73 दिनों तक नैना चौटाला ने ग्रामीणों की नहीं ली थी सुध अब बोली उनके बिना नहीं हो सकती थी नपा रद्द

ग्रामीण धरने पर पहुंचने वाले लोगों को दे रहे श्रेय, नैना बोली राजनैतिक रोटियां सेंकने आए थे

चरखी दादरी जयवीर फौगाट,

22 दिसंबर, बीते काफी समय से चले आ रहे नगर पालिका मसले का हल बीते सप्ताह ही हुआ है और हंसावास व बाढड़ा के ग्रामीणों में खुशी का माहौल है। लगातार 73 दिनों तक चले धरने के बाद इवीएम के जरिए जनमत के बाद नगर पालिका रद्द होने की उनकी मांग पूरी हो पाई है। नगर पालिका रद्द होने के बाद से दोनों गांवों के ग्रामीणों में खुशी का माहाैल हैं और वे उनके धरने पर पहुंचकर उनका समर्थन करने वाले लोगों का आभार प्रकट करने में जुटे हुए हैं इसी बीच नगर पालिका का दर्जा रद्द होने के बाद पहली बार बाढड़ा पहुंची विधायक नैना चौटाला ने बड़ा बयान देते हुए धरने पर पहंचने वाले लोगों को राजनैति रोटिया सेंकने वाले करार दे दिया और 73 दिनों तक ग्रामीणों की एक बार सुध नहीं लेने वाली विधायक ने नगर पालिका रद्द करवाने का श्रेय अपने आप को देते हुूए कहा कि उनके हस्ताक्षर के बिना नगर पालिका रद्द नहीं हो सकती थी।

उल्लेखनीय है कि करीब 14 माह पहले बाढड़ा व हंसावास खुर्द को मिलाकर बाढड़ा नगर पालिका का गठन किया गया था। लेकिन ग्रामीणों ने इसका विरोध कर ग्राम पंचायत की बहाली की मांग की। जिसके लिए ग्रामीणों ने प्रशसनिक अधिकारियों व जन प्रतिनिधियों को अपनी मांग के लिए ज्ञापन सौंपे लेकिन मांग सिरे नहीं चढ़ पाई थी। बाद में ग्रामीणों ने बाढड़ा एसडीएम कार्यालय के सामने धरना शुरू करते हुए अपनी मांग को प्रभावी ढंग से उठाया। लगातर 73 दिनों तक चले धरने पर प्रदेश के पूर्व मख्यमंत्री व इनेलो नेता औमप्रकाश चौटाला, पूर्व मंत्री व कांग्रेस नेता किरण चौधरी, राज्यसभा सांसद व आम आदमी पार्टी के हरियाणा प्रदेश प्रभारी सुशील गुप्ता, भिवानी-महेंद्रगढ़ सांसद धर्मबीर सिंह, भाजपा किसान मोर्चा के प्रदेश अध्यक्ष सुखविंद्र मांढी आदि धरने पर पहुंचे और धरनारत लोगों को हर संभव सहायता का आश्वासन दिया। इस दौरान जजपा नेता व बाढड़ा विधायक नैना चौटाला, डिप्टी सीएम दुष्यंत चौटाला सहित बड़े नेताओं ने धरने से दूरी बनाए रखी और 73 दिनों तक चले धरने पर बैठे लोगों की सुध नहीं ली। बाद में 18 नवंबर को प्रदेश के कृषि मंत्री जेपी दलाल ने इवीएम के जरिए जनमत करवाकर नगर पालिका मसले का हल करवाने का आश्वासन दिया और धरना समाप्त करवाया। जिसके बाद जेपी दलाल के आश्वासन के तहत दो दिसंबर को हुए जनमत में ग्राम पंचायत के पक्ष में एकतरफा वोटिंग हुई और सरकार द्वारा बाढड़ा नगर पालिका को दर्जा रद् करवाने का पत्र जारी कर दिया गया।

मेरे हस्ताक्षर के बिना नहीं हो सकती थी रद्द:

बाढड़ा विधायक नैना चौटाला ने कहा कि नगर पालिका के लिए उन्होंने सबसे पहले विधानसभा में आवाज उठाई थी उनके लिखकर देने के बिना और बिना उनकी सहमति के नगरपालिका का दर्जा रद्द नहीं हो सकता। उनकी सहमति से ही सीएम और डिप्टी सीएम ने नगर पालिका को रद्द किया है।

जजपा ने बनाई थी दूरी:

नगर पालिका के विरोध में बाढड़ा में 73 दिनों में चले धरने पर जजपा के बड़े नेताओं ने धरने से पूरी तरह से दूरी बनाए रखी। इस दौरान बाढड़ा विधायक जिले में तो आई लेकिन धरने पर पहुंचकर एक बार भी ग्रामीणों की बात सुनना भी जायज नहीं समझाा। इसके अलावा दो बार डिप्टी सीएम धरने से महज चंद किलोमीटर की दूरी पर स्थित गांव काकड़ौली पहुंचे थे लेकिन वे दोनों ही बार बाढड़ा आने की बजाया हड़ौदी होते लिंक मार्ग से निकल गए जिसके विरोध में दोनो अवसरों पर धरनारत लोगों ने डिप्टी सीएम के खिलाफ जमकर नारेबाजी कर रोष भी जताया था। डिप्टी सीएम के खिलाफ हुए विरोध के अगले ही दिन कृषि मंत्री जेपी दलाल धरने पर पहुंच गए थे और जनमत करवाने का आश्वासन दे दिया था जिसके बाद जनमत के जरिए मसले का हल हो गया है।

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