मुख्यमंत्री ने ई-अधिगम योजना के तहत टैबलेट प्राप्त करने वाले विद्यार्थियों एवं उनके अभिभावकों से किया सीधा संवाद

मुख्यमंत्री ने गरीब बच्चों को भी ऊंचे सपने देखने का हौंसला दिया, आज हम भी ऑनलाइन माध्यम से पढ़ाई कर पा रहे हैं, तो यह केवल हरियाणा सरकार की बदौलत मुमकिन हुआ है- विद्यार्थी

सरकार का लक्ष्य, मई 2023 के अंत तक कम से कम 60 प्रतिशत छात्र और शिक्षक टैबलेट का करें उपयोग- मनोहर लाल

चंडीगढ़, 15 अप्रैल- हरियाणा के मुख्यमंत्री श्री मनोहर लाल ने कहा कि डिजिटल शिक्षा को बढ़ावा देने और गरीब व जरूरतमंद परिवारों के बच्चों को ऑनलाइन शिक्षा मुहैया करवाने के उद्देश्य से शुरू की गई ई-अधिगम योजना पूरी तरह से कारगर सिद्ध हो रही है। इस योजना के तहत अब तक साढ़े 5 लाख विद्यार्थियों को टैबलेट प्रदान किये जा चुके हैं। इसके साथ प्रतिदिन 2जीबी इंटरनेट डाटा भी मुफ्त दिया जा रहा है। इसके लिए प्रदेश सरकार ने 1,000 करोड़ रुपये की महत्वाकांक्षी योजना बनाई, जो पूरे भारत में स्कूल शिक्षा में पहली योजना है। राज्य सरकार की ई-अधिगम पहल प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी के डिजिटल इंडिया विज़न को साकार करने की दिशा में मील का पत्थर साबित होगी।        

मुख्यमंत्री आज ऑडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से ई-अधिगम योजना के तहत टैबलेट प्राप्त करने वाले बच्चों तथा उनके अभिभावकों से सीधा संवाद कर रहे थे।        

संवाद के दौरान टैबलेट प्राप्त करने वाले स्कूली विद्यार्थियों ने मुख्यमंत्री की सराहना करते हुए कहा कि इस प्रकार की पहल करके मुख्यमंत्री ने गरीब बच्चों को भी ऊंचे सपने देखने का हौंसला दिया है। आज हम भी ऑनलाइन माध्यम से पढ़ाई कर पा रहे हैं, तो यह केवल हरियाणा सरकार की बदौलत मुमकिन हुआ है। विद्यार्थियों ने कहा कि कोरोना महामारी के दौरान जब स्कूल पूरी तरह से बंद हो गए थे, तब उन्हें ऐसा लगता था कि वह शिक्षा से वंचित रह जाएंगे, लेकिन बच्चों को मुफ्त टैबलेट देने के मुख्यमंत्री के इस प्रयास से हमें न केवल शिक्षा प्राप्त हुई, बल्कि आज हम प्रतियोगी परीक्षाओं के लिए भी तैयारी कर पा रहे हैं।       

 श्री मनोहर लाल ने कहा कि डिजिटल तकनीक का उपयोग शिक्षा के क्षेत्र में काफी समय से हो रहा है, लेकिन 2 साल पहले आई कोविड-19 महामारी के समय यह तकनीक हर विद्यार्थी की जरूरत बन गई थी। उस समय स्कूल-कॉलेज जाना संभव नहीं था। लेकिन विद्यार्थियों को शिक्षा प्रदान करना भी आवश्यक था। इसके लिए सरकार ने कई डिजिटल प्लेटफार्म का उपयोग किया। कोविड-19 महामारी के इस दौर में हमें जरूरत महसूस हुई कि प्रदेश के विद्यार्थियों के पास डिजिटल डिवाइस होना वर्तमान युग की आवश्यकता है। इसलिए राज्य सरकार ने विद्यार्थियों को टैबलेट प्रदान करने का निर्णय लिया। इसी दिशा में 5 मई, 2022 को रोहतक में ई-अधिगम योजना का शुभारंभ करते हुए विद्यार्थियों को टैबलेट वितरित किये गए।

टैबलेट का अधिकतम उपयोग करें, इससे नए अवसरों की भी होगी प्राप्ति       

मुख्यमंत्री ने सभी विद्यार्थियों से अनुरोध किया कि वे इस टैबलेट का अधिकतम उपयोग करें। इसके सदुपयोग से आप दुनिया का श्रेष्ठ ज्ञान प्राप्त कर सकते हैं, जो आपके जीवन को सरल और सफल बनायेगा। उन्होंने कहा कि ये टैबलेट बच्चों के कौशल का विकास करने के साथ – साथ विश्व स्तर पर प्रतिस्पर्धा करने में भी उनकी सहायता कर रहे हैं। इसके अलावा उन्हें नए अवसरों की प्राप्ति भी होगी।        

उन्होंने कहा कि शिक्षा में सूचना तकनीक के उपयोग के लिए विद्यार्थियों को प्रेरित करते हुए प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने एक कार्यक्रम में कहा था कि हम खुशकिस्मत हैं कि ऐसे युग में हैं, जहां प्रौद्योगिकी सरल और पहुंच के अन्दर है। एक बार आप इसमें दिलचस्पी लें तो पूरी दुनिया के दरवाजे आपके लिए खुल जाएंगे।       

 श्री मनोहर लाल ने कहा कि प्रधानमंत्री के इसी विचार पर चलते हुए हमने प्रदेश में ऐसी व्यवस्था बनानी थी, जो स्थायी हो, सहज सुलभ हो, जिसमें लर्निंग मैनेजमेंट के माध्यम से पाठ्यक्रम चले, कौशल ग्रहण भी हो। इसमें अध्यापक और विद्यार्थी के मध्य दो तरफा संवाद हो। यह तभी संभव है यदि सरकारी विद्यालयों के विद्यार्थियों को ई-लर्निंग के उपकरण उपलब्ध करवाए जाएं। इसलिए हम शिक्षण में प्रौद्योगिकी और ई-लर्निंग के उपयोग को प्रोत्साहित करने पर बल दे रहे हैं ।

सरकार का लक्ष्य, मई 2023 के अंत तक कम से कम 60 प्रतिशत छात्र और शिक्षक टैबलेट का करें उपयोग       

 मुख्यमंत्री ने कहा कि सरकार ने 37,370 अध्यापकों को भी टैबलेट उपलब्ध करवाए हैं, ताकि उन्हें भी बच्चों को ऑनलाइन शिक्षा देने की सुविधा प्राप्त हो। सरकार ने नए शैक्षणिक वर्ष 2023-24 में टैबलेट के वितरण के लिए एस.ओ.पी. तैयार की है। इसके लिए स्कूलों की ओर से कार्रवाई शुरू कर दी गई है। सरकार का लक्ष्य है कि मई, 2023 के अंत तक कम से कम 60 प्रतिशत छात्र और शिक्षक टैबलेट का उपयोग करें। इसके लिए शिक्षकों को निर्देश दिये हैं कि वे कक्षा में और घर पर प्रतिदिन स्वयं और छात्रों द्वारा टैबलेट का उपयोग सुनिश्चित करे। टैबलेट के उपयोग को बढ़ावा देने के लिए अधिकारियों और शिक्षकों को प्रशिक्षण दिया जा रहा है।

कोविड महामारी के दौरान सूचना प्रौद्योगिकी का उपयोग कर करोड़ों विद्यार्थियों को घर बैठे ही दी गई शिक्षा        

श्री मनोहर लाल ने कहा कि कोरोना महामारी के समय जब गरीब परिवारों के बच्चों के पास इंटरनेट से जुड़े मोबाइल या तो उपलब्ध नहीं थे अथवा बहुत कम स्पीड वाले थे। तब सरकार ने स्कूली बच्चों को टैबलेट उपलब्ध करवाने का निर्णय लिया था। कोविड महामारी के दौरान सूचना प्रौद्योगिकी का उपयोग कर ऑनलाइन शिक्षा के माध्यम से करोड़ों विद्यार्थियों को घर बैठे ही शिक्षा प्रदान की गई। 15 अप्रैल, 2020 को मुख्यमंत्री दूरवर्ती शिक्षा कार्यक्रम आरम्भ किया। विद्यार्थियों को थ्री-एस (स्टे एट होम, स्टडी एट होम, स्कूल एट होम) का सन्देश दिया था। उस समय स्कूलों व कॉलेजों के विद्यार्थियों के लिए ऑनलाइन कक्षाएं शुरू की गई। एनसीईआरटी द्वारा भी टी.वी. के माध्यम से शिक्षा की व्यवस्था की गई, जिससे प्रदेश के 52 लाख विद्यार्थी लाभान्वित हुए। रिकार्डिड लेक्चर भी टी.वी. चैनलों व केबल नेटवर्क पर उपलब्ध करवाये गये। राजकीय स्कूलों के 1.87 लाख से अधिक छात्रों को शिक्षा सेतु ऐप के माध्यम से शिक्षा दी गई। इसके अलावा, प्राइमरी स्कूलों में पढ़ने वाले बच्चों के लिए संपर्क बैठक मोबाइल एप्लीकेशन भी लांच की गई।

हरियाणा में राष्ट्रीय शिक्षा नीति-2020 को वर्ष 2025 तक पूरी तरह लागू करने का रखा लक्ष्य       

 मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार ने राष्ट्रीय शिक्षा नीति-2020 को वर्ष 2025 तक पूरी तरह लागू करने का लक्ष्य रखा है। इस नीति का एक उद्देश्य विद्यार्थियों का कौशल विकास करना है। हरियाणा के विद्यार्थियों को यदि 21 वीं सदी के कौशलों में दक्ष बनाना है तो यह तभी संभव है यदि उन्हें पर्सनल डिजिटल डिवाइस उपलब्ध करवाये जायें। अब स्कूल स्तर पर जिन विद्यार्थियों को डिजिटल एक्सेस मिल रहा है, वे आने वाले वर्षों में आईटी क्षेत्र में या 21 वीं सदी के कौशलों में हाथ आजमाते दिखेंगे। इन कौशलों में आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस ऑगमेंटेड रियलिटी, वर्चुअल रियलिटी, डाटा माइनिंग, ब्लॉक चैन मैनेजमेंट, कोडिंग, गेमिंग इत्यादि शामिल हैं।       

 उन्होंने कहा कि इस समय पूरे संसार में स्कूल शिक्षा में कुल 6 से 7 देश ऐसे हैं, जो ब्रिंग योर ऑन डिवाइस के नाम से इस योजना को चला रहे हैं। लेकिन हरियाणा सरकार ने बच्चों को डिवाइस उपलब्ध करवाकर देश में ही नहीं, अपितु अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर अपना स्थान बनाया है।       

 उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी का लक्ष्य अंतरराष्ट्रीय रोजगार में भारत की हिस्सेदारी अगली पंचवर्षीय योजना में दोगुणा करना है। इसमें हरियाणा का ई – अधिगम प्रयास महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा।      

  इस अवसर पर मुख्यमंत्री के मुख्य प्रधान सचिव श्री डी एस ढेसी, मुख्यमंत्री के अतिरिक्त प्रधान सचिव तथा सूचना, लोक संपर्क, भाषा एवं संस्कृति विभाग के महानिदेशक डॉ अमित अग्रवाल, निदेशक माध्यमिक शिक्षा एवं स्कूल शिक्षा विभाग के विशेष सचिव श्री अंशज सिंह, मुख्यमंत्री के राजनीतिक सलाहकार श्री भारत भूषण भारती और सूचना, लोक संपर्क, भाषा एवं संस्कृति  विभाग के संयुक्त निदेशक (प्रशासन) श्री गौरव गुप्ता सहित अन्य अधिकारी उपस्थित थे।

error: Content is protected !!