चंडीगढ़, 26 दिसंबर – हरियाणा के मुख्यमंत्री श्री मनोहर लाल ने कहा कि जिन विधायकों को उनके विधानसभा क्षेत्रों में विकास कार्याें के लिए 5 करोड़ रुपये की राशि दी जा चुकी है और उनके कार्य पूरे नहीं हुए है तथा जिन विधायकों को 5 करोड़ रुपये की पूरी राशि मिलना अभी बकाया है, ऐसे मामलों में वे स्वयं हस्तक्षेप कर अगले सत्र या 31 मार्च तक पूरा करवाएंगे। मुख्यमंत्री आज यहां हरियाणा विधानसभा के शीतकालीन सत्र के पहले दिन विधायक वरूण चौधरी, आफताब अहमद, भारत भूषण बतरा, अमित सिहाग, श्रीमती शैली द्वारा राज्य में विधायक के लिए स्थानीय क्षेत्र विकास निधि का प्रावधान करने पर हो रही चर्चा के दौरान जवाब दे रहे थे। श्री मनोहर लाल ने कहा कि राज्य सरकार का सांसद स्थानीय क्षेत्र विकास योजना (एमपीलैड) की तर्ज पर एमएलएलैड का प्रावधान करने की कोई योजना नहीं है। उन्होंने कहा कि विधायकों का उद्देश्य अपने क्षेत्र में विकास कार्य करवाने का होता है, फिर चाहे वह किसी भी योजना के अंतर्गत हो। श्री मनोहर लाल ने कहा कि राज्य सरकार ने वर्ष 2014 और वर्ष 2019 दोनों बार विधायकों को उनके विधानसभा क्षेत्रों में विकास कार्य करवाने के लिए 5-5 करोड़ रुपये दिये हैं। विधायकों को आवंटित 5 करोड़ रुपये का ब्यौरा देते हुए मुख्यमंत्री ने सदन में कहा कि ऐसे विधानसभा क्षेत्र, जहां लगभग 4 से 6 करोड़ रुपये की राशि आवंटित की गई है, उनकी संख्या 67 है। इसके अलावा, जहां कम राशि पहुंची है, ऐसे 10 विधानसभा क्षेत्र हैं, जिनमें दादरी, बेरी, गढ़ी सांपला, कलानौर, ऐलनाबाद, इसराना, आदमपुर, रेवाड़ी, डबवाली और कालांवली शामिल हैं। श्री मनोहर लाल ने कहा कि किसी भी विधानसभा क्षेत्र में यदि कुछ काम नहीं हुआ है तो विधायक विभागों के अधिकारियों के साथ बैठक कर जानकारी लें। उन्होंने स्पष्ट किया कि इस 5 करोड़ रुपये की राशि के अंतर्गत विधायक किसी भी प्रकार के कार्य चाहे शिक्षा, स्वास्थ्य, पंचायत आदि सरकार को भेज सकते हैं। उन्होंने कहा कि 90 विधायकों को उनके क्षेत्रों में हुए कामों की सूची भेजी जाएगी, जिसमें जिन कार्याें के कम्पलीशन सर्टिफिकेट आना बाकी हैं, वे भी शामिल होंगे। इस सूची में से यदि कोई कार्य शेष रह गए होंगे तो उसकी जानकारी विधायक सरकार को दें, उस पर जल्द से जल्द आगामी कार्रवाई की जाएगी। Post navigation विधायक नैना चौटाला ने विधानसभा सत्र में उठाया दादरी व कादमा कॉलेजों में प्रोफेसर व अन्य कर्मचारियों की की कमी का मामला जरावता ने उठाया कासन की 1810 एकड़ अधिग्रहण का मुद्दा