केंद्रीय विवि में नौकरी लगवाने के नाम पर आठ लाख ठगने का मुख्य आरोपी गिरफ्तार

भारत सारथी/ कौशिक

नारनौल। केंद्रीय विश्वविद्यालय में नौकरी लगाने का झांसा देकर आठ लाख रुपए की ठगी करने के मामले में सदर थाना नारनौल पुलिस ने एक आरोपी को गिरफ्तार किया है। आरोपी की पहचान आदित्य वासी जनता कॉलोनी रोहतक के रूप में हुई है। आरोपी को न्यायालय में पेश कर पुलिस रिमांड पर लिया गया है।

पुलिस प्रवक्ता ने जानकारी देते हुए बताया कि यशपाल निवासी थाना ने थाना सदर नारनौल में शिकायत दर्ज कराई थी की केंद्रीय विश्वविद्यालय हरियाणा पाली महेंद्रगढ़ में क्लर्क के पद पर नौकरी लगवाने के नाम पर उसके साथ आठ लाख रुपए की ठगी की गई है। शिकायतकर्ता ने बताया कि उसका संपर्क गांव ब्राह्मणवास नौ के नरेश कुमार और शीशराम से है, जोकि रोहतक की जनता कॉलोनी निवासी आदित्य की जान पहचान वाले हैं।

आदित्य ने मई 2022 में पहली बार टोकन मनी के रूप में उससे दो लाख 50 हजार रुपए लिए। उसके बाद आदित्य ने 17 जून 2022 को उसके फोन नंबर पर एक गूगल मीट का लिंक भेजकर उसका इंटरव्यू करवाया और यूनिवर्सिटी ग्रांट कमीशन से संबंधित सवाल किए गए। इंटरव्यू खत्म होने पर आदित्य ने उसको रोहतक के रेस्ट हाउस में बुलाकर तीन लाख रुपए लाने के लिए कहा। 29 जून 2022 को उसने चरित्र प्रमाणपत्र मांगा और फिर पुलिस वेरिफिकेशन करवाया। इसके बाद आदित्य ने फाइनेंस ऑफिसर सेंट्रल यूनिवर्सिटी हरियाणा महेंद्रगढ़ के नाम 450 रुपए का डीडी बनवाने के लिए बोला। 5 जुलाई 2022 को पुलिस वेरिफिकेशन सर्टिफिकेट वेरिफाई होने पर उसने आदित्य के व्हाट्स एप पर फोटो भेजा।

इसके बाद आदित्य ने रोहतक के होटल में किसी व्यक्ति के नंबर भेजकर उससे मिलने के लिए कहा। उस दिन उसके साथ गांव गुवानी का हरीश कुमार भी गया था। उन्होंने 29 जुलाई 2022 को ज्वाइनिंग के लिए कहा और सीयू रजिस्ट्रार के नाम से उसके पास मेल भेजी। 10 अगस्त को कार्य ग्रहण करने का आदेश दिया। इसके बाद वह विश्वविद्यालय गया तो वहां कोई नहीं आया। इस पर उसे लॉ डिपार्टमेंट में जाने के लिए कहा। वहां पहुंचने पर उसे एक एप्लीकेशन लिखने और फिर मेल करने के लिए कहा। इसके बाद उसे ट्रेनिंग के लिए करनाल जाने की बात कही गई। अगले दिन वह करनाल जाने लगा तो दादरी के बीच आदित्य ने फोन किया कि वह रोहतक में एक होटल में पहुंचे। वहां उन्होंने कहा कि उसका प्रशिक्षण अब केंद्रीय विश्वविद्यालय में होगा और अगले दिन वे वापस आ गए। ऐसे करके आदित्य ने कई उसे बार विश्वविद्यालय में बुलाया। इस प्रकार उसने कई जगह उसके चक्कर लगवाए। उसे शक हुआ तो उसने आठ लाख रुपए वापस मांगे तो उसने कभी आज तो कभी कल देने के लिए कहा, लेकिन उसे पैसे नहीं मिले।

शिकायत के आधार पर पुलिस ने मामला दर्ज कर कार्रवाई शुरू कर दी। पुलिस ने नौकरी लगवाने के नाम पर ठगी करने के मुख्य आरोपी आदित्य को गिरफ्तार कर लिया है, जिसे न्यायालय में पेश कर पुलिस रिमांड पर लिया गया है। पुलिस द्वारा आरोपी से पूछताछ की जा रही है। पुलिस अधीक्षक विक्रांत भूषण ने जिला वासियों से अपील की है कि किसी भी अनजान व्यक्ति या सोशल मीडिया साइटों पर अपने दस्तावेज अपलोड न करें। सरकारी अथवा प्राइवेट नौकरी में रिक्त पदों की भर्ती के लिए संबंधित विभाग की वेबसाइट या संबंधित विभाग के अधिकारी से ही संपर्क करें। सरकारी पदों और प्राइवेट कंपनियों में नौकरी लगवाने का झांसा देने वाले ठगों से बचें और नौकरी लगवाने के नाम पर पैसों का लेनदेन न करें।

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