राष्ट्रीय लक्ष्य से पहले ही हरियाणा को टीबी मुक्त करने का लक्ष्य निर्धारित स्टेट टास्क फोर्स का होगा गठन, सरकारी और निजी क्षेत्र के डॉक्टर मिलकर करेंगे कार्य मुख्यमंत्री ने टीबी मुक्त हरियाणा को लेकर की अहम बैठक प्रदेश में इग्रा लैब की बढ़ाई जाएगी संख्या टीबी मुक्त अभियान में हरियाणा का स्कोर राष्ट्रीय औसत से बेहतर चंडीगढ़, 7 मार्च – हरियाणा के मुख्यमंत्री श्री मनोहर लाल ने कहा कि प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी द्वारा वर्ष 2025 तक भारत को टीबी मुक्त करने के अभियान के तहत राज्य सरकार ने देशभर में सबसे पहले हरियाणा को पूरी तरह से टीबी मुक्त करने का लक्ष्य निर्धारित किया है। इस लक्ष्य की प्राप्ति के लिए स्टेट टास्क फोर्स का गठन किया जाएगा, जिसके तहत सरकारी और निजी क्षेत्र के चिकित्सक संस्थान व डॉक्टर सभी मिलकर हरियाणा को टीबी मुक्त करने के लिए कार्य करेंगे। मुख्यमंत्री आज यहां टीबी मुक्त हरियाणा अभियान को लेकर स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों तथा निजी चिकित्सक संस्थानों के साथ एक अहम बैठक कर रहे थे। श्री मनोहर लाल ने अधिकारियों को निर्देश दिये कि सभी प्राइवेट क्लिनिक्स और नर्सिंग होम, जहां पर भी टीबी के मरीज इलाज के लिए जाते हैं, उन संस्थानों के साथ समन्वय स्थापित कर उनका डाटा एकीकृत करें, ताकि प्रदेश में टीबी के मरीजों की वास्तविक स्थिति का पता लग सके। तत्पश्चात उनका इलाज सुनिश्चित किया जा सके। उन्होंने निर्देश दिए कि टीबी मरीजों का पता लगाने के लिए प्रत्येक जिले में मोबाइल यूनिट की व्यवस्था की जाए, जो घर-घर जाकर टीबी डायग्नोसिस टेस्ट करेगी।प्रदेश में इग्रा लैब की बढ़ाई जाएगी संख्याश्री मनोहर लाल ने कहा कि हरियाणा को टीबी मुक्त करने के लिए विभिन्न पहलों पर फोकस किया जा रहा है। इसके तहत टीबी मरीजों का पता लगाना, उनका इलाज सुनिश्चित करना और ऐसे मरीजों को 6 माह तक इलाज की अवधि के दौरान पौष्टिक आहार प्रदान करने जैसे प्रयास किए जा रहे हैं। उन्होंने प्रदेश में इग्रा लैब की संख्या बढ़ाने के भी निर्देश दिए। इग्रा (आईजीआरए) लैब की संख्या बढ़ने से टीबी जांच में और तेजी आएगी। इग्रा लैब में सैंपल की जांच के बाद टीबी संक्रमण के लक्षण दिखाई देने से पहले ही पता लग जाता है कि व्यक्ति में टीबी संक्रमण शुरू हो गया है या नहीं। इससे मरीज को समय रहते ही उपचार मिल जाता है। निरोगी हरियाणा योजना के तहत किए जाने वाले 25 प्रकार के टेस्ट पर दिया जाए अधिक जोरमुख्यमंत्री ने अधिकारियों को निर्देश देते हुए कहा कि राज्य सरकार ने निरोगी हरियाणा योजना चलाई है, जिसके तहत पहले चरण में 1.80 लाख रुपये तक वार्षिक आय वाले परिवारों का हेल्थ चेकअप किया जा रहा है। अभी तक 2 लाख लोगों का चेकअप किया जा चुका है। इस दौरान टीबी के मरीजों का भी पता लगा है। इसलिए निरोगी हरियाणा योजना के क्रियान्वयन में और तेजी लेकर आएं। शहरों में भी निरोगी हरियाणा के क्रियान्वयन पर फोकस किया जाए। उन्होंने कहा कि इस योजना के तहत किए जाने वाले 25 प्रकार के टेस्ट की व्यवस्था सभी लैब में करें। इसके अलावा, टीबी डायग्नोसिस के लिए भी जो वैन चलाई जा रही हैं, उन वैन में भी इन सभी 25 टेस्ट की व्यवस्था करें, ताकि नागरिकों को पूरी तरह से हेल्थ चेकअप संभव हो और टीबी के अलावा भी यदि उस व्यक्ति को कोई और बीमारी है, उसका भी समय रहते पता लग सके। टीबी मुक्त अभियान में हरियाणा का स्कोर राष्ट्रीय औसत से बेहतरबैठक में बताया गया कि केंद्र सरकार द्वारा वर्ष 2022 के टीबी मुक्त स्कोर में हरियाणा का स्कोर 85 है, जबकि राष्ट्रीय स्कोर 82 है। प्रदेश में 63,060 टीबी मरीजों सफलतापूर्वक इलाज हुआ है। बैठक में स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों ने बताया कि आशा वर्कर घर-घर जाकर नागरिकों की स्क्रीनिंग कर रहे हैं, यदि उन्हें टीबी के लक्षणों लगते हैं, तो नागरिकों को क्लिनिक में ले जाकर उनकी जांच की जा रही है। मेदांता अस्पताल के साथ टीबी उन्मूलन के लिए किये जा रहे अथक प्रयासबैठक में बताया गया कि टीबी उन्मूलन के लिए स्वास्थ्य विभाग मेदांता अस्पताल के साथ मिलकर कार्य कर रहा है। मेदांता की ओर से डिजिटल एक्स-रे और सीबी नेट मशीन से युक्त 6 मोबाइल वैन जिलों में जाकर नागरिकों की जांच कर रही है। आगामी दिनों में इन वैन की संख्या में बढोतरी की जाएगी, ताकि सभी जिलों को कवर किया जा सके। इसके अलावा, प्रदेश में आईग्रा लैब भी स्थापित हो चुकी हैं, जिससे टीबी टेस्ट करने की क्षमता बढ़ी है। बैठक में स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण विभाग की अतिरिक्त मुख्य सचिव डॉ जी. अनुपमा, मुख्यमंत्री के अतिरिक्त प्रधान सचिव डॉ अमित अग्रवाल, महानिदेशक स्वास्थ्य सेवाएं डॉ सोनिया त्रिखा उपस्थित रहे। इनके अलावा मेदांता से डॉ नरेश तरेहन भी वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से बैठक में हिस्सा लिया। Post navigation माननीयों ने सीखीं बजट की बारीकियां,हरियाणा विस अध्यक्ष ने आयोजित की बजट अध्ययन के लिए प्रशिक्षण कार्यशाला हरियाणा में राजनीतिक रूप ले चुका सरपंचों का आंदोलन और ई-टेंडरिंग का विरोध