-कमलेश भारतीय

इन दिनों दिल्ली के मुख्यमंत्री व कांग्रेस प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की डिग्री खोज रहे हैं । वैसे यह खोज बरसों से जारी है लेकिन राहुल गांधी को संसद की सदस्यता से अयोग्य करार दिये जाने के बाद यह खोज तेज हो गयी है । यही क्यों अनेक विवादास्पद बयानबाज खोजे जा रहे हैं , जिससे कि मानहानि ही नहीं लोकसभा की सदस्यता पर भी उसी तरह खतरा मंडराने लगे जैसे राहुल गांधी पर मंडरा रहा है । अनेक उदाहरण दिये जा रहे हैं कि जो संसद सदस्य भी नहीं , उनको अभी तक सुरक्षा के नाम पर सरकारी बंगले दे रखे हैं । उदारहण के रूप में लाल कृष्ण आडवाणी, मायावती , मुरली मनोहर जोशी सहित आधा दर्जन नेताओं के नाम सामने आ रहे हैं ! फिर राहुल गाधी से बंगला खाली करवाने की इतनी जल्दी क्या आन पड़ी है ! इनके बंगले इसलिये खाली नहीं करवाये गये क्योंकि इनकी सुरक्षा को खतरा माना जा रहा है । सवाल है कि क्या राहुल गांधी को केंद्र सरकार पूरी तरह से सुरक्षित मान कर चल रही है ?

सबसे पहले गांधी परिवार की सुरक्षा ही कम करनी शुरू की थी अंर अब तो बंगला तक खाली करने का नोटिस भेज दिया गया है ! इस तरह बहुत तेजी से सरकार ऑपरेशन राहुल गांधी पर काम करती दिख रही है । सूरत कोर्ट में राहुल के साथ गये नेताओं के बारे में केंद्रीय मंत्री रिजीजू कमाल की बात कह रहे हैं कि यह कांग्रेस का शक्ति प्रदर्शन था ताकि कोर्ट पर दबाब बनाया जा सके ! कोर्ट क्या ऐसे प्रदर्शनों का कोई नोटिस लेती है ?

मजेदार बात तो हमारे हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर ने जज को लेकर कह दी कि जज को पता नहीं होगा । उसे ठीक करेंगे ! जब चहुंओर इस बयान की निंदा हुई तब खेद जताने आगे आये ! यानी कोर्ट को भी एक बार तो नीचा दिखा गये अपने खट्टर काका ! जुबान है कि कभी कभी फिसल ही जाती है और ऐसे ही फिसल गयी होगी राहुल गांधी की जब कहा कि सारे चोरों के नाम मोदी ही क्यों होते हैं ! अब उस फिसली जुबान की सजा भुगत रहे हैं । क्या फर्जी डिग्री कांड को हवा दी जा रही है ? सोशल मीडिया पर मजेदार टिप्पणी आ रही है जिसमें जसोदा बेन कथित रूप से कह रही हैं कि मुझे भी इसीलिये छोड़कर चले गये क्योंकि मैंने डिग्री के बारे मे ही तो पूछा था ! ऐसे मज़ाक सोशल मीडिया पर चलते रहते हैं क्योंकि इवेंट मैनेजमेंट इन्हें क्रिएट करने के पैसे लेते हैं ! सभी दलों के मीडिया सेल इस काम में चौबीसों घंटे लगे रहते हैं । अफवाहों और फेक न्यूज का जमाना है और यह चलन ऐसे ही आया है छवि धूमिल करने के लिये ! कब तक ?

राहुल गांधी के राजनीतिक भविष्य पर न केवल कांग्रेस बल्कि विपक्षी दलों को भी चिंता सता रही है तभी तो ममता बनर्जी , अरविंद केजरीवाल, अखिलेश यादव भी समझ गये कि विपक्ष को एकजुट होने की जरूरत है ! भाजपा को इतनी तेजी से राहुल गांधी के खिलाफ कार्रवाई करना शायद महंगा पड़ता नजर आ रहा है । देखिये ऊंट किस करवट बैठता है ! हम तो इतना ही कहेंगे:

डिग्री खोजत युग भया
डिग्री मिली न कोय
जो मैं ऐसा जानती तो
डिग्री का जिक्र करती न कोय!
-पूर्व उपाध्यक्ष, हरियाणा ग्रंथ अकादमी । 9416047075

error: Content is protected !!