हिसार तलवंडी राणा स्थाई सडक़ मार्ग को लेकर मुख्यमंत्री से मिला प्रतिनिधिमंडल

– मुख्यमंत्री ने कहा दूरी बढऩे की बात जायज, कमेटी गठित कर सर्वे करवाकर एयरपोर्ट ऑथोरिटी को एनओसी देने में कोई दिक्कत नहीं हुई तो ग्रामीणों को रोड देने का करूंगा प्रयास –
जब तक स्थायी रोड नहीं मिल जाता हमारा धरना जारी रहेगा : ओ.पी. कोहली

हिसार 25 मार्च : मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर के हिसार आगमन पर आज रोड बचाओ संघर्ष समिति का एक प्रतिनिधिमंडल समिति अध्यक्ष एडवोकेट ओमप्रकाश कोहली की अध्यक्षता गुुरु जम्भेश्वर युनिवर्सिटी में मुख्यमंत्री से मिला। प्रतिनिधिमंडल में ओ.पी. कोहली के साथ तलवंडी राणा के सरपंच दयाल सिंह व तलवंडी राणा के नंबरदार व महिलाएं शामिल थीं। ओ.पी. कोहली ने बताया कि हमने मुख्यमंत्री के सामने रोड बंद हो जाने से ग्रामीणों को हो रही विभिन्न परेशानियों से अवगत करवाया और स्थायी सडक़ की मांग की जिस पर उन्होंने कहा कि गांवों की दूरी बढऩे की बात तो सही है लेकिन आपको आउटर रिंग रोड बाई पास का रास्ता दे दिया गया है। ओ.पी. कोहली ने मुख्यमंत्री से कहा कि इस रिंग रोड से ग्रामीणों का गुजारा नहीं हो सकता और न ही इससे उन्हें किसी प्रकार का लाभ पहुंचेगा और उन्हें सारी भौगोलिक व वास्तविक स्थिति से रूबरू करवाया व दिक्कतें बताई। जिसके बाद मुख्यमंत्री ने कहा कि इसके लिए एक कमेटी का गठन करके यदि एयरपोर्ट की जमीन से एनओसी वगैरह की कोई दिक्कत नहीं आती तो रोड दिलवाने का प्रयास करूंगा। समिति ने मुख्यमंत्री को इस संबंध में एक ज्ञापन भी दिया।

कोहली ने बताया कि हमने मुख्यमंत्री को बताया कि एयरपोर्ट के विस्तार के चलते हिसार से तलवंडी राणा-बरवाला सैकड़ों वर्ष पुराना रोड बंद किया गया है जिससे दर्जनों गांव व बरवाला, उकलाना, चंडीगढ़ केंद्र की दूरी चार से पांच गुणा तक बढ़ चुकी है तथा तलवंडी राणा, बीड़ बबरान की एक हजार एकड़ से ज्यादा जमीनें जो रोड के नजदीक होने के कारण प्राईम लोकेशन हैं जिसमें करीबन 250 दुकानें, लघु उद्योग, फैक्ट्रीयां, डेयरियां व अन्य कारोबार चलते हैं सब ठप होने के कगार पर हैं। पुराने सडक़ मार्ग से महिला कॉलेज की दूरी गांव से मात्र 4-5 किलोमीटर ही थी जिससे छात्राएं साइकिल व स्कूटी इत्यादि से कॉलेज चली जाया करती थी लेकिन अब यह रोड बंद हो जाने से उनकी शिक्षा बुरी तरह प्रभावित हो रही है और उन्हें कई किलोमीटर घूमकर परेशान होते हुए अपने शिक्षण संस्थानों तक पहुंचना पड़ रहा है। छात्र-छात्राओं इस रोड के बंद हो जाने से बहुत अधिक प्रभावित हुए हैं। वहीं गरीब मजदूर तबका जो फल, सब्जी, दूध इत्यादि की बिक्री के लिए शहर जाता है उस पर भी बहुत अधिक आर्थिक भार बढ़ चुका है।

कोहली ने बताया कि इसके अलावा रोजाना शहर जाने वाले कर्मचारी, दिहाड़ी मजदूर, दूध विक्रेता, किसान, व्यापारी व अन्य लोगों पर इसका बहुत विपरीत प्रभाव पड़ा है। गांव की आबादी व आसपास के प्रभावित क्षेत्रों की हजारों आबादी उजडऩे के कगार पर है। रोड बंद हो जाने से यहां जमीनों की कीमतों में भी भारी गिरावट आई है। क्षेत्र के दुकानदार व व्यापारियों के काम धंधे फेल हो चुके हैं। पहले गांव की दूरी शहर से पांच किलोमीटर थी तथा हिसार बस स्टैण्ड से 5-7 कि.मी थी जो अब 4 से 5 गुणा बढक़र 25-30 कि.मी. हो गई है। इस समय बरवाला रोड पर पडऩे वाले गांव बेहद परेशानी के दौर से गुजर रहे हैं। बरवाला विधानसभा क्षेत्र वर्तमान रोड बंद हो जाने से मिलगेट, सातरोड़, कैंट सहित अन्य क्षेत्रों से पूरी तरह से कट चुका है और इसके बीच एयरपोर्ट की दीवार खड़ी हो गई है। यह रोड बंद हो जाने से न केवल बरवाला हलका बल्कि चंडीगढ़ तथा अन्य राज्यों के मुसाफिर तक परेशान हैं।

कोहली ने बताया कि मुख्यमंत्री ने समिति को आश्वासन दिया है कि कमेटी गठित करके सर्वे के यदि एयरपोर्ट ऑथोरिटी से एनओसी वगैरह की दिक्कत नहीं आती तो ग्रामीणों को रोड दिलाने के प्रयास करेंगे। इतने लंबे समय से दर्जनों गांवों के ग्रामीण धरने पर हैं और सरकार उनकी मुश्किलों से अच्छी तरह वाकिफ उसके बावजूद स्थायी रोड देने में और देरी से ग्रामीण को निराश हैं जबकि ग्रामीण मुख्यमंत्री से स्थायी रोड के कार्य में तेजी लाने के लिए मिले थे। हमारी सरकार से मांग है कि हमें सबसे नजदीकी सडक़ मार्ग जल्द से जल्द बनाकर दिया जाए क्योंकि ग्रामीण फिलहाल भारी परेशानियों से गुजर रहे हैं। जब तक हमें स्थायी सडक़ मार्ग नहीं मिल जाता हमारा धरना जारी रहेगा चाहे इसमें कितना ही समय क्यों लगे।

इस मौके पर उनके साथ गांव के सरपंच दयाल सिंह, नंबरदार राधेश्याम कोहली, गांव की महिलाएं अंजू तनेजा, रेखा रहेजा, सूबे सिंह, मास्टर सूबे सिंह, बीरा सेन, रसिराम मोलिया, त्रिलोक पंच, राजू गोरसी सहित अन्य गणमान्य व्यक्ति मौजूद रहे।

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