–कमलेश भारतीय मुडका बार्डर पर हरियाणा में आपकी यात्रा शुरू करते हुए राहुल गान्धी ने कहा कि मुझे आपने अपने संबोधनों में तपस्वी कहा है । मैं तपस्वी नहीं हूं । तपस्वी तो भारत का किसान है जो सुबह सवेरे अपने खेतों में काम करने निकल जाता है । तपस्वी तो मजदूर है जो किसान की साथ काम करने निकलते है । मुझसे कहीं बड़े ये तपस्वी हैं । युवा मेरे से बडे तपस्वी हैं जो रोजगार के लिये निकलते हैं । मेरी तरह धक्के खाने चाहिए सभी नेताओं को तब जाकर यह तपस्या पूरी होगी । आज का रात्रि निवास : आज का रात्रि निवास नूह के निकट आखेड़ा में होगा जहां राहुल के साथ चल रहे कंटेनर पहले से ही लग गये हैं । Post navigation धुंध में रोशनी ही रोशनी केन्द्र सरकार से मांग : वे 2021 जनगणना के साथ जाति गणना भी करवाये। विद्रोही