भारत सारथी

गुरुग्राम,सतीश भारद्वाज: गुरुग्राम में गत वर्ष भाजपा की एक रैली ने प्रदेश के मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर ने जिले के चारों विधायकों को उनकी कार्यप्रणाली को लेकर जमकर तारीफ की थी। रैली में भरे मंच से ही जिले के चारों विधानसभा के विधायकों को अच्छे अंक देकर पास भी कर दिया था। सीएम ने निर्दलीय विधायक राकेश दौलताबाद की जमकर तारीफ की थी। वही पटौदी के विधायक जरावता की भी खूब प्रशंसा की थी। लेकिन पिछले कुछ दिनों से शहरवासियों में आम चर्चा है कि सीएम जिले के विधायक से नाराज चल रहे हैं। जिससे जिले के विधायक भी सीएम व मंत्रियों के प्रोग्राम से दूरी बनाए हुए हैं। जिसमें सबसे पहले नंबर पर नाम आता है गुरुग्राम के विधायक सुधीर सिंगला का जो कि आजकल जहां सीएम के सरकारी प्रोग्राम में भी नजर नहीं आ रहे हैं ।

एक विधायक के बारे में तो सीएम विधानसभा में भी हास्य पर टिप्पणी कर चुके कर चुके हैं लगता है कि हमारे माननीय के ख्वाब जरा ऊंचे हो गए हैं। वहीं सोमवार को आयोजित जिला कष्ट निवारण की बैठक में भी गैरहाजिर रहे। जबकि जिले के तीनों विधायक बैठक में मौजूद थे। जिसको लेकर जहां राजनीतिक हलकों में चर्चाओं का बाजार गर्म है वही लोगों में यह भी आम चर्चा है कि गुरुग्राम के विधायक का सीएम से तालमेल बिगड़ गया है। जिसके चलते जहां गुड़गांव वासियों को काफी समस्याओं ने घेर लिया है। निवासियों का कहना है कि गुरुग्राम के विधायक तो शहर में साफ-सफाई भी नहीं करवा पा रहे हैं। जगह-जगह गंदगी के अंबार लगे हुए हैं अतिक्रमण की भरमार है। यहां तक कि पिछले 18 घंटों से गुरुग्राम के सरकारी अस्पताल में बिजली गुल है । इसके बारे में भी विधायक ने मौन धारण किया हुआ है।

गुरुग्राम वासियों ने दबी जबान में बताया की विधायक तो सिर्फ मीडिया में कुछ बैठक के फोटो भेज कर वाहवाही लूटने के लिए अपने चहेतों को लेकर कभी तो दरबार लगा रहे हैं तो कभी निगम कमिश्नर के समक्ष बैठकर समस्याओं के बारे में केवल बात कर रहे हैं। जबकि विधायक को चाहिए था कि जहां पर भी शहर में जो समस्या है चाहे गंदगी की हो शिविर जाम या पानी या विकास कार्यों की हो निगम कमिश्नर को मौके पर ही अपने सामने बुलाकर समस्या से अवगत कराना चाहिए था। लेकिन विधायक अपने कुछ चहेतो को ले जाकर निगम कमिश्नर के ऑफिस के चक्कर काट रहे हैं। जबकि उनकी ही पार्टी के विधायक जिला कष्ट निवारण समिति की बैठक में लोगों की समस्याओं को सुनकर समाधान करवाने में जुटे हुए थे। जहां पर जिले के तीनों विधायक व आला अधिकारी मौजूद थे।

इससे शहरवासियों में यही चर्चा जोरों पर चल रही है कि विधायक का सरकारी प्रोग्राम से कन्नी काटना एक बहुत बड़ा संकेत समझा जा सकता है। उनका कहना था कि जब जिले में कैबिनेट मिनिस्टर लोगों की समस्या का समाधान करवा रहे हैं तो विधायक को निगम कमिश्नर ऑफिस में जाने की क्या जरूरत पड़ गई थी। जिससे शहरवासियों के मन में तरह-तरह की शंकाएं उत्पन्न हो रही है। जिसका असर आगामी निगम चुनाव सहित मिशन 2024 पर भी पड़ सकता है। वही शहरवासियों में अभी चर्चा में है कि विधायक के साथ तो केवल कुछ विवादित लोगों की ही मंडली आसपास मंडराती रहती है। जो अक्शर विवादों में रही है।

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