वानप्रस्थ में व्याख्यान देती प्रो पुष्पा खरब

हिसार  22 दिसंबर।  नोबेल पुरुस्कारों पर व्याख्यान की वार्षिक श्रृंखला में वानप्रस्थ संस्था में बुधवार को शरीर विज्ञान (फिजियोलॉजी) में इस साल दिए गए पुरुस्कार पर हरियाणा कृषि विश्वविद्यालय की पूर्व प्रोफेसर डॉ पुष्पा खरब ने अपनी प्रस्तुति में कहा कि इस साल यह पुरुस्कार स्वीडन के वैज्ञानिक सेवंते पाबो को प्रदान किया गया है जिन्होंने वर्तमान मानव की विलुप्त प्रजातियों के बारे में महत्वपूर्ण खोजकर विज्ञान की एक नई शाखा  पैलियो   जिनोमिक्स की स्थापना की है। उन्होंने विलुप्त प्रजाति निएंडरथल का पूरा जीनोम खोज लिया है और उनकी तकनीक मानव विकास की और जानकारी की खोज का मार्ग प्रशस्त करेगी।   

प्रो पुष्पा खरब ने कहा कि मानव प्रजाति का विकास कैसे और कब  हुआ , इसका वैज्ञानिक अध्ययन लंबे समय से हो रहा है। 2003 में वर्तमान मानव के संपूर्ण जीनोम की जानकारी प्राप्त होने के बाद मानव की विलुप्त प्रजातियों की खोज की ओर ध्यान दिया जाने लगा। प्रो सेवंते पाबो ने अथक मेहनत के बाद पहली बार निएंडरथल के जीवाश्मों से इसकी पूरी जीन संरचना का पता लगाया।   

मानव प्रजाति का विकास क्रम

वर्तमान मानव की उत्पत्ति अफ्रीका के इथोपिया में कोई तीन लाख साल पहले होने के प्रमाण मिले हैं। लगभग 70 हज़ार साल पहले मानव अफ्रीका से निकल कर पश्चिमी व सेंट्रल एशिया में आया और वहां से यूरोप, एशिया व विश्व के अन्य भागों में पहुंचा। जब वह यूरोप पहुंचा तो वहां निएंडरथल प्रजाति चार लाख वर्ष पूर्व से रह रही थी। वर्तमान मानव में निएंडरथल प्रजाति के जीन मिले हैं जिससे साबित हुआ कि दोनो प्रजातियों में अंतर संबंध थे। निएंडरथल प्रजाति किन्ही अज्ञात कारणों से लगभग 30 हज़ार साल पहले विलुप्त हो गई।   

प्रो  सेवंते पाबो  ने साइबेरिया से प्राप्त उंगली की एक हड्डी से प्राप्त जीनोम से एक और विलुप्त मानव प्रजाति डेनिसोवा की खोज भी की।     

वानप्रस्थ की गोष्ठी में लगभग 40 सदस्यों ने भाग लिया और मानव विकास से संबंधित अनेक गंभीर सवाल पूछे जिनका प्रो खरब ने बड़े रोचक ढंग से उत्तर दिया। प्रो आर सी यादव ने प्रो खरब का विस्तृत परिचय दिया।    

वानप्रस्थ के जनरल सेक्रेटरी प्रो जे के डांग ने बताया कि शुक्रवार 23 दिसंबर को शांति के नोबेल पुरुस्कार पर प्रो स्वराज कुमारी व्याख्यान देंगी।

error: Content is protected !!