एमएसपी से 1000-1500 रुपये कम रेट पर सरसों बेचने को मजबूर हैं किसान- हुड्डा एमएसपी नहीं मिलने की वजह से किसानों को हुए नुकसान की भरपाई करे सरकार- हुड्डा सीबीआई से करवाई जाए बीजेपी-जेजेपी सरकार के शराब घोटाले की जांच- हुड्डा पंचायतों के अधिकारों पर कुठाराघात है ई-टेंडरिंग, इसको वापिस ले सरकार- हुड्डा चंडीगढ़, 17 मार्चः पूर्व मुख्यमंत्री और नेता प्रतिपक्ष भूपेंद्र सिंह हुड्डा ने सरसों की खरीद नहीं होने से किसानों को हो रहे नुकसान का मुद्दा उठाया है। हुड्डा ने बताया कि सरकारी ऐलान के बावजूद अब तक मंडियों में सरसों की खरीद शुरू नहीं हुई है। इसकी वजह से किसान बेहद परेशान हैं। उन्हें एमएसपी से 1000-1500 रुपए कम रेट पर अपनी फसल बेचनी पड़ रही है। स्थिति यह है कि कहीं खरीद के लिए एजेंसी नहीं पहुंच रही तो कहीं पोर्टल ही नहीं खुल रहा। ऊपर से मंडी में फसल लेकर पहुंचे किसानों को मौसम बिगड़ने का डर भी सता रहा है। पहले ही मौसम की मार झेल चुके सरसों के किसान अब सरकारी लेटलतीफी की मार झेल रहे हैं। हुड्डा ने कहा कि वह लगातार लगभग 1 महीने से मांग कर रहे हैं कि सरकार जल्दी से जल्दी सरसों की खरीद शुरू करे। क्योंकि किसान फसल लेकर मंडियों में पहुंचना शुरू हो गया थे। लेकिन सरकार ने लगातार उनकी मांग को अनदेखा किया। इसका खामियाजा किसानों को भुगतना पड़ रहा है। हुड्डा ने बिना देरी के खरीद शुरू करने की मांग दोहराते हुए कम रेट पर फसल बेचने वाले किसानों के नुकसान की भरपाई की मांग भी उठाई। इससे पहले नेता प्रतिपक्ष ने विधानसभा में कई मुद्दों पर अपनी बात रखी। शराब घोटाले पर बोलते हुए उन्होंने पूरे मामले की सीबीआई से जांच करवाने की मांग रखी। हुड्डा ने कई बार दोहराया है कि जहरीली शराब से लेकर लॉकडाउन शराब घोटाले तक हर मामले में सरकार लीपापोती करने का काम कर रही है। सरकार जांच के नाम पर इक्का दुक्का छोटी मछलियों पर खानापूर्ति की कार्रवाई करके बड़े मगरमच्छों को बचाने की कोशिश में लगी है। इसलिए मामले की निष्पक्ष जांच जरूरी है। छेड़छाड़ के आरोपी मंत्री को लेकर हुड्डा ने सदन में सरकार से स्पष्टीकरण मांगा। उन्होंने कहा कि मामले की निष्पक्ष जांच के लिए जरूरी है कि मंत्री पद से इस्तीफा दें। साथ ही मुख्यमंत्री बताएं कि आरोपी मंत्री से एक मंत्रालय वापस लिया गया है या उन्होंने खुद लौट आया। इससे पहले भूपेंद्र सिंह हुड्डा की अध्यक्षा में कांग्रेस विधायक दल की बैठक हुई। इसमें विधानसभा के भीतर उठाए जाने वाले तमाम मुद्दों पर चर्चा की गई। कांग्रेस ने ई-टेंडरिंग के विरोध में आंदोलनरत सरपंचों के समर्थन का ऐलान करते हुए इसे खत्म करने की मांग उठाई। हुड्डा ने दोहराया कि कांग्रेस सरकार बनने पर पंचायतों के अधिकारों पर कुठाराघात करने वाली ई-टेंडरिंग जैसी व्यवस्था को खत्म किया जाएगा। साथ ही पंचायतों के फंड में बढ़ोत्तरी करके ग्रामीण विकास को रफ्तार दी जाएगी। हुड्डा ने कहा कि सदन में कांग्रेस बीजेपी-जेजेपी की तमाम कारगुजारियों को उजागर करेगी। मौजूदा सरकार में हुए अनगिनत घोटालों, बेरोजगारी, अपराध, नशे, ई-टेंडरिंग, ओपीएस, शिक्षा, स्वास्थ्य, सड़क, बिजली, पानी जैसे तमाम मुद्दों को विधानसभा में बीजेपी-जेजेपी से जवाब मांगा जाएगा। Post navigation आम आदमी पार्टी के नेताओं ने किया अनाज मंडियों का दौरा विधानसभा के बजट सत्र दौरान एक विधेयक पारित किया गया