राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू का पिछले एक महीने में ब्रह्माकुमारीज संस्थान का दूसरा दौरा

राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू गुरुवार को अंतराष्ट्रीय आध्यात्मिक संस्थान ब्रम्हाकुमारीज द्वारा आयोजित ‘मूल्यनिष्ठ समाज की नींव महिलाए’ विषय पर राष्ट्रीय सम्मलेन को सम्बोधित करेंगी

8 फरवरी 2023, गुरुग्राम – राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू गुरुवार को अंतराष्ट्रीय आध्यात्मिक संस्थान ब्रम्हाकुमारीज द्वारा आयोजित ‘मूल्यनिष्ठ समाज की नींव महिलाए’ विषय पर राष्ट्रीय सम्मलेन को सम्बोधित करेंगी। गुरुग्राम के भोराकलां में स्थित ओम शांति रीट्रीट सेंटर में आयोजित इस सम्मलेन में राष्ट्रपति मुर्मू करीब चार हज़ार से अधिक लोगो को सम्बोधित करेंगी। ब्रह्माकुमारीज संस्थान विश्व का एकमात्र आध्यात्मिक संस्थान है। जिसे महिलाएं चलाती हैं। दुनिया में आध्यात्मिकता के ज़रिये मूल्यनिष्ठ समाज की स्थापना के लिए संस्थान पिछले 87 सालों से काम कर रहा है और संस्थान के 140 देशो में सेवाकेंद्र हैं।

राष्ट्रपति बनने के बाद द्रौपदी मुर्मू का पिछले एक महीने में ब्रह्माकुमारीज संस्थान का यह दूसरा दौरा है। इससे पहले मुर्मू 3 जनवरी को राजस्थान के माऊंट आबू में स्थित संस्थान के अंतर्राष्ट्रीय मुख्यालय में ‘स्वर्णिम भारत के उदय में आध्यात्मिकता की भूमिका’ विषय पर आयोजित राष्ट्रीय कॉन्फ्रेंस में मुख्या अतिथि थी।

सुबह साढ़े ग्यारह बजे मुर्मू सड़क मार्ग से दिल्ली से गुरुग्राम के ORC पहुंचेंगी। जहाँ ब्रह्माकुमारीज़ बहनें और भाई उनका स्वागत करेंगे। इसके बाद वो ORC में स्थित पिरामिड, मैडिटेशन रूम में ध्यान करेंगी। इसके बाद वो ORC के ऑडिटोरियम में दीप प्रज्वलन कर शिवरात्रि उत्सव समारोह के तहत अखिल भारतीय परिवार के सशक्तिकरण ‘जागृति अभियान की शुरुआत करेंगी। समारोह में विश्व विख्यात मोटिवेशनल और आध्यात्मिक वक्ता सिस्टर बी के शिवानी राजयोग मेडिटेशन कराएंगी। कार्यक्रम में संस्थान की अतिरिक्त प्रशासिका राजयोगिनी बीके मोहिनी, ORC की डायरेक्टर बीके आशा भी मौजूद रहेंगी।

2009 से मुर्मू का ब्रम्हाकुमारी आध्यात्मिक संस्थान के साथ गहरा जुड़ाव रहा है। मुर्मू की निजी जिंदगी में उस समय तूफ़ान आ गया जब उनके पति और दो बेटो की मौत हो गयी थी और वो जिंदगी में बिल्कुल अकेले पड़ गयी थी। मुर्मू खुद मानती है की उस मुश्किल दौर में जब वो भावनात्मक रूप से काफी कमजोर हो गयी थी, तब ब्रह्माकुमारीज संस्थान की बहनों ने उन्हें सहारा दिया। मुर्मू राजयोग मेडिटेशन का नियमित अभ्यास करती है और मुरली क्लास भी सुनती है। उन्होंने अपने घर में मेडिटेशन के लिए अलग से कमरा भी बनवाया था।

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