देश की सबसे पुरानी पार्टी कांग्रेस विगत 9 सालों से प्रदेश में संगठन के पदाधिकारियों की नियुक्ति करने में नाकाम रही है : विद्रोही प्रदेश में 9 सालों से पार्टी संगठन नियुक्तियां न होने के लिए प्रदेश के सभी वरिष्ठ नेता समान रूप से जिम्मेदार है क्योंकि सभी नेता जमीन से जुड़े जुझारू नेताओं व कार्यकर्ताओं को संगठन में जगह देने की बजाय अपने-अपने दरबारियों को ही संगठन में फिट करवाने का प्रयास ही संगठन नियुक्तियों में सबसे बडी बाधा है। विद्रोही 3 मार्च 2023 – स्वयंसेवी संस्था ग्रामीण भारत के अध्यक्ष एवं हरियाणा प्रदेश कांग्रेस कमेटी के प्रवक्ता वेदप्रकाश विद्रोही ने कांग्रेस की राष्ट्रीय महासचिव एवं पूर्व हरियाणा कांग्रेस अध्यक्ष कुमारी शैलजा की इस टिप्पणी को सही बताया कि नौ वर्षो से प्रदेश में कांग्रेस को संगठन नही होने से हरियाणा में पार्टी को काफी नुकसान उठाना पड़ा है और 9 सालों से संगठन क्यों नही है, इस पर प्रदेश के सभी नेताओं को अपना-अपना आत्मविश्लेषण करना चाहिए। विद्रोही ने कहा कि किसी भी राजनीतिक दल के लिए इससे अधिक दुर्भाग्यपूर्ण स्थिति और क्या हो सकती है कि देश की सबसे पुरानी पार्टी कांग्रेस विगत 9 सालों से प्रदेश में संगठन के पदाधिकारियों की नियुक्ति करने में नाकाम रही है। इस बीच कांग्रेस ने दो लोकसभा व दो विधानसभा आम चुनाव भी लड़ लिए जिनमेे संगठन के अभाव में नुकसान उठाने के बाद भी संगठन बनाने के प्रति कांग्रेस नेताओं ने निजी हित छोडकर संगठन बनाने को प्राथमिकता नही दी। खेदजनक यह भी है कि संगठन बने, इस पर कभी खुलकर कांग्रेस नेताओं ने मांग तक नही की। विगत नौ सालों से मैंने कई बार नेताओं को संगठन न बनाने के चलते राजनीतिक नुकसान के बारे में सार्वजनिक बयान देकर चेताया, पर किसी के कान पर जंू तक नही रेंगी अपितु ऐसी मांग करने पर मेरे प्रति अप्रत्यक्ष नाखुशी जताई गई। विद्रोही ने कहा कि उन्हे खुशी है कि पहली बार हरियाणा के किसी बड़े नेता ने संगठन की कमजोरी पर मीडिया के समक्ष खुलकर चर्चा कीे। कुमारी सैलजा के बयान को प्रदेश के सभी कांग्रेस नेताओं को गंभीरता से लेकर संगठन बनानेे में निजी पंसद-नापसंद के नाम पर रोड़े अटकाने से बाज आना चाहिए। यदि अब भी कांग्रेस प्रदेश में संगठन नही बनाती है तो यह लगातार तीसरा लोकसभा व विधानसभा आम चुनाव होगा, जब कांग्रेस बिना संगठन चुनाव लड़कर स्वयं अपने पैरों पर कुल्हाडी मारेगी। वहीं कटु सत्य यह भी है कि प्रदेश में 9 सालों से पार्टी संगठन नियुक्तियां न होने के लिए प्रदेश के सभी वरिष्ठ नेता समान रूप से जिम्मेदार है क्योंकि सभी नेता जमीन से जुड़े जुझारू नेताओं व कार्यकर्ताओं को संगठन में जगह देने की बजाय अपने-अपने दरबारियों को ही संगठन में फिट करवाने का प्रयास ही संगठन नियुक्तियों में सबसे बडी बाधा है। विद्रोही ने कहा कि यदि अब भी कांग्रेसियों को अकल नही आई और अपने निजी हितों की राजनीति से ऊपर नही उठे तो कांग्रेस नेताओं की इच्छानुसार उन्हे 2024 के लोकसभा व विधानसभा चुनावों में वैसी सफलता नही मिलेगी, जैसा कांग्रेस के पक्ष में हरियाणा में माहौल बना हुआ है। Post navigation श्री विश्वकर्मा कौशल विश्वविद्यालय ने किया कनाडा के साथ एमओयू किसी भी क्षेत्र में पुरुषों से कम नहीं महिलाएं: सुधा यादव