वैद्य पण्डित प्रमोद कौशिक 1991 से देश के श्रेष्ठ वैज्ञानिकों को सम्मानित करने का कार्य कर रहा है केयूः प्रो. सोमनाथ सचदेवा। केयू की वेबसाइट पर गूगल फार्म के लिंक के जरिए वैज्ञानिक 30 जून तक कर सकेंगे आवेदन। कुरुक्षेत्र, 17 अप्रैल : कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय के कुलपति व गोयल अवार्ड आयोजन समिति के चैयरमैन प्रो. सोमनाथ सचदेवा ने सोमवार को कमेटी रूम में गोयल अवार्ड की घोषणा करते हुए बताया कि विश्वविद्यालय ने गोयल पुरस्कार व राजीब गोयल पुरस्कारों के लिए ऑनलाइन आवेदन मांगे हैं। प्रो. सोमनाथ ने बताया कि 1991 से स्थापित गोयल अवार्ड कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय द्वारा देश के श्रेष्ठ वैज्ञानिकों को सम्मानित कर विज्ञान एवं तकनीक के क्षेत्र में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहा है। कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय देश के वैज्ञानिकों को सम्मानित करने का कार्य कर रहा है। प्रो. सोमनाथ सचदेवा ने बताया कि वैज्ञानिकों को साईंस के चार क्षेत्रों अप्लाईड साईंसिज़, कैमिकल सांईसिज, लाईफ सांईसिज तथा फिजिकल साईंसिज के क्षेत्र में यह सम्मान दिए जाते हैं। वर्ष 2021-2022 के गोयल अवार्ड के ऑनलाइन आवेदन के लिए 30 जून 2023 अन्तिम तिथि रखी गई है। ऑनलाइन आवेदन प्राप्त होने के बाद चयनित वैज्ञानिकों को गोयल अवार्ड कमेटी की ओर से गोयल पुरस्कार व राजीब गोयल यंग साइंटिस्ट अवार्ड के रूप में सम्मानित किया जाएगा। गोयल पुरस्कार के रूप में वैज्ञानिकों को दो-दो लाख रुपए व राजीब गोयल अवार्ड के रूप में एक लाख रुपए की धनराशि के साथ मेडल व प्रशस्ति पत्र देकर सम्मानित किया जाएगा। उन्होंने बताया कि भारत रत्न प्रो. सीएनआर राव, डॉ. पीएन भार्गव, डॉ. लालजी सिंह, डॉ. रोहिणी गोडबोले, डॉ. मनिन्द्र अग्रवाल, डॉ. के कस्तूरीरंगन, डॉ. आरए माशेलकर, डॉ. एससी महेश्वरी जैसे दिग्गज वैज्ञानिकों को इन पुरस्कारों से सम्मानित किया जा चुका है।गोयल अवार्ड कमेटी के को-चैयरमैन प्रो. एसपी सिंह ने बताया कि गोयल अवार्ड अमेरिका में रह रहे एक अप्रवासी भारतीय स्वर्गीय रामस्वरूप गोयल व कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय के संयुक्त प्रयास से शुरू किया गया। अब तक इस सम्मान से देश के सैकड़ों वैज्ञानिक सम्मानित हो चुके हैं। गोयल अवार्ड विज्ञान के क्षेत्र में दिया जाने वाला एक ऐसा प्रतिष्ठित अवार्ड है जो एनआरआई भारतीय स्वर्गीय राम एस गोयल का विदेश में रहकर अपने देश के लिए कुछ करने के जज्बे का परिणाम है । अमेरिका में रहते हुए राम एस गोयल की मुलाकात कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय की प्रो. एसपी सिंह से हुई और उन्होंने भारत की मिट्टी के लिए कुछ करने की इच्छा जताई । अपने इस सपने को पूरा करने के लिए उन्होंने कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय के साथ एक एमओयू पर 1991 में हस्ताक्षर किए और तब से लेकर आज तक इस सम्मान से देश के 100 महान वैज्ञानिकों को सम्मानित किया जा चुका है। केयू द्वारा वर्ष 2010 से गोयल शान्ति पुरस्कार भी शुरू किए गए हैं। पहला शांति पुरस्कार सुलभ इंटरनेशनल के संस्थापक बिंदेश्वर पाठक को दिया गया था। सामाजिक सेवा के लिए एकल फाउंडेशन के संस्थापक श्याम गुप्ता व संत बलबीर सिंह सीचेवाल को भी यह सम्मान दिया जा चुका है। इस मौके पर कुलसचिव प्रो. संजीव शर्मा, गोयल अवार्ड के कंवीनर प्रो. संजीव अरोड़ा, प्रो. एनके माटा, प्रो. पवन शर्मा, प्रो. ब्रजेश साहनी, प्रो. अनिता दुआ व डॉ. अनिता भटनागर मौजूद रहे। Post navigation मारकंडा नदी प्रभावित किसानों द्वारा लगातार आवाज उठाने के बाद प्रशासनिक अधिकारी मौके पर निरीक्षण करने पहुंचे विश्व विख्यात अमेरिकी संस्थान के साथ समझौते से विद्यार्थियों को रोजगार के उच्च अवसर प्राप्त होंगेः प्रो. सोमनाथ सचदेवा