संसदीय परंपराओं तथा नियमों के अक्षरश: पालन के लिए प्रतिबद्ध हैं। किसी भी विधायक या मंत्री को सदन में गलत सूचना देने की अनुमति नहीं जा सकती है : अध्यक्ष ज्ञान चंद गुप्ता

वैद्य पण्डित प्रमोद कौशिक

चंडीगढ़, 29 दिसंबर : हरियाणा विधान सभा के अध्यक्ष ज्ञान चंद गुप्ता द्वारा शुरू किया गया पेपरलैस विधान सभा का प्रयोग अत्यंत सफल रहा। विधान सभा का शीतकालीन सत्र विधायी कामकाज की उत्कृष्टता के साथ-साथ सरकारी धन की बचत, पर्यावरण संरक्षण और दर्शकों की रिकॉर्ड संख्या के साथ संपन्न हुआ। राष्ट्रीय ई-विधान एप्लिकेशन (नेवा) के तहत चली कार्यवाही से 98 फीसदी कागज की बचत हुई। सत्र की 3 बैठकों की कुल कार्यवाही 16 घंटे 25 मिनट चली। इस कार्यवाही को देखने के लिए करीब 772 दर्शक पहुंचे, जिनमें 8 शिक्षण संस्थानों के विद्यार्थी और अध्यापक भी शामिल रहे। विधान सभा अध्यक्ष ज्ञान चंद गुप्ता ने वीरवार को पत्रकार वार्ता में सत्र की कार्यवाही से संबंधित आंकड़े पत्रकारों के साथ साझा किए।
गौरतलब है कि हरियाणा विधान सभा के 26 से 28 दिसंबर तक आयोजित शीतकालीन सत्र के दौरान 3 बैठकें हुई। विधान सभा अध्यक्ष ज्ञान चंद गुप्ता ने बताया कि इस दौरान कुल 16 विधेयक पारित किए गए। 12 ध्यानाकर्षण प्रस्तावों पर विस्तार से चर्चा हुई तथा सदन पटल पर रखे गए 60 तारांकित प्रश्नों में से 35 के जवाब संबंधित मंत्रियों ने विस्तार से दिए। शीतकालीन सत्र के लिए तारांकित प्रश्न 54 विधायकों की ओर से भेजे गए थे, जिनमें कांग्रेस के 24, भाजपा के 20, जजपा के 5 इनेलो के 1, हलोपा के 1 तथा 4 निर्दलीय विधायक शामिल रहे। 22 विधायकों के 110 अतारांकित सवालों के जवाब भी सदन पटल पर रखे गए।

एक अल्प अवधि चर्चा प्रस्ताव भी विधायी कामकाज का हिस्सा रहा। विधान सभा सचिवालय को अल्प अवधि चर्चा प्रस्ताव 2 प्राप्त हुए थे, जिनमें से एक को ध्यानाकर्षण सूचना में तबदील कर दिया गया। शून्यकाल के तहत सदन में 3 घंटे 18 मिनट तक चर्चा हुई, जिसमें 47 विधायकों को अपनी बात रखने का अवसर मिला। इनमें कांग्रेस के 20, भाजपा के 18, जजपा के 5 तथा निर्दलीय 4 विधायक शामिल रहे। विधान सभा अध्यक्ष ने शून्यकाल के दौरान कांग्रेस को 1 घंटा 24 मिनट, भाजपा को 1 घंटा 15 मिनट, जजपा को 23 मिनट तथा निर्दलीय विधायकों को 16 मिनट बोलने का अवसर दिया।

विधान सभा अध्यक्ष ज्ञान चंद गुप्ता ने बताया कि शीतकालीन सत्र की कार्य उत्पादकता 91.2 फीसदी रही। 26 दिसंबर को सत्र से पूर्व आयोजित कार्य सलाहकार समिति की बैठक में सत्र 3 दिन तक रोजाना 6 घंटे चलना तय हुआ था, लेकिन पहले दिन 4 घंटे 10 मिनट, दूसरे दिन 6 घंटे 25 मिनट तथा तीसरे दिन 5 घंटे 50 मिनट कार्यवाही चली।

पत्रकारों को संबोधित करते हुए विस अध्यक्ष गुप्ता ने कहा कि वे संसदीय परंपराओं तथा नियमों के अक्षरश: पालन के लिए प्रतिबद्ध हैं। किसी भी विधायक या मंत्री को सदन में गलत सूचना देने की अनुमति नहीं जा सकती है। पत्रकारों के सवालों में जवाब में उन्होंने कहा कि गलत सूचना देने वालों के खिलाफ संबंधित विभागों ने कार्रवाई कर दी है। उन्होंने सत्र की कार्यवाही को सफल एवं सुचारू बनाने के लिए सभी सदस्यों का आभार प्रकट किया है। सदन की कार्यवाही सकारात्मक ढंग से जनता तक पहुंचाने के लिए उन्होंने मीडिया का भी आभार व्यक्त किया। पत्रकार वार्ता में विधान सभा सचिव राजेंद्र नांदल, अतिरिक्त सचिव डॉ. पुरुषोत्तम दत्त, ओएसडी डॉ. सतीश कुमार भी उपस्थित रहे।

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