कई मायनों में अहम रहा हरियाणा विधानसभा का शीतकालीन सत्र सदन में चर्चा के दौरान कभी नोक-झोंक तो कभी गंभीर चर्चा मुख्यमंत्री ने सटीक आंकड़ों के साथ दिया विपक्ष को जवाब विपक्ष का दर्द तो कहीं ओर – क्यों सुधर रही है व्यवस्थाएं चण्डीगढ़, 28 दिसम्बर – हरियाणा विधानसभा का तीन दिन तक चला शीतकालीन सत्र कई मायनों में अहम रहा। एक तरफ तो चर्चा के दौरान कभी तीखी नोंक-झोंक देखने को मिली तो कई मुद्दों पर गम्भीर चर्चा देखने को मिली। सदन के नेता व मुख्यमंत्री श्री मनोहर लाल ने स्वयं मोर्चा सम्भाला और हर मुद्दे का सटीक आंकड़ों के साथ जवाब देकर विपक्ष को उनकी बात सुनने के लिए मजबूर कर दिया। कई बार तो शायराना अंदाज में जवाब देते हुए कहा कि विपक्ष का दर्द तो कहीं ओर है और निशाना कहीं ओर अर्थात क्यों सुधर रही हैं व्यवस्थाएं। सत्र के अंतिम दिन एक समय ऐसा भी आया जब नेता प्रतिपक्ष ने शायराना अंदाज में सरकार को चेताया लेकिन मुख्यमंत्री ने भी उसी भावना से और शायराना अंदाज में उसका जवाब दे सदस्यों को मेज थपथपाने के लिए मजबूर कर दिया। हरियाणा कौशल रोजगार निगम के माध्यम से की जा रही भर्तियों के मुद्दे पर मुख्य विपक्षी दल द्वारा दिए गये ध्यानाकर्षण प्रस्ताव पर तो नेता प्रतिपक्ष सहित अन्य सदस्यों को एक-एक बिंदु पर विस्तार से जवाब दिया और सभी 90 विधायकों से मुख्यमंत्री ने पूछा कि क्या हरियाणा कौशल रोजगार निगम के माध्यम से उनके किसी रिश्तेदार की नौकरी लगी है, तो सभी विधायक सदन में चुप थे अर्थात किसी ने भी इस बात की पुष्टि नहीं की। मुख्यमंत्री ने स्पष्ट किया कि गरीब परिवारों को सबसे पहले निगम के माध्यम से उनके जिला या ब्लॉक में नौकरी देने को प्राथमिकता दी जाएगी। विपक्ष पर निशाना साधते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि विपक्षी केवल लोगों को बहका रहे हैं कि जब हम आएंगे तो पीपीपी बंद कर देंगे, पोर्टल बंद कर देंगे ऐसा नहीं है। अब तो पोर्टल पर पोर्टल बनेंगे और इन्हीं के माध्यम से भ्रष्टाचार पर अंकुश लगेगा और कुछ हद तक तो लग भी चुका है। सत्र के दौरान कई महत्वपूर्ण बिल पास किए गये। मुख्यमंत्री ने एक अनुभवी राजनेता के रूप में सदन में विपक्ष को जवाब देकर अमिट छाप छोड़ी। गन्ने के भाव बढ़ाने के मुद्दे पर भी विपक्ष तीन दिन से शोर मचा रहा था। प्रदेश में 9 सहकारी तथा तीन प्राइवेट चीनी मिल हैं। सहकारी मिलों को सरकार सहायता देती है ताकि गन्ने की अदायगी समय पर की जा सके। हरियाणा में किसी भी सहकारी चीनी मिल का बकाया नहीं है। मुख्यमंत्री ने इस पिराई मौसम के लिए गन्ने का भाव तय करने के लिए कृषि एवं किसान कल्याण मंत्री श्री जेपी दलाल की अध्यक्षता में एक कमेटी गठित करने की घोषणा की जो 15 दिन में चीनी मिलों के प्रदर्शन का आकलन करके अपनी रिपोर्ट देगी। इसके बाद गन्ने के भाव घोषित किए जाएंगे। वैसे भी हरियाणा में गन्ने के भाव अन्य राज्यों की तुलना में सदैव अधिक रहे हैं। शीतकालीन सत्र इस मायने में भी विशेष रहा कि पहली बार विधायकों की सीट पर हाई-फाई टेबलेट्स लगे हुए थे और सारी कार्यवाही ऑनलाइन थी। इसके अलावा, शीतकालीन सत्र देश के प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी के प्रयासों से संयुक्त राष्ट्र महासभा द्वारा वर्ष 2023 को अंतरराष्ट्रीय मिलेट वर्ष घोषित करने का गवाह भी बना, क्योंकि दूसरे दिन दोपहर के भोजन में मिलेट से तैयार व्यंजन सभी को परोसे गये। Post navigation नई पंचायतों को पहले की तरह मिलते रहेंगे अधिकार फसलों के न्यूनतम समर्थन मूल्य खरीद राशी को 72 घंटे में बैंक खातों में पहुंचाने का दावा एक जुमलेबाजी : विद्रोही