मुख्यमंत्री ने ऑटो अपील सॉफ्टवेयर के लाभार्थियों से किया सीधा संवाद

लाभार्थियों ने मुख्यमंत्री का जताया आभार

अब किसी भी सरकारी सेवा लेने के लिए दफ्तरों के चक्कर नहीं काटने पड़ते, काम पारदर्शिता से हो रहे- लाभार्थी

आस पर 33 विभागों की 384 सेवाएं ऑनबोर्ड

चंडीगढ़, 18 मार्च – हरियाणा के मुख्यमंत्री श्री मनोहर लाल ने कहा कि प्रदेश में नागरिकों को तय समय सीमा में सेवाओं का वितरण सुनिश्चित करने के लिए शुरू किया गया ऑटो अपील सॉफ्टवेयर (आस) बेहद कारगर साबित हो रहा है। इस सिस्टम के लागू होने से पारदर्शिता और जवाबदेही सुनिश्चित होने से सरकारी सिस्टम में क्रान्तिकारी बदलाव आया है और आमजन को बड़ी राहत मिली है, क्योंकि उनके काम निर्धारित समय-सीमा के अन्दर होने लगे हैं।

मुख्यमंत्री आज ऑडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से ऑटो अपील सॉफ्टवेयर (आस) के लाभार्थियों से सीधा संवाद कर रहे थे।

इस दौरान लाभार्थियों ने मुख्यमंत्री का धन्यवाद व्यक्त करते हुए कहा कि राज्य सरकार ने अब उन्हें किसी भी सरकारी सेवा लेने के लिए दफ्तरों के बार बार चक्कर नहीं काटने पड़ते हैं। आस शुरू होने से काम पारदर्शिता के साथ होने लगे हैं और वहीं अधिकारियों की भी जवाबदेही सुनिश्चित होने से तय समय सीमा में ही लोगों को सेवाएं मिल रही हैं। इसके लिए हरियाणा सरकार का बहुत बहुत आभार।

आस पर 33 विभागों की 384 सेवाएं ऑनबोर्ड

श्री मनोहर लाल ने कहा कि प्रशासन की जनता के प्रति जवाबदेही तय करने, जनता को सेवा प्रदायगी सुनिश्चित करने, कागजी कारवाई को कम से कम करने और लिटिगेशन कम करने के लिए राज्य सरकार ने 1 सितम्बर, 2021 को ऑटो अपील सिस्टम की शुरुआत की थी। इस सिस्टम पर 33 विभागों की 384 सेवाएं ऑनबोर्ड की जा चुकी हैं। इसके लिए, सेवा का अधिकार आयोग के अधिकारी सराहना के पात्र हैं।

उन्होंने कहा कि आस के लागू होने से समय पर सेवा न मिलने पर नागरिक की ओर से प्रथम शिकायत निवारण प्राधिकारी को एक स्वचालित अपील की जाती है। यदि प्रथम शिकायत निवारण प्राधिकारी 30 कार्य दिवसों के भीतर अपील का निपटान नहीं करता है, तो अपील स्वचालित रूप से द्वितीय शिकायत निवारण प्राधिकारी के पास चली जाती है। इसी तरह, यदि वह भी 30 कार्य दिवसों के भीतर अपील का निपटान नहीं करता है, तो अपील स्वचालित रूप से सेवा का अधिकार आयोग के पास जाती है।

आस पर 6,54,799 अपीलें हुई दायर, 6,10,145 अपीलों का किया जा चुका निपटान

मुख्यमंत्री ने कहा कि सेवा का अधिकार आयोग के द्वारा ऑटो अपील सॉफ्टवेयर की  नियमित माॅनिटरिंग की जाती है। आस के अंतर्गत 5 सितम्बर, 2021 से 17 मार्च, 2023 तक कुल 6,54,799 अपील दायर हो चुकी हैं। इनमें से 6,10,145 अपीलों का निपटान किया जा चुका है।

उन्होंने कहा कि भूटान देश हैपिनेस इंडेक्स के माध्यम से अपने नागरिकों के सुखमय जीवन को मापता है। हरियाणा सरकार भी ईज ऑफ लिविंग की दिशा में आगे बढ़ रही है, ताकि प्रदेशवासियों का जीवन भी खुशहाल व समृद्ध बने।

श्री मनोहर लाल ने कहा अपील अंत्योदय सरल पोर्टल पर ऑनलाइन या सरल हेल्पलाइन 0172-3968400 पर कॉल करके भी दायर की जा सकती है। यह भी एक अच्छी बात है कि पात्र व्यक्तियों द्वारा स्वयं सिस्टम पर 5,765 अपील दायर की गई हैं। यह दर्शाता है कि आम लोग सेवा का अधिकार  अधिनियम और आस के प्रति जागरूक हो गए हैं।

अब कोई भी अधिकारी व कर्मचारी सेवा देने में नहीं करती देरी

श्री मनोहर लाल ने कहा कि सरकार ने देरी से सेवाएं देने वाले अधिकारियों और कर्मचारियों पर लगाम लगाने के लिए भी आस को  कारगर ढंग से लागू किया है। यदि निर्धारित अवधि में सेवा न मिले तो फाइल रोकने वाले पर कार्रवाई तय है। पहले सेवा का अधिकार आयोग के पास बहुत कम शिकायतें आती थीं, क्योंकि आम आदमी उसके बारे में जानता नहीं था। अब समय पर काम न होने पर संबंधित अधिकारी व कर्मचारी की शिकायत सेवा का अधिकार आयोग के पास खुद-ब-खुद चली जाती है। इतना ही नहीं, अब प्रथम एवं द्वितीय अपीलीय अधिकारी अपनी जिम्मेदारियों और अधिकारों के प्रति सजग हो चुके हैं। कुछ द्वितीय अपीलीय अधिकारियों द्वारा सेवा देने में हुई देरी के कारण संबंधित अधिकारी पर जुर्माना भी लगाया है।

उन्होंने कहा कि सरकार ने अधिकारियों व कर्मचारियों को सेवा भाव से जनता की सेवा करने की बात कही है, ताकि नागरिक संतुष्ट हों और जब नागरिक संतुष्ट होंगे तो समाज सुखी होगा।

आस से समस्याओं के निवारण के कई सफल उदाहरण

श्री मनोहर लाल ने कहा कि गुरुग्राम की स्बीहा फरद की बिलिंग शिकायत से संबंधित, करनाल के रामपाल शर्मा की वृद्धावस्था पेंशन संबंधी तथा जींद जिले के राहुल को डॉ अम्बेडकर मेधावी छात्रवृत्ति योजना के तहत मिलने वाली राशि के संबंध में आई समस्या का भी आस के माध्यम से निवारण किया गया।

उन्होंने कहा कि हरियाणा सरकार नागरिकों को अपील मुक्त व्यवस्था प्रदान करने की ओर अग्रसर है ताकि लोगों को तय समय अवधि में ही सारी सेवाएं मिल जाए, उन्हें किसी भी स्तर पर अपील करने की आवश्यकता ही न पड़े। इसी तरह राजस्व विभाग में पहले कई स्तर तक अपील करनी पड़ती थी, जिसमें कई साल गुजर जाते थे। इसके समाधान के लिए भी प्रदेश सरकार ने रिमांड प्रथा को खत्म किया और केवल दो स्तर तक ही अपील का प्रावधान किया। इससे लोगों को बड़ी राहत मिली है।

ई गवर्नेंस से आम आदमी की पहुंच सरकारी सेवाओं व योजनाओं तक की सुनिश्चित

मुख्यमंत्री ने कहा कि सरकार ने अनेक सेवाओं और योजनाओं को ई-सेवाओं से जोड़ा है। जिस प्रकार सेवा का अधिकार आयोग ने अपनी सेवा को ऑटो अपील सिस्टम के माध्यम से आमजन तक पहुंचाने का काम किया है। उसी प्रकार, सरकार ने ई गवर्नेंस यानी विभिन्न वेबसाईट, पोर्टल, एप के माध्यम से आम आदमी की पहुंच सरकारी सेवाओं व योजनाओं तक सुनिश्चित की है। आज कोई भी नागरिक 50 विभागों की 663 योजनाओं और सेवाओं को एक क्लिक से ऑनलाइन प्राप्त कर सकता है। जनता की सेवा के इसी भाव के चलते हमारी सरकार को सर्विस डिलीवरी की सरकार कहा जाता है।

इस अवसर पर मुख्यमंत्री के अतिरिक्त प्रधान सचिव व सूचना, लोक संपर्क, भाषा  एवं संस्कृति विभाग के महानिदेशक डॉ. अमित अग्रवाल, राइट टू सर्विस कमीशन के चीफ कमिश्नर श्री टी सी गुप्ता व मुख्यमंत्री के राजनीतिक सलाहकार श्री भारत भूषण भारती भी उपस्थित थे। 

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