आश्रम में हर मास होता है कन्या पूजन सैंकड़ों की संख्या में कन्याओं का होता है आगमन। जरूरतमंद कन्याओं की शिक्षा चिकित्सा और शादियों पर हर संभव सहायता करता है आश्रम। वैद्य पण्डित प्रमोद कौशिक पिहोवा : गोविंदानंद आश्रम में महंत बंसी पुरी जी महाराज व महंत सर्वेश्वरी गिरि की अध्यक्षता में आयोजित पाठात्मक सहस्त्र चंडी महायज्ञ में सैकड़ों श्रद्धालुओं ने पूजा-अर्चना कर मन्नतें मांगी। महायज्ञ के प्रथम दिन नगर के कई गणमान्य लोगों द्वारा मां दुर्गा के प्रथम स्वरूप मां शैलपुत्री की पूजा की गई। आचार्य डा. अभिषेक कुश की अगुवाई में ग्यारह विद्वान ब्राह्मणों द्वारा प्रात: काल पूरे विधि-विधान से आह्वादित सभी देवताओं की पूजा अर्चना की गई। गोविंदानंद आश्रम में 33 वां नवरात्र दुर्गापूजा महोत्सव शतचंडी महायज्ञ का आयोजन हो रहा है। महंत बंशी पुरी जी महाराज ने कहा कि मां शैलपुत्री को पर्वतराज हिमालय की पुत्री माना गया है। देवी सती ने जब पुनर्जन्म ग्रहण किया तो इसी रूप में प्रकट हुई नवदुर्गाओं में प्रथम देवी शैलपुत्री अपने दाहिने हाथ में त्रिशूल धारण किए रखती है यह त्रिशूल जहां भक्तों को अभयदान देता है वही पापियों का नाश करता है। यज्ञाचार्य अभिषेक कुश ने बताया कि जो लोग किसी कारणवश तीर्थ यात्रा पर नहीं जा पाते, वे यदि महायज्ञ की परिक्रमा कर उन तीर्थों को याद करें तो तीर्थयात्रा के बराबर फल मिलता है, उन्होंने बताया कि शतचंडी महायज्ञ अनुष्ठान जनमानस के लिए विशेष कल्याणकारी माना गया है । सर्व मनोकामना के लिए ही यह महायज्ञ अनुष्ठान हो रहा है। यह केवल यज्ञ अनुष्ठान ही नहीं है बल्कि शक्ति साधना है। यह शक्ति मनुष्य के व्यवहारिक जीवन की आपदाओं का निवारण कर ज्ञान, बल प्रदान करती है। आचार्यो द्वारा उच्चारित वेद मंत्रों की ध्वनि और श्रद्धालुओं के जयकारे से पूरा वातावरण भक्तिमय हो गया। आश्रम में चल रहें अनुष्ठान के मुख्य यजमान आशीष चक्रपाणि प्रधान नगर पालिका पिहोवा, बारूराम बंसल, अशोक मित्तल, सुरेंद्र ढींगरा, डा. विनोद घिर, शशी जिंदल हरीश चावला, शलेष रिश्यान ,सतीश शर्मा, विपिन गोयल, गौरव सौरव , सचिन रिश्यान, बलवान शर्मा, सतीश गुप्ता, संजीव गर्ग , बलविंदर गर्ग ,जसविंदर कौर, गुलशन प्रवंदा,अशोक गर्ग, दीपक चौधरी, विनोद डोलिया,रमाकांत गुप्ता रहे। इसके बाद श्रद्धालुओं के बीच महाप्रसाद का वितरण किया गया। इस मौके पर अनेक श्रद्धालु उपस्थित थे। Post navigation शहीदों के जीवन से प्रेरणा लेते हुए उनके आदर्शों को अपने जीवन में उतारने की जरूरत : प्रो. संजीव शर्मा सांस्कृतिक गतिविधियां छात्रों में नई ऊर्जा का संचार करती है : प्रो. संजीव शर्मा