साहित्यिक एवं चित्रकला कार्यशाला में 300 छात्रों को दिया जाएगा प्रशिक्षण। केयू में युवा एवं सांस्कृतिक कार्यक्रम विभाग द्वारा आयोजित तीन दिवसीय साहित्यिक एवं चित्रकला कार्यशाला का कुलपति ने किया शुभारंभ। वैद्य पण्डित प्रमोद कौशिक कुरुक्षेत्र, 20 दिसम्बर : युवाओं में साहित्यिक एवं चित्रकला सहित अन्य विधाओं में असीम प्रतिभा छिपी है। मंच द्वारा ही युवाओं में कौशल विकसित कर उन्हें आत्मनिर्भर बनाया जा सकता है। यह विचार कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय के कुलपति प्रोफेसर सोमनाथ सचदेवा ने मंगलवार को कुवि के युवा एवं सांस्कृतिक कार्यक्रम विभाग की ओर से सीनेट हॉल में आयोजित तीन दिवसीय साहित्यिक एवं चित्रकला कार्यशाला के उद्घाटन अवसर पर बतौर मुख्यातिथि व्यक्त किए। कुवि कुलपति प्रोफेसर सोमनाथ सचदेवा ने कहा कि सभी छात्र प्रतिभागियों के लिए विशिष्ट क्षेत्रों के विशेषज्ञों से सीधा संवाद व कौशल विकास करने का सुअवसर है। विद्यार्थी अपने अंदर कौशल विकास करके आत्मनिर्भर बन सकते हैं। कुवि कुलपति प्रो. सोमनाथ सचदेवा ने कहा राज्यस्तरीय हरियाणा रत्नावली महोत्सव में ललित कला विभाग के छात्रों ने सराहनीय कार्य किया। उन्होंने कहा कि राष्ट्रीय स्तर पर आयोजित होने वाली प्रतियोगिताओं के लिए छात्रों के संप्रेषण कौशल में निखार की आवश्यकता है। उन्होंने कुवि एवं संबंधित महाविद्यालयों से आए विद्यार्थियों से आह्वान किया इस कार्यशाला के माध्यम से सभी छात्र अपनी प्रतिभा में निखार लाकर विशिष्ट क्षेत्र में पहचान बनाएं। उन्होंने इस तीन दिवसीय कार्यशाला के आयोजन के लिए युवा सांस्कृतिक एवं कार्यक्रम विभाग के निदेशक एवं पूरी टीम को कार्यशाला के सफल आयोजन के लिए बधाई दी। इससे पहले कुवि कुलपति प्रो. सोमनाथ सचदेवा, प्रो. बिन्दु शर्मा, डॉ. गुरचरण सिंह, डॉ. पवन कुमार, डॉ. जिम्मी शर्मा ने मां सरस्वती के समक्ष दीप प्रज्ज्वलित कर कार्यशाला का शुभारम्भ किया। डॉ. महासिंह पूनिया ने कुवि कुलपति प्रो. सोमनाथ सचदेवा को पुष्पगुच्छ देकर स्वागत किया। इस मौके पर कार्यशाला में कुवि कुलपति प्रो. सोमनाथ सचदेवा ने उपस्थित विशेषज्ञ रविन्द्र शर्मा, डॉ. उज्ज्वल, डॉ. कुलदीप सिंह, दैनिक ट्रिब्यून के प्रसिद्ध कार्टूनिस्ट संदीप जोशी, डॉ. प्रकाश, डॉ. दलबीर सिंह, आरएस पठानिया, ऋषिराज तोमर, प्रसिद्ध चित्रकार आरपी वर्मा, प्रो. केपीएस शांते, डॉ. विजेन्द्र दहिया, दीपक झा सहित महारंजन पात्रा को अंगवस्त्र एवं पुष्पगुच्छ भेंट कर स्वागत किया। युवा सांस्कृतिक एवं कार्यक्रम विभाग के निदेशक डॉ. महासिंह पूनिया ने कहा कि इस तीन दिवसीय साहित्यिक एवं चित्रकला कार्यशाला के मंच में अपने क्षेत्र के विषय विशेषज्ञ अपने ज्ञान द्वारा विद्यार्थियों में कौशल विकास को लेकर नव ऊर्जा का संचार करेंगे। उन्होंने छात्रों से आह्वान किया कि वे विषय विशेषज्ञ से संवाद करें क्योंकि सीधे संवाद के द्वारा सीखा गया ज्ञान स्थायी होता है। उन्होंने कहा कि इस कार्यशाला का उद्देश्य छात्रों को उत्तर क्षेत्र में होने वाली प्रतियोगिताओं के लिए तैयार करना है ताकि आने वाले समय में सार्क देश की प्रतियोगिताओं में विद्यार्थी अच्छा प्रदर्शन कर विश्वविद्यालय का नाम रोशन करें। उन्होंने बताया कि इस कार्यशाला में कुवि एवं संबंधित महाविद्यालयों के 279 विद्यार्थियों ने पंजीकरण करवाया है जिसमें कुवि के यूटीडी के 111 विद्यार्थी पंजीकृत है। जनसंचार एवं मीडिया प्रौद्योगिकी संस्थान की निदेशिका प्रो. बिन्दु शर्मा ने कहा यह कार्यशाला विशेषज्ञों का एक संगम एवं समागम है जिसके माध्यम से छात्र अपनी क्षमताओं एवं कुशलता में वृद्धि कर सकेंगे। उन्होंने कहा कि वर्तमान डिजीटल युग में साहित्यिक रचनाओं सहित अन्य क्षेत्र में विषय वस्तु में मौलिकता का अभाव होता जा रहा है। इस कार्यशाला के माध्यम से छात्रों को विषय वस्तु की गरिमा एवं मौलिकता के प्रति जागरूक किया जाएगा ताकि विद्यार्थी कला, दर्शन, साहित्य एवं सूचना संबंधित ज्ञान को भारतीय मूल्यों के साथ नए आत्मसात कर सकें। यह कार्यशाला विद्यार्थियों में नए आइडिया व कंटेंट में मौलिकता के प्रति चेतना पैदा करने का कार्य करेगी। युवा सांस्कृतिक कार्यक्रम विभाग के उपनिदेशक डॉ. गुरचरण सिंह ने सभी का धन्यवाद ज्ञापित करते हुए कहा कि यह कार्यशाला राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 में निहित कौशल विकास की ओर अग्रसर पथ है। उन्होंने कहा इस तीन दिवसीय कार्यशाला में सभी छात्र विषय विशेषज्ञों के उद्बोधन से लाभान्वित होंगे। कार्यशाला में मंच का संचालन छात्रा उपासना ने किया।इस मौके पर रविन्द्र शर्मा, डॉ. उज्ज्वल, कुलदीप सिंह, संदीप जोशी, डॉ. प्रकाश, आरएस पठानिया, दलबीर सिंह, ऋषि राज तोमर, आरपी वर्मा, प्रो. केपीएस शांटे, डॉ. विजेंद्र दहिया, प्रो. महारंजन पात्रा, प्रो. परमेश कुमार, लोक सम्पर्क विभाग के उपनिदेशक डॉ. दीपक राय बब्बर सहित डॉ. हरविन्द्र राणा, प्रतिभागी एवं विद्यार्थी मौजूद रहे। डॉ. महासिंह पूनिया ने बताया कि इस तीन दिन चलने वाली कार्यशाला में विद्यार्थी कोलाज, पोस्टर मेकिंग, क्ले मॉडलिंग, कार्टूनिंग, ऑन द स्पाट पेंटिंग, रंगोली, फोटोग्राफी, पेंटिंग, क्विज, डिबेट, इलोक्यूशन, वॉइस मॉडयूल आदि के बारे में बारीकियां विद्वानों से सीखेंगे। Post navigation गतका प्रतियोगिता में कुरुक्षेत्र के खिलाडिय़ों ने मारी बाजी शिक्षक का सम्बन्ध भविष्य के राष्ट्र निर्माताओं के साथ होता है : प्रो. सोमनाथ सचदेवा