चंडीगढ़,13 मार्च – सर्व कर्मचारी संघ हरियाणा मांगों को लेकर 28 मई को जींद में राज्यस्तरीय रैली करेगा। सर्व कर्मचारी संघ हरियाणा के राज्य प्रधान धर्मबीर फोगाट एवं संघ के वरिष्ठ नेता व हरियाणा रोडवेज वर्कर्स यूनियन के प्रदेश महासचिव सरबत सिंह पूनिया ने कहा कर्मचारियों से संबंधित ज्वलंत मांगें व समस्याएं काफी समय से लम्बित हैं, जिनका सरकार के द्वारा बार बार मांग करने के बावजूद समाधान नहीं किया जा रहा है। लगातार यूनियनों के द्वारा किए जा रहे आंदोलनों की अनदेखी की जा रही है, जिसके कारण कर्मचारियों में भारी रोष है। पुरानी पेंशन की बहाली, कच्चे कर्मचारियों को नियमित करना, कौशल रोजगार निगम को भंग करना, विभागों की पुरानी वेतन विसंगतियों का समाधान करना जो कि सरकार की नीतियों के कारण और ज्यादा बढ़ती ही जा रही हैं आदि मांगों का समाधान तुरंत करने की जरूरत है। परन्तु विभागीय संगठनो के द्वारा इन मांगों को लेकर किए जा रहे आंदोलन के प्रति सरकार का रूख सुनवाई न करने का बना हुआ है। सरकार मांगों का समाधान करने की बजाय सरकार दमनात्मक कार्रवाई कर रही है। कर्मचारियों की मांग न होने के बावजूद भी जबर्दस्ती कच्चे कर्मचारियों को कौशल रोजगार निगम में भेजा जा रहा है। विभागों में अनियमित कर्मचारियों की संख्या लाखों में पहुंच गई है। जिनके न तो वेतन ही पर्याप्त हैं, ना ही किसी प्रकार की नौकरी की सुरक्षा की गारन्टी है, ना ही उनको किसी प्रकार के भत्ते व अन्य लाभ दिए जाते हैं। यहां तक की कौशल रोजगार निगम लागू होने के कारण पिछले 2 वर्षों से उनके वेतन में कोई बढ़ोतरी भी नहीं हुई है, जबकि जीवन में प्रयुक्त होने वाली वस्तुओं के दाम लगातार बढ़ते जा रहे हैं। तेजी से बढ़ती महंगाई में मिल रहे कम वेतन में परिवार चलाना और गुजारा करना अति मुश्किल कार्य हो गया है। उन्होंने कहा अपने पूरे कार्यकाल में वर्तमान सरकार के द्वारा नियमितीकरण की कोई नीति नहीं बनाई गई है। फोगाट व पूनिया ने पुरजोर मांग की सरकार ऐसी नीति बनाएं जिसमें 2 साल से कार्यरत सभी प्रकार के कच्चे कर्मचारी नियमित हो सकें। कौशल रोजगार निगम को सरकार भंग करे क्योंकि इसका कच्चे कर्मचारियों व सरकार को कोई लाभ नहीं है। किसी भी प्रकार का कार्य ठेके पर ना दिया जाए बल्कि विभागों में बढ़ती जनसंख्या के चलते बड़े हुए वर्कलोड के आधार पर नए पदों का निर्माण किया जाए और खाली पदों पर पूरे वेतनमान के साथ अकादमिक मेरिट से नियमित भर्तियां की जाए। भर्ती और पदोन्नति में आरक्षण के सभी नियमों का पालन किया जाए व बैकलॉग को पूरा किया जाए। आउट सोर्स, अनुबंध या किसी भी प्रकार की अस्थाई सेवाओं में लगी महिला कर्मचारियों को नियमित महिला कर्मचारियों के समान मातृत्व अवकाश सहित सभी प्रकार के अवकाश व अन्य सुविधाएं दी जाए। नगरपालिका, विश्वविद्यालय, टूरिज्म, एच आर ई सी गुरुग्राम व दूसरे सभी बोर्ड, निगम, सहकारिता, अथॉरिटी आदि में हर महीने एक तारीख को वेतन का भुगतान व सेवानिवृत्ति लाभ तत्काल देना सुनिश्चित किया जाए। यह राज्य सरकार का उत्तरदायित्व होना चाहिए। स्वास्थ्य भत्ता बन्द करके स्वास्थ्य बीमा योजना की बजाय स्वास्थ्य सेवाओं की गुणवत्ता को मजबूत करें और उनका विस्तार करते हुए कर्मचारी व जनता के लिए निशुल्क चिकित्सा की व्यवस्था बनाई जाए। कर्मचारियों को समयबद्ध पदोन्नति व एसीपी का लाभ 5-10-15 वर्ष की सेवा पर दिया जाए। विभागों में नियुक्ति होने के बाद कर्मचारियों पर लगी योग्यता व परीक्षा संबंधी शर्तें हटाई जाए। तबादला नीति को वापिस करते हुए कर्मचारियों की प्रार्थना पर आधारित तबादला नीति बनाई जाए और इसे कच्चे व पक्के सभी कर्मचारियों पर समान रूप से लागू किया जाए। तबादला करने की शक्तियों का विकेंद्रीकरण किया जाए। एक्सग्रेसिया रोजगार देने की नीति में शुरू के 5 वर्ष व 52 वर्ष की आयु सीमा की शर्त को हटाया जाए व योग्यता के अनुसार नौकरी दी जाए। कर्मचारियों को कर मुक्त आय की सीमा ढाई लाख से बढ़ाकर 500000 की जानी चाहिए व डी ए सहित सभी प्रकार के भत्तों को कर योग्य आय में न जोड़ा जाए। मानक कटौती की राशि भी ₹50000 से बढ़ाकर ₹100000 की जाए। सभी प्रकार के छंटनी ग्रस्त कर्मचारियों को बहाल किया जाए और हर प्रकार की उत्पीड़न की कार्रवाई को वापिस किया जाए। पावर बिल 2023, नई शिक्षा नीति, रोड सेफ्टी बिल और चार लेबर कोड को रद्द किया जाए। निजीकरण, आउटसोर्स, ठेकाकरण, सार्वजनिक क्षेत्र की जमीन को बेचने या लीज पर देने की कार्रवाई पर रोक लगाई जाए। इन सब मांगों को लेकर सर्व कर्मचारी संघ हरियाणा आंदोलन की शुरुआत कर रहा है, जिसके तहत अखिल भारतीय राज्य सरकारी कर्मचारी महासंघ के आह्वान पर 14 मार्च को दिल्ली संसद धरने में हरियाणा से कर्मचारी बड़ी संख्या में भाग लेंगे। 18 व 19 मार्च को सभी जिलों में संघ की जिलास्तरीय विस्तारित मीटिंग की जाएंगी, जिनमें आंदोलन के कार्यक्रम को लागू करने के लिए योजनाएं बनाई जाएंगी। 26 मार्च को कच्चे कर्मचारियों की कन्वेंशन रोहतक में की जाएगी जिसमें कच्चे कर्मचारियों से संबंधित समस्याओं व मांगों को विस्तार से उठाया जाएगा। 5 अप्रैल को देश के मजदूर, किसान, कर्मचारी दिल्ली में संसद मार्च करेंगे, जिसमें हरियाणा से कर्मचारी जोरदार भागेदारी करेंगे। 10 अप्रैल से 18 मई तक पूरे हरियाणा में चार जत्थे चलेंगे जो ब्लॉक स्तर पर गेट मीटिंग, कन्वेंशन करके 28 मई की रैली की तैयारी के लिए अभियान चलायेंगे। सर्व कर्मचारी संघ हरियाणा का मांग पत्र सभी जिले उपायुक्त के माध्यम से 20 मार्च को मुख्यमंत्री को भेजेंगे। यदि 28 मई की रैली तक भी कर्मचारियों की मांगों और समस्याओं की सुनवाई व समाधान नहीं किया जाता है तो रैली में तेज आंदोलन की घोषणा की जाएगी। Post navigation मुख्यमंत्री ने चरखी दादरी में जन संवाद कार्यक्रम में सुनी लोगों की समस्याएं 2024 में बेरहम भाजपा गठबंधन सरकार को सबक सिखाएगी जनता: अभय सिंह चौटाला