सभी नियमों और प्रक्रियाओं का उल्लंघन: पूर्व डीजीपी डॉ. एमएस मलिक चंडीगढ़, 10 मार्च: इनेलो के पॉलिसी और प्रोग्राम के चेयरमैन एवं पूर्व डीजीपी हरियाणा डॉ. एमएस मलिक ने चंडीगढ़ के डीजीपी द्वारा पंजाब और हरियाणा से प्रतिनियुक्ति पर गए एसएसपी चंडीगढ और एसपी ट्रैफिक की इंस्पेक्टर और उससे नीचे के पदों की नियुक्ति और ट्रांसफर करने के अधिकारों पर रोक लगाने के आदेशों को मनमाना और सभी नियमों और प्रक्रियाओं का उल्लंघन बताया। उन्होंने कहा कि यह प्रतिनियुक्ति सेवाओं की शर्तों के विपरीत है। गृह मंत्रालय के आदेश में स्पष्ट रूप से यह कहा गया है कि पंजाब कॉडर से प्रतिनियुक्ति पर गई एसएसपी चंडीगढ़ कंवरदीप कौर और हरियाणा कॉडर से प्रतिनियुक्ति पर गए एसपी ट्रैफिक की सेवाओं को क्रमश: एसएसपी यूटी चंडीगढ़ और एसपी ट्रैफिक के रूप में पोस्टिंग के लिए यूटी प्रशासन के अधिकार में रखा गया है। इसके अलावा हरियाणा, पंजाब और हिमाचल प्रदेश राज्य के विभाजन के लिए भी समझौता ज्ञापन में भारत सरकार द्वारा बाद में संशोधन किया गया है कि ये पोस्ट यानी एसपी ट्रैफिक एंड सिक्योरिटी यूटी और एसएसपी यूटी चंडीगढ़ क्रमश: हरियाणा और पंजाब के लिए हैं। उन्होंने कहा कि डीजीपी चंडीगढ़ का तथाकथित एक पंक्ति का आदेश जिसके द्वारा जिला स्तर पर यूटी पुलिस कर्मियों के अपराध की रोकथाम, कानून और व्यवस्था के रखरखाव और प्रशासन सहित सभी शक्तियां छीन ली गई हैं, जिसका अर्थ है कि एसएसपी यूटी चंडीगढ़ और एसपी ट्रैफिक चंडीगढ़ जिनको पहले इंसपेक्टर से नीचे के पदों की नियुक्ति और ट्रांसफर करने के अधिकार थे, अब वो अधिकार अगमुट कैडर से प्रतिनियुक्ति पर गए अधिकारियों को दे दिए गए हैं। इसलिए यह आदेश न केवल अनुचित है बल्कि विभाजन के नियमों और शर्तों के लिए अवैध और मनमाना है। साथ ही इससे भाई-भतीजावाद की भी बदबू आती है क्योंकि डीजीपी चंडीगढ़ अगमुट कैडर से आते हैं। Post navigation 1.28 लाख रुपये की रिश्वत लेते दो इंजीनियर सहित तीन अधिकारी रंगे हाथ गिरफ्तार युवाओं के भविष्य से खिलवाड़ करना बंद करे मोदी और खट्टर/दुष्यंत सरकार! रणदीप सिंह सुरजेवाला