महामना और अटल को कवियों ने दी भावभीनी काव्यांजलि

भारत सारथी/ कौशिक

नारनौल। जिला श्री गौड़ ब्राह्मण सभा द्वारा महामना मदनमोहन मालवीय और पूर्व प्रधानमंत्री अटलबिहारी वाजपेई की जयंती पर एक कवि-सम्मेलन का आयोजन गत शाम किया गया। वरिष्ठ कवि और सिंघानिया विश्वविद्यालय, पचेरी बड़ी (राजस्थान) में हिंदी-विभाग के प्रोफेसर एवं अध्यक्ष डॉ रामनिवास ‘मानव’ की अध्यक्षता में आयोजित और अखिल भारतीय साहित्य परिषद् के जिला अध्यक्ष डॉ जितेंद्र भारद्वाज के कुशल संचालन में संपन्न हुए इस कवि-सम्मेलन में नारनौल तथा आसपास के शहरों से आये आधा दर्जन से अधिक कवियों ने महामना और अटल जी को भावभीनी काव्यांजलि अर्पित की।

“हे राजनीति के संत तुझे नमन है। भारत मां के लाल अटल तुझे नमन है।” कहकर डॉ जितेंद्र भारद्वाज ने जहां अटल जी को श्रद्धांजलि अर्पित की, वहीं भारत की माटी का वंदन करते हुए जयप्रकाश कौशिक का कहना था-“ऐ देश की माटी तुझे शत-शत वंदन। तू ही है अबीर, तू ही है मेरे माथे का चंदन।” कोसली से पधारे कवि दलबीर फूल ने “लिखे हुए गीत अटल जी के भारतवासी गायेंगे। जिक्र होगा जब रतनों का, अटल जी याद आयेंगे।” कहकर अटल जी के कवि रूप के महत्त्व को उजागर किया, तो रेवाड़ी के कवि त्रिलोक फतेहपुरी ने दोनों दिवंगत महापुरुषों को भारत का गौरव बताते हुए कहा-“भुला पायेंगे हम कैसे भला उनके विचारों को! वही हैं राष्ट्र के गौरव, उन्हें हम सिर झुकाते हैं।”

अलवर से पधारे वीर रस के ओजस्वी कवि संजय पाठक ने बदलती परिस्थितियों में पुनर्जन्म लेने के लिए महामना और अटल जी से आह्वान किया-“करवटें-सी ले रहा इतिहास, अब तो आ ही जाए महामना या अटल कोई। राष्ट्रभक्ति की खिले बगिया निराली, यह पड़ा सदियों से बंजर मांग करता।” नांगल चौधरी के वरिष्ठ गीतकार प्रमोद वत्स ने जीवन की चुनौतियों को स्वीकार करते हुए कहा-“फूल पत्थर पर खिलाना, दीप आंधी में जलाना है कठिन, फिर भी चुना है धार के विपरीत जाना।”

अपने अध्यक्षीय में वक्तव्य में महामना मदनमोहन मालवीय और अटलबिहारी वाजपेई को श्रद्धासुमन अर्पित करने के उपरांत डॉ रामनिवास ‘मानव’ ने समकालीन जीवन-यथार्थ को रेखांकित करते हुए अपने मार्मिक दोहे प्रस्तुत किये। भारत की जनता की अस्थिर मनोस्थिति को स्पष्ट करते हुए उन्होंने कहा-“जाने किसके शीश पर धरे देश यह ताज। वर्ष चतुर्दश कर गई यहां खड़ाऊं राज।”

लगभग डेढ़ घंटे तक चले इस कवि-सम्मेलन के अंत में सभा के अध्यक्ष और वरिष्ठ अधिवक्ता राकेश मेहता, हरियाणा केंद्रीय विश्वविद्यालय, जाट पाली (हरियाणा) के कुलपति डॉ टंकेश्वर कुमार और हरियाणा के पूर्व शिक्षा मंत्री रामबिलास शर्मा ने अंगवस्त्र स्मृति-चिह्न और सम्मान-पत्र भेंटकर सभी कवियों को सम्मानित किया। इस अवसर पर सभा के सभी सदस्यों और पदाधिकारियों के अतिरिक्त कोटपुतली के पूर्व विधायक सुभाष शर्मा, पूर्व विधायक राधेश्याम शर्मा, प्रमुख समाजसेवी डॉ लालचंद जोशी, हरियाणा बाल कल्याण परिषद्, पंचकूला के नोडल अधिकारी विपिन शर्मा आदि गणमान्य नागरिकों की उपस्थित उल्लेखनीय रही।

error: Content is protected !!