात आईटी और टेक्नोलॉजी का प्रयोग करते हैं और उनके विजन से प्रदेश में ‘व्यवस्था परिवर्तन’ के लिए कई नई योजनाएं व कार्यक्रम न केवल बनाए गए बल्कि उन्हें धरातल पर लागू करके पात्र लाभार्थियों को लाभ पहुंचाया जा रहा है। उदाहरण देते हुए डॉ अग्रवाल ने कहा कि हरियाणा प्रदेश के करनाल जिला के सिरसी गांव से शुरू की गई स्वामित्व योजना को राष्ट्रीय स्तर पर अपनाया गया और सिरसी गांव देष का पहला लाल डोरा मुक्त गांव बना।

अंत्योदय मेलों का चौथा चरण होगा 1 मई से शुरू

डॉ अग्रवाल ने प्रदेश में मुख्यमंत्री के मार्गदर्शन में लागू की जा रही कुछ अनूठी योजनाओं का पत्रकार दल के समक्ष उल्लेख किया और बताया कि किस प्रकार से पारदर्शी व फेसलेस तरीके से आईटी के प्रयोग से लाभार्थियों को सरकारी योजनाओं का लाभ पहुंच रहा है। उन्होंने बताया कि मुख्यमंत्री श्री मनोहर लाल का फोकस समाज में आर्थिक दृष्टि से गरीब से गरीब परिवारों अर्थात अंत्योदय परिवारों की आय बढ़ाकर उन्हें समाज की मुख्यधारा से जोडने का है। इसके लिए उन्होंने मुख्यमंत्री अंत्योदय परिवार उत्थान योजना लागू की जिसके अंतर्गत अब तक 3 लाख से अधिक परिवारों का लक्षित करते हुए उनके लिए अंत्योदय मेलों का आयोजन किया जा रहा है। इसका चौथा चरण से आगामी 1 मई से शुरू होगा।

परिवार पहचान पत्र कई सरकारी योजनाओं को लागू करने में साबित हुआ कारगर

उन्होंने बताया कि अत्योंदय परिवारों की पहचान में फैमिली आईडी अर्थात परिवार पहचान पत्र कारगर साबित हुआ। परिवार पहचान पत्र बनाने का प्रयोग करना भी हरियाणा प्रदेश देश का पहला राज्य है। डॉ अग्रवाल ने कहा कि प्रदेश के 99 प्रतिशत से अधिक परिवारों के परिवार पहचान पत्र बनाए जा चुके हैं और यह कई सरकारी योजनाओं को आटो मोड में लागू करने में उपयोगी सिद्ध हो रहा है। उदाहरण देते हुए उन्होंने बताया कि इसके माध्यम से पात्र परिवारों अथवा व्यक्तियों के बीपीएल के राषन कार्ड, वृद्धावस्था सम्मान पेंशन आदि पात्रता पूरी होते ही बिना आवेदन किए आटोमैटिक तरीके से बनाए जा रहे हैं। उन्होंने बताया कि बीपीएल के लिए मुख्यमंत्री ने प्रदेश में वार्षिक आय की सीमा 1.20 लाख रुपए से बढाकर 1.80 लाख रूपए अर्थात 15 हजार रुपये मासिक कर दी है। इससे पहले की अपेक्षा ज्यादा परिवारों को सरकार की योजनाओं का लाभ मिलेगा।

भावातंर भरपाई योजना है किसानों के लिए लाभदायक

डॉ अग्रवाल ने भावातंर भरपाई योजना, मेरी फसल-मेरा ब्यौरा, मेरा पानी-मेरी विरासत, म्हारा गांव-जगमग गांव, ई-अधिगम, डायल-112, मॉडल पोंड आदि योजनाओं का भी उल्लेख किया। उन्होंने बताया कि मुख्यमंत्री श्री मनोहर लाल ने प्रदेष में किसानों को लाभ पहुंचाने के लिए भावांतर भरपाई योजना लागू की जिसके अंतर्गत बाजार भाव मैट्रिक्स के आधार पर फसल का भाव निर्धारित किया जाता है और यदि किसान की फसल उससे कम भाव पर बिकती है तो भाव के अंतर की भरपाई की जाती है। इससे फसल खरीद, भण्डारण तथा रखरखाव इत्यादि पर होने वाले खर्च से बचा जाता है।

पानी के सदुपयोग के महत्व को रेखांकित करने के लिए लागू की मेरा पानी-मेरी विरासत योजना

पानी के सदुपयोग के महत्व को लेकर हरियाणा में लागू की जा रही मेरा पानी-मेरी विरासत योजना का जिक्र करते हुए डॉ अग्रवाल ने कहा कि मुख्यमंत्री श्री मनोहर लाल का मानना है कि भूजल हमें विरासत में मिला है जिसे सुरक्षित रखते हुए अगली पीढियों को हंस्तातरित करना है। उन्होंने कहा कि भूजल स्तर निरंतर गिरता जा रहा है जिसे संरक्षित करने और रिचार्ज करने के उदेष्य से यह योजना बनाई गई है। इसके साथ, उन्होंने बताया कि योजना के तहत ज्यादा पानी खपत वाली फसल जैसे धान से अन्य कम पानी लागत वाली फसल की बिजाई करने पर किसान को 7000 रूपए प्रति एकड़ की दर से प्रोत्साहन राशि दी जा रही है। यही नहीं जमीन खाली छोड़ने पर भी किसान को यह राषि मिलती है। उन्होंने बताया कि अब हरियाणा में एक लाख एकड से अधिक धान के अधीन क्षेत्र को दूसरी फसलों में परिवर्तित करने में सफलता मिली है। डॉ अग्रवाल ने कहा कि इकोलोजिकल संतुलन बनाए रखने के लिए परम्परागत तालाबों का जीर्णोद्धार करने के लिए हरियाणा में पोंड एथोरिटी गठित की गई हैं। इस अथॉरिटी ने प्रदेश में लगभग 19 हजार तालाबों को पंजीकृत करके उनकी दषा सुधारने का काम शुरू किया हुआ है।

म्हारा गांव-जगमग गांव योजना से बिजली निगम देश की अग्रणी पांच कंपनियों में शामिल

उन्होंने ‘म्हारा गांव-जगमग गांव’ योजना का उल्लेख करते हुए बताया कि किस प्रकार मुख्यमंत्री श्री मनोहर लाल के विजन से वर्षों से घाटे में चल रहे बिजली निगम आज देश में अग्रणी पांच कंपनियों में शामिल हैं। उन्होंने बताया कि इस योजना के तहत बिजली चोरी पर अंकुष लगाते हुए उन गांवों को 24 घंटे बिजली देकर प्रोत्साहित किया गया जहां 95 प्रतिशत से अधिक उपभोक्ताओं ने समय पर पर अपने बिजली बिलों का भुगतान किया। डॉ अग्रवाल ने कहा कि इस महत्वाकांक्षी योजना के परिणामस्वरूप हरियाणा प्रदेष में अब बिजली के लाईन लोजिस 38 प्रतिषत से घटकर मात्र 13 प्रतिशत रह गए हैं।

डायल-112 का औसत रिस्पांस समय है मात्र 8 मिनट

मुख्यमंत्री के अतिरिक्त प्रधान सचिव डॉ अग्रवाल ने प्रदेश में तत्काल पुलिस सहायता उपलब्ध करवाने के लिए लागू की जा रही डायल-112 का जिक्र करते हुए कहा कि प्रदेष में औसतन रिस्पांस टाइम 8 मिनट का है। इसका तात्पर्य है कि कोई भी व्यक्ति जब डायल-112 पर कॉल करता है तो पुलिस सहायता 8 मिनट के भीतर ही पहुंच जाती है।

इस अवसर पर मुख्यमंत्री के उप-प्रधान सचिव एवं सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता विभाग के महानिदेशक के.एम.पाण्डुरंग सहित अन्य विभागों के वरिष्ठ अधिकारी भी उपस्थित थे, जिन्होंने अपने-अपने विभाग से संबंधित महत्वपूर्ण योजनाओं के बारे में प्रस्तुतिकरण दिया।

हरियाणा में सुशासन के तहत की गई विभिन्न पहलों और महत्वपूर्ण योजनाओं के अध्ययन के लिए ‘पब्लिक पॉलिसी एण्ड रिसर्च सेंटर’ (पीपीआरसी) द्वारा 26 प्रतिनिधियों के एक प्रतिनिधिमंडल का ‘‘गुड गवर्नेंस एजुकेशनल टूर’’ 28 अप्रैल से 30 अप्रैल के बीच आयोजित किया जा रहा हैं। यह प्रतिनिधिमंडल राज्य के राजस्व विभाग, स्कूल षिक्षा विभाग, सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता विभाग, कृषि एवं किसान कल्याण विभाग, बागवानी विभाग, ऊर्जा विभाग, खाद्य, नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्ता मामले तथा सिंचाई विभाग और हरियाणा तालाब एवं अपशिष्ट जल प्रबंधन प्राधिकरण द्वारा क्रियान्वित की गई विभिन्न पहलों व महत्वपूर्ण योजनाओं का अध्ययन करेगा।

प्रतिनिधिमंडल के सदस्यों को आज नई दिल्ली के हरियाणा में राज्य सरकार के उच्च अधिकारियों की उपस्थिति में महत्वपूर्ण योजनाओं व पहलों को लागू करने वाले विभागों के अधिकारियों द्वारा जानकारी दी गई है। इसी प्रकार, 29 अप्रैल व 30 अप्रैल को इस प्रतिनिधिमंडल को विभिन्न संचालित योजनाओं के क्रियान्वयन के संबंध में अध्ययन दौरा करवाया जाएगा। ऐसे ही, 29 अप्रैल को सोनीपत के गांव अटेरना  में मेरा पानी-मेरी विरासत और भावांतर भरपाई योजना के संबंध में दौरा करवाया जाएगा। इसी प्रकार, सोनीपत के गांव बरोटा में ई-अधिगम योजना के अंतर्गत मॉडल संस्कृति स्कूलों का दौरा करवाया जाएगा तथा सामाजिक न्याय विभाग द्वारा चलाई जा रही एमएमएपीयूवाई योजना के संबंध में सोनीपत में अंत्योदय मेले में दौरा होगा।

प्रतिनिधिमंडल को 29 अप्रैल को ही सोनीपत के पाढा गांव में मॉडल तालाब का निरीक्षण करवाया जाएगा। इसके पश्चात काछवा गांव में ऊर्जा विभाग की म्हारा गांव-जगमग गांव, खाद्य, नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्ता मामले तथा सिंचाई विभाग की आटोमेटिक बीपीएल राशन कार्ड और राजस्व एवं आपदा प्रबंधन विभाग की प्रधानमंत्री स्वामित्व योजना के बारे में जानकारी दी जाएगी। ऐसे ही 30 अप्रैल को प्रतिनिधिमंडल के सदस्यों को पंचकूला में पुलिस विभाग द्वारा संचालित डायल 112 के बारे में जानकारी दी जाएगी।

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