सुरुचि परिवार एवं श्याम्बुज कुंज के संयुक्त तत्त्वावधान में काव्यांजलि का शानदार  आयोजन 

गुरूग्राम, 27 मार्च।  सुरुचि परिवार एवं श्याम्बुज कुंज के संयुक्त तत्त्वावधान में काव्यांजलि का आयोजन  रविवार 26 मार्च, 2023 को  सायं 4  बजे सी.सी.ए. स्कूल सेक्टर 4  के सभागार में  किया गया I नव संवत्सर भारतीय नव वर्ष एवं चैत्र नवरात्रि के शुभ अवसर पर इस काव्यांजलि में दिल्ली , ग़ाज़ियाबाद, फरीदाबाद , बहादुरगढ़ , गुरुग्राम के कवियों  ने अपनी काव्य प्रस्तुति दी  I 

प्रदेश कार्यकारिणी , भाजपा विधानसभा सदस्य मुकेश शर्मा ने कार्यक्रम में  मुख्य अतिथि के रूप में मंच को सुशोभित किया जबकि प्रख्यात समाजसेवी डी.पी. गोयल, प्राचार्य निर्मल यादव, सुरुचि परिवार के अध्यक्ष डा. धनीराम अग्रवाल ने विशिष्ट अतिथि के रूप में कार्यक्रम की शोभा बढ़ाई I कार्यक्रम का संयोजन शयाम्बुज कुञ्ज के संस्थापक अध्यक्ष कवि बिमलेन्दु  सागर ने किया I उन्होंने बताया कि अपनी माँ- पिता के नाम पर उन्होंने शयाम्बुज कुञ्ज की स्थापना की I  कार्यक्रम का सुन्दर व  सधा हुआ  संचालन कवयित्री मीना चौधरी ने किया I अतिथिगण द्वारा दीप प्रज्जवलन एवं बिमलेन्दु सागर द्वारा प्रस्तुत सरस्वती  वंदना से विधिवत कार्यक्रम का शुभारम्भ हुआ I

मुख्य अतिथि मुकेश शर्मा ने अपने उदबोधन  में हरियाणा के लोकप्रिय  कवि लख्मीचन्द का स्मरण करते हुए साहित्य में महत्वपूर्ण योगदान के लिए उन्हें नमन किया I उन्होंने सुन्दर आयोजन के लिए संस्था को साधुवाद दिया और नियमित रूप  से ऐसे कार्यक्रम करते रहने का आह्वान किया I  विशिष्ट अतिथि डी. पी. गोयल ने कहा, “समाज में जन-जागरण का महत्वपूर्ण कार्य कवि अपनी रचनाओं के माध्यम से करता है I समाज को प्रेरणा भी मिलती है और बहुत कुछ सीखने को भी मिलता है I डा. धनीराम अग्रवाल ने कवियों द्वारा प्रस्तुत रचनाओं के गुणवत्ता स्तर की विशेष सराहना करते हुए सभी कवियों को बधाई दिया I काव्य सरिता में जहाँ वरिष्ठ कवियों ने कार्यक्रम की गरिमा बढ़ायी वहीँ प्रतिभावान नवोदित कवियों ने अपनी प्रस्तुति से श्रोताओं को मंत्रमुग्ध कर दिया I

काव्यांजलि में सुनील शर्मा, मोनिका शर्मा , मेघना शर्मा, रवि शर्मा, आभा कुलश्रेष्ठ, राजपाल यादव, सुनीता सिंह, कुमार राघव, राजेश प्रभाकर, चाँदनी केसरवानी, कृष्ण गोपाल सोलंकी, वीणा अग्रवाल, सुजीत कुमार, अनन्या  सागर, देवेन्द्र गौड़, संकल्प जैन, पुनीत पांचाल, लोकेश चौधरी, राहुल शेष, अनीता राव, ओमीश  पुर्थी, बिमलेन्दु सागर, सविता स्याल, सुरिन्दर मनचंदा, राजेश श्रीवास्तव, मीना चौधरी, नरेंद्र खामोश, कृष्ण गोपाल विद्यार्थी, अनिल श्रीवास्तव सहित लगभग 31 कवियों ने विभिन्न विधाओं में काव्य पाठ कर सभागार को काव्यमय कर दिया I

सुनीता सिंह ने नारी महिमा को बयां करती पंक्तियाँ पढ़ीं -“कभी कुसुम सी कोमल, कभी शक्ति सी अवतारी है I नर को जो नारायण कर दे, उसका नाम ही नारी है I”

कुमार राघव ने मधुर गीत पढ़ा -“थे पथ में कांटे, थी राते भी सूनी, ना कभी सुकून की साँस आयी I

अनन्या सागर ने शहीदों को समर्पित पंक्तियाँ पढ़ीं -“देश पर जो कुर्बा हो जाया करता है, इंसान वह ईश्वर कहलाया करता  है I”

 संकल्प जैन के  मधुर कंठ से प्रस्तुत गीत श्रोताओं पर छाप छोड़ने में सफल रही-“भूल जाते हैं कैसे सिखा दो मुझे, भूल जाने का तुमको तो अभ्यास है I”

पुनीत पांचाल ने जीवन    की आपाधापी से निकले अशआर प्रस्तुत किये -“थोड़ी सी जिंदगी मिली खुदखुशी के बाद, कर रहा हूँ शायरी नौकरी के बाद I”

राहुल शेष ने गहरी बात करते हुए कहा-” वहीँ पर दरवाजा बनाओ, जहाँ से कोई दीवार निकले I”

कृष्ण गोपाल सोलंकी की पंक्तियाँ थीं-“हक़ की बात बोल दी, धमकियाँ मिलने लगीं I”

ओमीश पुर्थी ने कहा-“माँ शब्द लघु कितना, जैसे तुलसी पात I माँ शब्द दीर्घ कितना, जैसे बरगद गात I”

बिमलेन्दु सागर ने शानदार ग़ज़ल पढ़ी-” दिल ये तनहा दिखाई देता है, सूखा पत्ता भी दिखाई देता है I जब भी तू याद आता है दिल में , जख्म भी ताज़ा दिखाई देता है I”

राजेश प्रभाकर ने वर्तमान हालात पर तंज करते हुए कहा-“आदमी की टांग खींचे आदमी, स्वार्थ के बाग़ सींचे आदमी I”

नरेंद्र खामोश ने इशारों में  व्यंग्य करते हुए कहा -“वसूलेगा मेरा आका मुझी से, मुफ्त की रेवड़ी का क्या करूँ ?”

मोनिका शर्मा ने प्रेम गीत पढ़ा-” किस गली किस नगर में जाने कहाँ हो तुम, साँसों के धड़कनों के दरम्यान हो तुम I”

मेघना शर्मा की पंक्तियाँ थी-“वक्त से कुछ वक्त चुराकर, तेरे साथ कुछ वक्त बिताने का दिल करता है I”

राजपाल यादव ने कहा -” कविता रच के शब्दों को सदा मैं मान देता हूँ I”

कृष्ण गोपाल विद्यार्थी ने  काव्य पाठ कर  कार्यक्रम को ऊंचाई दी और श्रोताओं के चेहरे पर मुस्कान भी बिखेरी -” तीर से डरते नहीं तलवार से डरते नहीं, बिन बेलन किसी हथियार से डरते नहीं I”

हास्य कवि देवेंद्र गौड़ ने अपनी रचनाओं से श्रोताओं को खूब  गुदगुदाया I आभा कुलश्रेष्ठ ने राजनीति पर व्यंग्य से करारा प्रहार किया I अनीता राव ने हरियाणवी कविता प्रस्तुत कर श्रोताओं का दिल जीत लिया I वीणा अग्रवाल की रचना ‘जानिए बसंत है’ एवं  सुजीत कुमार की रचना ‘मुझे मेरी कलम दे दो’  खूब सराही गयी I सुनील शर्मा ने देशभक्ति से ओत – प्रोत रचना ओजस्वी स्वर में  पढ़ी I रवि शर्मा ने नव संवत्सर का स्वागत करते हुए अपनी रचना पढ़ी I सविता स्याल ने अपनी  रचना में कवि को जन्म देने वाली माँ को महान बताया I मीना चौधरी ने अपनी रचना में बाल श्रम  की पीड़ा व्यक्त की I राजेश श्रीवास्तव, लोकेश चौधरी , चांदनी केसरवानी सुरिंदर मनचंदा अनिल श्रीवास्तव की रचनाओं को भी श्रोताओं की खूब सराहना मिली I  इस अवसर पर शशांक मोहन शर्मा, सुनील पुजारी, कुलदीप शर्मा, पल्लवी सागर सहित कई पदाधिकारी और गणमान्य श्रोता उपस्थित थे I डा. अग्रवाल ने जहाँ आमंत्रित अतिथि , कवियों श्रोताओं का आभार व्यक्त किया, वहीं सी.सी.ए स्कूल के स्टाफ व प्राचार्य का विशेष धन्यवाद व्यक्त किया I

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