दिव्यांग गौशाला के लिए विख्यात गांव हेड़ाहेड़ी में आंखों का कैंप 
कैंप में लगभग 250 ग्रामीणों के आंखों की की गई जांच 
डॉक्टर सुशांत को आंख के पर्दे बदलने में महारत हासिल
गोशाला संचालक महंत राजगिरी की देखरेख में कैंप का सफल आयोजन   

  फतह सिंह उजाला

 पटौदी । पटौदी मंडी नगर परिषद के सामान्य अस्पताल में अब आंखों के पर्दे बदलने की सुविधा भी उपलब्ध हो चुकी है । इतना ही नहीं गुरुग्राम और रेवाड़ी के बीच ग्रामीण अंचल के इस सरकारी अस्पताल में एक दर्जन से अधिक आंखों के रोगियों के पर्दे सफलतापूर्वक बदले जा चुके हैं । यह जानकारी पटोदी सरकारी अस्पताल के आई सर्जन डॉक्टर सुशांत शर्मा ने संडे को दिव्यागं गोधन के लिए विख्यात हेड़ाहेडी गोशाला में आंखों के कैंप के समापन के मौके पर कहीं ।    

इस कैंप  का आयोजन गोशाला के संचालक महंत राजगिरी की देखरेख में मेजबान ग्रामीणों सहित आसपास के ग्रामीणों के सहयोग से सफलतापूर्वक किया गया। यहां आने वाले सभी रोगियों के बैठने आंखों की जांच कराने की संतोषजनक व्यवस्था की गई। इस मौके पर महंत राज गिरी ने कहा सही मायने में जीवन उसी का सफल और कामयाब कहा जा सकता है , जो किसी भी प्रकार से दूसरे के जीवन में उजाला लेकर के आए । उन्होंने कहा मेरे नजरिए से सबसे अधिक पुण्य का कार्य किसी भी जरूरतमंद के नेत्र विकारों को सही कर उसे इस रंग बिरंगी दुनिया को देखने का मौका प्रदान करना है ।

 उन्होंने कहा इतना ही नहीं मानव हो या जीव हो, सेवा दोनों की ही करनी चाहिए । हेड़ाहेड़ी गौशाला में लगभग 250 से अधिक दिव्यांग बेबस लाचार और अंधा गोधन मौजूद है । इस गोधन की सेवा ग्रामीण और युवा ग्रामीण सेवक स्वेच्छा से करते आ रहे हैं । उन्होंने कहा वैसे भी धर्म ग्रंथों और शास्त्रों में कहा गया है जहां-जहां भी गोधन हो , वहां पर देवताओं का वास होता है । 

 इसी मौके पर नेत्र रोग विशेषज्ञ डॉक्टर सुशांत शर्मा ने ऐसे सभी नेत्र रोगियों को सलाह दी है कि जिन्हें आंखों के ऑपरेशन करवाने के लिए कहा गया है । वह सभी निर्धारित तिथि पर पटौदी अस्पताल पहुंचकर अपना आंखों का ऑपरेशन फ्री में करवा सकते हैं । पटौदी सामान्य अस्पताल में सप्ताह में 3 दिन आंखों के ऑपरेशन 3 दिन आंखों की जांच का कार्य किया जाता है । इसके अलावा आपात स्थिति में आंखों की जांच और ऑपरेशन किए जाते हैं। डॉक्टर सुशांत शर्मा ने बताया निकट भविष्य में जल्द ही दसवीं कक्षा के ऊपर सरकारी और प्राइवेट स्कूलों में सभी छात्रों के नेत्रों की जांच की जाएगी।

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