-कमलेश भारतीय

चार साल पहले कांग्रेस के साथ यदि जजपा गठबंधन करती तो क्या होता ? यह अब कोई विषय नहीं । हां , चार साल पहले सत्ता की चाबी जजपा के हाथ जरूर लग गयी थी । दस विधायक जीतने पर जिस भी दल को समर्थन देते उपमुख्यमंत्री पद तश्तरी में ऑफर किया जा रहा था । चाहे कांग्रेस , चाहे भाजपा -कोई फर्क नहीं अलबत्ता । आखिर जजपा ने भाजपा के साथ जाने का फैसला किया । कांग्रेस के हाथ खाली रह गये । पाच साल का संघर्ष और करना पड़ रहा है जिनमें से जैसे तैसे चार साल कट गये और अब सरकार हो या विपक्ष दोनों चुनाव के मोड में आ चुके हैं । इन दिनों जहां कहीं पूर्व मुख्यमंत्री ओमप्रकाश चौटाला से सवाल किया जाता है कि क्या आप कांग्रेस के साथ गठबंधन करेंगे तो वे बहुत साफ कहते हैं कि भाजपा को हराने के लिए कुछ भी कर सकते हैं और किसी दल से कोई परहेज नहीं है ! ऐसी ही बात वे कांग्रेस के खिलाफ भी कहा करते थे कि कांग्रेस को हराने के लिये वे किसी के साथ भी गठबंधन कर सकते हैं !

इस तरह के बयानों के बीच अचानक से जजपा के दिग्विजय सिंह ने एक बहुत चतुराई भरा बयान दिया कि हम तो कांग्रेस के साथ गठबंधन करने को तैयार थे लेकिन पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिह हुड्डा ने हमारी शर्तें नहीं मानीं । इसलिये बात नहीं बनीं । हमें भाजपा के साथ जाना पड़ा! यह बहुत ही डिप्लोमेटिक बयान है । चतुराई भरा । अब जब कांग्रेस और इनेलो की नजदीकियां बढ़ती जा रही है तब दिग्विजय का यह बयान क्या संकेत कर रहा है ?

यही सवाल जब पूर्व मुख्यमंत्री व नेता विपक्ष भूपेंद्र सिंह हुड्डा से पत्रकारों ने पूछा तब उन्होंने कहा कि उनकी कोई बात ही नहीं हुई । कोई बिचौलिया आया होगा और ऐसे लोग आते रहते है लेकिन सीधी बात नहीं हुई । फिर यह गठबंधन न होने पर अब चार साल बाद तकरार या मलाल किसलिये ? बहुत बड़ा रहस्य है । जब गठबंधन की बात थी तब आप याद कीजिए कि दुष्यंत व दिग्विजय के पिता डाॅ अजय चौटाला अभी अपनी सजा भुगत रहे थे और चौटाला परिवार यह मान कर चल रहा था कि उनके दादा व पिता को सजा दिलाने में भूपेंद्र सिंह हुड्डा का हाथ है । यह दर्द दुष्यंत चौटाला ने राहुल गांधी के संदर्भ में बयान भी किया हिसार में मीडिया के सामने कि हम भी यही मान कर चल रहे थे कि कांग्रेस का हाथ है सजा दिलाने में और हमें भी यह दुख सहना पड़ा लेकिन यह कानून का काम है। इस तरह भाजपा के साथ गठबंधन समय की नाजुक मांग रही । ऐसे मान सकते हैं ।

फिर गठबंधन कैसे होता ? अब समय की मांग है कि भाजपा के साथ शायद न जाये जजपा या गठबंधन रहे या न रहे तो ऐसे में सारा दोष कांग्रेस या पूर्व मुख्यमंत्री पर डालने का चतुराई भरा बयान तो दिया ही जा सकता है ! ऊपर से श्री हुड्डा कह रहे हैं कि जो लोग कह रहे थे कि भाजपा को यमुना पार भेजेंगे , उन्होंने ही भाजपा के साथ गठबंधन करने मे देर नहीं लगाई । अब यह जो गठबंधन हो न सका , उसकी याद क्यों सता रही है ? यह मामला बहुत ही दिलचस्प बनता जा रहा है । जजपा को अब कहां कदम रखना है ? इनेलो के कदम की राह देखी जा रही है ? अभी चुनाव तक आते आते कितनी ही संभावनायें हैं क्योंकि राजनीति संभावनाओं का खेल जो ठहरा !
-पूर्व उपाध्यक्ष, हरियाणा ग्रंथ अकादमी । 9416047075

error: Content is protected !!