योजना के तहत दो चरणों में पूरा होगा कार्य, पूरे दक्षिण हरियाणा को मिलेगा लाभ : केंद्रीय मंत्री
पैनल, पंप और मोटर बदलकर लिफ्टिंग क्षमता में की जाएगी 300 क्यूसेक की वृद्धि

रेवाड़ी, 3 मार्च – केंद्रीय मंत्री राव इंद्रजीत सिंह ने बताया कि सिंचाई विभाग द्वारा जेएलएन फीडर, दीवाना डिस्ट्रीब्यूट्री व रेवाड़ी कैनाल की पानी उठाने की क्षमता में वृद्धि का कार्य दो चरणों में पूरा किया जाएगा, जिसके तहत पहले चरण के टेंडर हो चुके हैं। उन्होंने बताया कि पहले चरण का कार्य 2023 तक तथा दूसरे चरण का कार्य 2024 तक पूरा कर लिया जाएगा, जिस पर 50 करोड़ रुपए खर्च होंगे। इस योजना के तहत जेएलएन फीडर, रेवाड़ी कैनाल, दीवाना डिस्ट्रीब्यूटरी के पुराने इलेक्ट्रोमैकेनिकल उपकरणों को बदलकर पानी की क्षमता में 500 क्यूसेक तक की वृद्धि की जाएगी, जिससे पूरे दक्षिण हरियाणा को लाभ होगा।
केंद्रीय मंत्री ने बताया कि इस योजना के तहत 2590 की संचयी क्षमता वाले 36 पंप बदलकर लिफ्टिंग क्षमता में 500 क्यूसेक की वृद्धि की जानी प्रस्तावित है, जिससे रेवाड़ी सहित महेंद्रगढ़ जिला को भी लाभ मिलेगा। उन्होंने बताया कि योजना के तहत एक सौ पुरानी मोटर बदली जाएंगी, जिसके बिजली की बचत होगी। इसके अलावा 36 पुराने पैनल भी बदले जाएंगे, जिससे सुरक्षा में बढ़ोतरी होगी। उन्होंने बताया कि परियोजना के तहत पुरानी क्रेन व ट्रांसफार्मर भी बदले जाने हैं। उन्होंने बताया कि इस परियोजना से दक्षिण हरियाणा के शहरी क्षेत्रों के साथ-साथ ग्रामीण क्षेत्र भी लाभांवित होंगे।

ज्ञात हो कि इससे पूर्व नेहरों के सुधारीकरण व पानी की क्षमता को बढ़ाने के लिए ₹27 करोड़ का बजट मंजूर हुआ हो चुका है। केंद्रीय मंत्री ने बताया कि जिले की नौ नहरों का सुधारीकरण ₹27 करोड़ की लागत से किया जाएगा। इन नहरों में बावल डिस्ट्रीब्यूटर की करीब 10 किलोमीटर लंबी नहर का सुधारी करण साढ़े पांच करोड़ रुपए में किया जाएगा। कमालपुर डिस्ट्रीब्यूटर की करीब 10 किलोमीटर लंबी नहर का कार्य साढ़े पांच करोड़ में पूरा किया जाएगा। झाबुआ डिस्ट्रीब्यूटर की मरम्मत करीब 2 करोड रुपए में की जाएगी । किशनपुर माइनर का सुधारीकरण सवा करोड़ रुपए में होगा। भाड़ावास सब माइनर पर करीब 60 लाख खर्च किए जाएंगे। हसनपुर माइनर पर करीब ₹45 लाख खर्च की जाएंगे। निखरी डिस्ट्रीब्यूटर के सुधारीकरण पर करीब 7 करोड रुपए खर्च किए जाएंगे। राव ने कहा कि जिले की इन नेहरों पर ₹27 करोड़ खर्च होने के बाद नेहरों की पानी की क्षमता को बढ़ाया जा सकेगा । इनकी गाद को निकालकर टेल तक पानी पहुंचाने का कार्य सुनिश्चित किया जाएगा ,क्षमता बढ़ने से नहरों में पूरा पानी मिलने लगेगा ।

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