जी-20 एंटी करप्शन वर्किंग ग्रुप की पहली तीन दिवसीय बैठक गुरुग्राम में संपन्न

पहली से तीन मार्च तक जी-20 के सदस्य, 10 आमंत्रित देशों व 9 अंतरराष्ट्रीय संगठनों के 90 से अधिक प्रतिनिधियों ने गुरुग्राम में भ्रष्टाचार के खिलाफ अंतरराष्ट्रीय सहयोग पर किया मंथन

 एसीडब्ल्यूजी की दूसरी बैठक मई में ऋषिकेश और तीसरी अगस्त में कोलकाता में होगी आयोजित

 चंडीगढ़, 3 मार्च  –  जी-20 एंटी करप्शन वर्किंग ग्रुप (एसीडब्ल्यूजी) की गुरुग्राम में पहली तीन दिवसीय बैठक शुक्रवार को संपन्न हो गई। इस बैठक का पहली मार्च को केंद्रीय कार्मिक, लोक शिकायत एवं पेंशन राज्य मंत्री डा. जितेंद्र सिंह ने शुभारंभ किया था। बैठक के आखिरी दिन डीओपीटी के अतिरिक्त सचिव एवं जी-20 एसीडब्ल्यूजी भारत के अध्यक्ष श्री राहुल सिंह व सह अध्यक्ष एवं इटली में हेड ऑफ टास्क फोर्स श्री जियोवन्नी टार्टाग्लिया पोलसिनी ने प्रेस कांफ्रेंस को संबोधित किया।       

श्री राहुल सिंह ने कहा कि इस बैठक में जी-20 के सभी सदस्य देशों, 10 आमंत्रित देशों और 9 अंतर्राष्ट्रीय संगठनों के 90 से अधिक प्रतिनिधियों ने भाग लिया। यह जी-20 एसीडब्ल्यूजी की पहली बैठक थी। उन्होंने जी-20 एसीडब्ल्यूजी के सह-अध्यक्ष के रूप में इटली की उपस्थिति के लिए प्रशंसा और आभार व्यक्त किया।     

 उन्होंने बताया कि गुरुग्राम में तीन दिन तक चली इस बैठक में अंतरराष्ट्रीय स्तर पर आॢथक अपराधियों से संपत्ति की रिकवरी, भगोड़े आर्थिक अपराधियों के खिलाफ कार्रवाई के लिए सूचना सांझा करने में सहयोग के चैनल विकसित करने, भ्रष्टाचार से निपटने के लिए संस्थागत ढांचे और आपसी कानूनी सहायता से संबंधित कई प्रमुख क्षेत्रों पर गहनता से विचार-विमर्श हुआ है। इस बैठक में यूएनओडीसी, ओईसीडी, एगमोंट ग्रुप, इंटरपोल व आईएमएफ आदि अंतरराष्ट्रीय संगठनों के साथ-साथ विभिन्न देशों के प्रतिनिधियों और विशेषज्ञों ने अपने प्रेजेंटेशन दिए।

उन्होंने बताया कि भारत के नियंत्रक और महालेखा परीक्षक गिरीश चंद्र मुर्मू, केंद्रीय सतर्कता आयुक्त प्रवीण कुमार श्रीवास्तव, केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड के अध्यक्ष नितिन गुप्ता, प्रवर्तन निदेशालय के निदेशक संजय कुमार मिश्रा, केंद्रीय जांच ब्यूरो के निदेशक सुबोध कुमार जायसवाल ने भी भारत की ओर से इस बैठक में अपना संबोधन दिया। उन्होंने बताया कि बैठक में विचार-विमर्श के दौरान प्रतिनिधियों का यह प्रयास रहा है कि वे उच्च स्तरीय सिद्धांतों के प्रारूप पर आम सहमति पर पहुंचें, जोकि भारत की अध्यक्षता में जी-20 एसीडब्ल्यूजी के एजेंडे में प्रमुख रूप से शामिल है।  

अतिरिक्त सचिव ने बताया कि इस बैठक में भ्रष्टाचार और संबंधित आर्थिक अपराधों से लडऩे के लिए सूचना साझा करने में सुधार, संपत्ति रिकवरी तंत्र को मजबूत करने, आर्थिक अपराधियों के खिलाफ कार्रवाई के लिए कानून प्रवर्तन सहयोग को मजबूत करने पर उच्च स्तरीय सिद्धांतों को लेकर चर्चा हुई। उन्होंने आगे कहा कि एसीडब्ल्यूजी के पहले दिन, सार्वजनिक क्षेत्र में भ्रष्टाचार को रोकने के लिए आईसीटी का लाभ उठाने पर एक साइड इवेंट का भी आयोजन हुआ। यह एक ऐसा आयोजन रहा जिसमें जीईएम पोर्टल और डीबीटी जैसी भारत की हालिया पहलों को विश्व स्तर पर मान्यता मिली है।

इस आयोजन के दौरान, भारत के प्रमुख विशेषज्ञों ने प्रदर्शित किया कि कैसे भारत ने सार्वजनिक सेवा वितरण में भ्रष्टाचार को रोकने के लिए आईसीटी की शक्ति को अपनाया है। उन्होंने इस बात का भी उल्लेख किया कि गुरुग्राम में प्रतिनिधियों ने प्रवास के दौरान भारत और हरियाणा की समृद्ध संस्कृति व विरासत का दर्शन किया और पारंपरिक व्यंजनों का जायका लिया। भारत में एसीडब्ल्यूजी की दूसरी बैठक 25 से 27 मई तक ऋषिकेश में और तीसरी बैठक 9 से 11 अगस्त तक कोलकाता में होगी। उन्होंने कहा कि भ्रष्टाचार और संबंधित आर्थिक अपराधों के खिलाफ लड़ाई को मजबूत करने, संपत्ति की रिकवरी और अंतर्राष्ट्रीय सहयोग को गति प्रदान करने के लिए भारत पहली एसीडब्ल्यूजी की मंत्रिस्तरीय बैठक की भी मेजबानी करेगा।

  वहीं जी-20 एसीडब्ल्यूजी के सह अध्यक्ष जियोवन्नी टार्टाग्लिया पोलसिनी ने जी-20 में भारत के एजेंडे के लिए इटली के समर्थन की फिर से पुष्टि की। उन्होंने गुरुग्राम में पहले जी-20 एसीडब्ल्यूजी के आयोजन के लिए भारत के प्रयासों की सराहना की। भ्रष्टाचार की बदलती प्रकृति के बारे में बात करते हुए उन्होंने कहा कि भ्रष्टाचार के खिलाफ प्रभावी ढंग से लडऩे के लिए आवश्यक बहु-हितधारक दृष्टिकोण के तहत नागरिकों, समाज और व्यावसायिक समुदाय के साथ जुडऩे की आवश्यकता है।

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