किसानों की आय 2022 तक दोगुनी करने का दम भरने वाली भाजपा सरकार अभी तक किसानों की आय तो दोगुनी नहीं कर पाई अपितु खेती की लागत को ही दोगुनी करने में सफल रही है
भाजपा की किसान विरोधी नीतियों के कारण किसान आर्थिक रूप से कंगाल हो चुका है: अभय सिंह चौटाला
बड़े शर्म की बात है कि भाजपा ने आठ साल के कार्यकाल में बड़े उद्योगपतियों का दस लाख सत्तर हजार करोड़ से भी ऊपर कर्जा माफ कर दिया है
किसान आज भी अपनी फसलों के उचित दामों के लिए एमएसपी की मांग कर रहा है, जिसकी बजट में पूरी तरह से अनदेखी की गई है
किसानों को उसकी फसल के दाम सीटू+50 फीसदी  के हिसाब से दिए जाने चाहिए, एक फसल को उगाने की जो लागत आठ साल पहले आती थी आज वो लागत भाजपा सरकार की किसान विरोधी नीतियों के कारण दोगुनी से भी ज्यादा हो चुकी है

चंडीगढ़, 3 फरवरी: इनेलो के प्रधान महासचिव एवं ऐलनाबाद के विधायक अभय सिंह चौटाला ने कहा कि केंद्र की भाजपा सरकार ने वर्ष 2023-24 के लिए पेश किए बजट में किसानों से जुड़ी सभी चीजों की सब्सिडी में भयंकर रूप से कटौती की है। फर्टिलाइजर, फूड और पैट्रोलियम, जो किसानी से संबंधित हैं, इनकी सब्सिडी में कटौती कर भाजपा सरकार ने किसान विरोधी होने का परिचय दिया है। 2022-23 में फर्टिलाइजर सब्सिडी 225200 लाख करोड़ रूपए थी अब 2023-24 के बजट में उसे 22 प्रतिशत घटाकर 175000 करोड़ रूपए कर दिया है। फूड सब्सिडी जो 2022-23 में 288969 लाख करोड़ रूपए थी उसे अब 2023-24 के बजट में 32 प्रतिशत घटाकर 197350 लाख करोड़ रूपए कर दिया है। वहीं खेती के लिए जो डीजल किसान उपयोग करता है उस पैट्रोलियम की सब्सिडी जो 2022-23 में 3423 करोड़ रूपए थी उसे भी 2023-24 के बजट में 34 प्रतिशत घटाकर 2257 करोड़ रूपए कर दिया है। आने वाले समय में सब्सिडी कम होने के कारण खाद के दाम बढ़ जाएंगे जिससे फसल की लागत और ज्यादा हो जाएगी।

किसानों की आय 2022 तक दोगुनी करने का दम भरने वाली भाजपा सरकार अभी तक किसानों की आय तो दोगुनी नहीं कर पाई अपितु खेती की लागत को ही दोगुनी करने में सफल रही है। भाजपा की किसान विरोधी नीतियों के कारण जहां किसान असहाय है, आर्थिक रूप से कंगाल हो चुका है वहीं भाजपा सरकार बड़े उद्योगपतियों के लिए बजट बना रही है। बड़े शर्म की बात है कि भाजपा ने आठ साल के कार्यकाल में बड़े उद्योगपतियों का दस लाख, सत्तर हजार करोड़ से भी ऊपर कर्जा माफ कर दिया है। लेकिन किसान आज भी अपनी फसलों के उचित दामों के लिए एमएसपी की मांग कर रहा है जिसकी बजट में पूरी तरह से अनदेखी की गई है। भाजपा ने सत्ता में आने से पहले किसानों से स्वामीनाथन रिपोर्ट लागू करने का वायदा किया था जिसे आज तक लागू नहीं किया गया है। किसानों को उसकी फसल के दाम सीटू+50 फीसदी  के हिसाब से दिए जाने चाहिए। एक फसल को उगाने की जो लागत आठ साल पहले आती थी आज वो लागत भाजपा सरकार की किसान विरोधी नीतियों के कारण दोगुनी से भी ज्यादा हो चुकी है।

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