केयू एपलोज पालिसी के तहत् प्रदान किए 129 शिक्षकों को पुरस्कार

वैद्य पण्डित प्रमोद कौशिक

कुरुक्षेत्र, 7 जनवरी : कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. सोमनाथ सचदेवा ने कहा कि शोध और शिक्षण के क्षेत्र में कुवि शिक्षक हमेशा अग्रणी हैं और उत्कृष्ट कार्य कर रहे हैं। कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय देश का पहला विश्वविद्यालय है जिसने राष्ट्रीय शिक्षा नीति-2020 को कुवि कैम्पस के यूजी प्रोग्राम्स में पूर्णतया लागू कर दिया है और इसके साथ ही अगले शैक्षणिक सत्र से एनईपी को विश्वविद्यालय से सम्बन्धित सभी कॉलेजों के यूजी प्रोग्राम्स में लागू किया जाएगा। हरियाणा सरकार के मुख्यमंत्री मनोहर लाल के विजन के अनुसार और कुवि कुलाधिपति बंडारू दत्तात्रेय के मार्गदर्शन में साल 2025 तक कुवि अपने सभी पीजी प्रोग्राम्स में एनईपी को लागू करने के लिए तैयार है। वे शनिवार को विश्वविद्यालय के सीनेट हॉल में वर्ष 2017 से 2022 तक शैक्षणिक व शोध उपलब्धियों के आधार पर उत्कृष्ट कार्य करने वाले कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय के 129 शिक्षकों को केयू एपलोज पालिसी के तहत् मेडल व सर्टिफिकेट देकर पुरस्कृत करते हुए बोल रहे थे।

कुलपति प्रो. सोमनाथ ने कहा कि अब तक केयू द्वारा 53 पेटेंट दर्ज किए जा चुके हैं और हमारी योजना अधिक से अधिक पेटेंट दर्ज करने की है। विश्वविद्यालय द्वारा पेटेंट फाइल करने हेतु एक आनरेरी प्रोफेसर पेटेंट नियुक्त किया गया है। पेंटेट फाईल करने का सारा खर्च कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय द्वारा वहन किया जाता है। कुवि में शोध एवं अनुसंधान बढ़ावा देने के लिए 7 बेस्ट रिसर्च अवार्ड शुरू किए जा चुके हैं। राष्ट्रीय शिक्षा नीति-2020 के उद्देश्यों के मद्देनजर कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय द्वारा 14 आनलाईन प्रोग्रॉम्स शुरू किए गए हैं जिसमें बीए, बीकाम, एमकाम व मास काम सहित जर्मन, जापानी, फ्रैंच, साईबर सिक्योरिटी, एआई प्रोग्राम शामिल हैं। इन ऑनलाइ्रन प्रोग्रामों के माध्यम से विद्यार्थियों की संख्या बढ़ेगी व विश्वविद्यालय को जीरों कोस्ट द्वारा आर्थिक रूप से मजबूती मिलेगी।

इस अवसर पर उन्होने 7 शिक्षकों प्रो. अनिल वशिष्ठ, प्रो. रंजना अग्रवाल, प्रो. पवन शर्मा, प्रो. एस.के.चहल, प्रो. ललित गौड़, डॉ. सुरेन्द्र मोहन मिश्र व डॉ. महा सिंह को केयू-एपलोज मैडल से सम्मानित किया तथा अन्य शिक्षकों को सम्मान पत्र से अलंकृत किया। पुरस्कार प्राप्त करने वालों में बीपीएस महिला विश्वविद्यालय खानपुर कलां सोनीपत की कुलपति प्रो. सुदेश, नीलम यूनिवर्सिटी कैथल के कुलपति प्रो. एसएस तेवतिया, जीजेयू कुलसचिव डॉ. अवनीश वर्मा, कुवि कुलसचिव डॉ. संजीव शर्मा व नेशनल लॉ यूनिवर्सिटी के कुलसचिव डॉ. अमित काम्बोज को भी ‘सर्टिफिकेट आफ ऑनर’ से सम्मानित किया गया।

कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय के कुलसचिव डॉ. संजीव शर्मा ने सभी का स्वागत करते हुए कहा कि यह पुरस्कार शिक्षकों को शोध एवं अनुसंधान के क्षेत्र में आगे बढ़ने के लिए प्रोत्साहित करेगा। डीन एकेडमिक अफेयर्स प्रो. मंजूला चौधरी ने केयू एपलोज पालिसी के बारे में विस्तार से जानकारी दी। छात्र कल्याण अधिष्ठाता और इस कार्यक्रम के संयोजक प्रो. अनिल वशिष्ठ ने अंत में सभी का धन्यवाद ज्ञापित किया और शिक्षक वर्ग की ओर से कुलपति द्वारा शिक्षकों के सम्मान हेतु लिए गए कदमों के लिए धन्यवाद किया। मंच का संचालन डॉ. अर्चना चौधरी ने किया।

इस अवसर पर बीपीएस खानपुर कलां सोनीपत की कुलपति प्रो. सुदेश, नीलम यूनिवर्सिटी कैथल के कुलपति प्रो. एसएस तेवतिया, केयू कुलसचिव डॉ. संजीव शर्मा, प्रो. मंजूला चौधरी, प्रो. दिनेश कुमार, जीजेयू कुलसचिव डॉ. अवनीश वर्मा, नेशनल लॉ यूनिवर्सिटी के कुलसचिव डॉ. अमित, प्रो. अनिल वशिष्ठ, प्रो. ब्रजेश साहनी, प्रो. पवन शर्मा, प्रो. सुनील ढींगरा, प्रो. स्मिता चौधरी, प्रो. शुचिस्मिता शर्मा, प्रो. पुष्पा रानी, सहित विभिन्न संकायों के डीन, अध्यक्ष व शिक्षक मौजूद थे।

केयू एपलोज पॉलिसी के तहत 129 शिक्षकों को मिला सम्मान।
केयू एपलोज पॉलिसी के तहत कला एवं भाषा संकाय के 12 शिक्षकों, कॉमर्स एंड मैनेजमेंट संकाय के 11, शिक्षा संकाय के 7, इंजीनियरिंग एंड टेक्नोलॉजी संकाय के 1, इंडिक स्टडीज संकाय के 14, विधि संकाय के 5, लाईफ साइंस संकाय के 18, फार्मास्यूटिकल साइंसेज संकाय के 4, साइंस संकाय के 43 तथा सोशल साइंस संकाय के 14 शिक्षकों को पुरस्कार प्रदान किया गया।

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