-सात दिन के दौरान अवैध निर्माण हटाने की नगर परिषद ने दी चेतावनी, अन्यथा प्रतिदिन 5 हजार रुपये वसूला जाएगा जुर्माना
नगर परिषद के सेटेलाइट सर्वे में भी नहीं हो रहा अस्पताल मलकियत में अवैध निर्माण का मिलान
-स्वास्थ्य शिक्षा सहयोग संगठन के प्रदेश अध्यक्ष बृजपाल सिंह परमार ने हाई कोर्ट में लगाई थी परस की जगह पर अवैध निर्माण मामले में जनहित याचिका

भिवानी, 11 जनवरी। नगर परिषद ने पंजाब एवं हरियाणा उच्च न्यायालय के आदेशों की पालना में दिनोद गेट स्थित अंचल मल्टीस्पेशलिटी अस्पताल के अवैध भवन पर सीलिंग व अवैध निर्माण तोडऩे का नोटिस चस्पा दिया है। चस्पाए गए नोटिस में नगर परिषद ने अंचल दंपति को 7 दिन के अंदर अवैध निर्माण हटाए जाने की भी चेतावनी दी है, अन्यथा प्रतिदिन 5 हजार रुपये जुर्माना भी वसूले जाने का हवाला नोटिस में दिया है। नगर परिषद के याशी कंपनी के सेटेलाइट सर्वे के हिसाब से भी अस्पताल की मलकियत में अवैध निर्माण का मिलान नहीं हो रहा है। 

स्वास्थ्य शिक्षा सहयोग संगठन के प्रदेश अध्यक्ष बृजपाल सिंह परमार ने 3 जुलाई 2020 को पंजाब एवं हरियाणा उच्च न्यायालय में दिनोद गेट स्थित अंचल मल्टीस्पेशलिटी अस्पताल द्वारा परस/ धर्मशाला की जगह पर फर्जी दस्तावेज के सहारे अवैध रूप से निर्माण मामले में जनहित याचिका डाली थी। जिस पर हाई कोर्ट ने 208 व 208ए की कार्रवाई के आदेश दिए थे। इसी मामले में नगर परिषद के कार्यकारी अधिकारी की तरफ से अंचल मल्टीस्पेशलिटी अस्पताल को जारी किए गए हरियाणा म्यूनिसिपल एक्ट 1973 की धारा 208 व 208ए के तहत नोटिस जारी करते हुए कार्रवाई के आदेश दिए हैं। नोटिस में स्पष्ट किया गया है कि बिना नक्शा स्वीकृत अवैध रूप से अस्पताल का निर्माण हुआ है। इसलिए तत्काल अनाधिकृत निर्माण को हटाया जाए। नगर परिषद द्वारा याशी कंपनी के सर्वे के अनुसार उक्त व्यवसायिक भवन का एफएआर कवर्ड एरिया मौके के अनुसार मेल नहीं खाता है और उक्त अनुसार नहीं बना है। कार्यकारी अधिकारी के नोटिस में अवैध निर्माण को सील किए जाने के साथ साथ सात दिन के अंदर किया गया अवैध निर्माण हटाए जाने के आदेश दिए हैं वहीं इन आदेशों की अनुपालना नहीं करने पर 5 हजार रुपये रोजाना जुर्माना भी वसूला जाएगा। इसके अलावा संबंधित निर्माण की मलकियत से जुड़े सबूत भी नगर परिषद ने तलब किए हैं।

जांच कमेटी की पैमाइश पर साबित हुआ था अवैध निर्माण

बृजपाल सिंह परमार की हाई कोर्ट में दायर की गई जनहित याचिका के बाद भिवानी तहसील कार्यालय द्वारा एक जांच कमेटी बनाई गई। जिसने निर्माण की जगह की पैमाइश कराई तो अंचल मल्टीस्पेशलिटी अस्पताल भवन निर्माण में 604 वर्गगज परस/शामलात भूमि पर अवैध कब्जा साबित हो गया। जिसकी जांच रिपोर्ट भी तहसील कार्यालय में दाखिल की गई थी। बृजपाल सिंह परमार का आरोप है कि अधिकारियों से मिलीभगत कर करोड़ों रुपयों की परस/ शामलात भूमि पर अवैध रूप से अस्पताल खड़ा कर लिया गया था। जिसको अब गिराने के आदेश दिए गए हैं। 

ये है 208 और 208ए में कार्रवाई का प्रावधान

बृजपाल सिंह परमार ने बताया कि हरियाणा म्यूनिसिपल एक्ट 1973 की धारा 208 में किसी भी अवैध निर्माण को नगर परिषद द्वारा सील किए जाने का प्रावधान है। जबकि धारा 208ए के तहत सीलिंग किए गए अवैध निर्माण को ध्वस्त किए जाने का प्रावधान किया गया है। 

शामलात भूमि पर अवैध कब्जों को लेकर सुप्रीम कोर्ट के सख्त आदेश

बृजपाल सिंह परमार ने बताया कि शामलात व परस/धर्मशाला की भूमि पर अवैध कब्जा करने वालों के खिलाफ माननीय सुप्रीम कोर्ट व पंजाब एवं हरियाणा उच्च न्यायालय ने सख्त आदेश दिए हुए हैं कि कब्जाधारियों के प्रति सख्त रुख अख्तियार किया है। इन मामलों में प्रशासन को आदेश दिए हैं कि अवैध निर्माण को ध्वस्त कर कब्जाधारियों पर एफआईआर दर्ज कराई जाए।