भाजपा सांसद व विधायक विकास कार्यो पर जुमलेबाजी तो करते है, लेकिन 8 वर्षो से अहीरवाल क्षेत्र के आधे-अधूरे विकास प्रोजेक्टस पर मुंह तक नही खोलते। विद्रोही
भाजपा सांसद व विधायक कभी नही बताते कि इस क्षेत्र के विकास प्रोजेक्टस निर्माण विगत 8 सालों से कछुआ गति से क्यों चल रहे है और उनको पूरा करवाने के लिए उन्होंने क्या किया? विद्रोही

28 फरवरी 2023 – स्वयंसेवी संस्था ग्रामीण भारत के अध्यक्ष एवं हरियाणा प्रदेश कांग्रेस कमेटी के प्रवक्ता वेदप्रकाश विद्रोही ने अहीरवाल क्षेत्र के रेवाडी, महेन्द्रगढ़ व गुरूग्राम जिले से निर्वाचित सभी भाजपा सांसदों व विधायकों को चुनौती दी कि यदि उनके अपने विकास दावों में दम है तो वे भाजपा राज के 2015-2023 वित्त वर्ष व कांग्रेस राज के 2005-2014 वित्त वर्ष में इस क्षेत्र में किये विकास कार्यो पर एक विस्तृत श्वेत पत्र जारी करने की हिम्मत दिखाये। विद्रोही ने कहा कि कांग्रेस राज में हुए विकास कार्यो व भाजपा राज में हुए विकास कार्यो का तुलनात्मक अध्ययन करके अहीरवाल के आमजन खुद ही तय कर लेंगे कि किस राज में उनका ज्यादा विकास हुआ है। भाजपा सांसद व विधायक विकास कार्यो पर जुमलेबाजी तो करते है, लेकिन 8 वर्षो से अहीरवाल क्षेत्र के आधे-अधूरे विकास प्रोजेक्टस पर मुंह तक नही खोलते। भाजपा सांसद व विधायक कभी नही बताते कि इस क्षेत्र के विकास प्रोजेक्टस निर्माण विगत 8 सालों से कछुआ गति से क्यों चल रहे है और उनको पूरा करवाने के लिए उन्होंने क्या किया? 

विद्रोही ने कहा कि शिक्षा, स्वास्थ्य, ग्रामीण-शहरी विकास व नागरिक आधारभूत सुविधाओं सहित सभी क्षेत्रों में अहीरवाल में विकास के दावे तो किये जाते है, लेकिन धरातल पर विकास के नाम पर केवल जुमलेबाजी होती है। अहीरवाल से भाजपा सेे निर्वाचित सांसदों व विधायकों द्वारा विकास की जोरदार-धारदार आवाज उठाना तो दूर इन्होंने कभी मिलकर विकास व सामाजिक सरोकारों को लेकर एकबार भी बैठक तक नही की। अहीरवाल से निर्वाचित भाजपा सांसद व विधायक इलाके के हित की बजाय सदैव ही अपने निजी हित साधते रहते है। इन निर्वाचित जनप्रतिनिधियों में न तो आपसी तालमेल है और न ही मुख्यंमत्री खट्टर के समक्ष इलाके की विकास की जोरदार पैरवी करने का मादा है।

विद्रोही ने कहा कि उन्होंने अपने लम्बे राजनीतिक व सामाजिक जीवन में इतने कमजोर निर्वाचित जनप्रतिनिधि नही देखे है जितने कमजोर वर्तमान भाजपा से निर्वाचित जनप्रतिनिधि है। भाजपा सांसद व विधायकों की राजनीतिक स्थिति आज कठपुतली की तरह है जो मालिक के इशारे पर उसकी इच्छानुसार नचाते है। भाजपा के सांसद व विधायक कठपुतली की तरह भाजपा-संघ के इशारे पर ही उठते, बैठते व जागतेे है। उनका स्वाभिमान व जमीर मर चुका है और उन्होंने एक तरह से अपने को संघी दास मान लिया है। विद्रोही ने कहा कि जब क्षेत्र के निर्वाचित जनप्रतिनिधि मानसिक दासता स्वीकार कर चुके है, तब उनसे इस क्षेत्र के विकास व हित की आशा बेमानी है। अब अहीरवाल की जनता को ही तय करना है कि वे मानसिक रूप से जनप्र्रतनिधियों को गुलाम बनाने वाली भाजपा-संघ के साथ खड़े होकर अपने इलाके व लोगों का सर्वनाश करना चाहते है या भाजपा-संघ को चलता करके अपनी रीढ़ पर खड़े होकर अपने क्षेत्र व लोगों का चहुंमुखी विकास चाहते है?

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