नतीजा ब्रेक लगाने या गड्ढे में वाहन फंसने पर पीछे चल रहे लोगों पर गंदगी गिर जाती है।

 भारत सारथी सोहना / राजेन्द्र कुमार होटला

सोहना कस्बे में सफाई के लिए नगर परिषद द्वारा लाखों रुपये खर्च किए जा रहे हैं। बावजूद इसके कचरे से भरी ट्रॉलियों से उड़ कर कचरा लोगों को मुंह पर ही पड़ रहा है। कचरा वाहन कचरे को बिना ढके ले जाते हैं। खुले में जा रहा कचरा उड़ता हुआ पीछे चलने वाले वाहन चालक और राहगीरों के मुंह पर आता है। वाहन कचरा उठाने के साथ रास्ते में फैलाते हुए भी जा रहे दिखाई द रहै हैं। जबकि बार-बार कचरे को ढक कर ले जाने के निर्देश दिए जाते हैं लेकिन वाहन चालक इस तरफ ध्यान नहीं देते हैं।

कस्बे के 21 वार्डो में रोजाना बड़ी मात्रा में कूड़ा जमा होता है। प्रशासन की ओर से सभी वार्डो से डोर टू डोर कूड़ा उठाया जाता है। सफाई कर्मचारी छोटे वाहन या ट्राली लेकर गली-गली जाते हैं। इसके बाद एक जगह कूड़े को एकत्र किया जाता है। यहां से बड़े वाहनों पर कूड़ा लादकर अन्यत्र ले जाया जाता है। वाहनों में बिना तिरपाल से ढके ही कूड़ा ले जाया जा रहा है। नतीजा ब्रेक लगने या गड्ढे में वाहन फंसने पर पीछे चल रहे लोगों पर गंदगी गिर जाती है। नगर में कूड़े के निस्तारण की व्यवस्था दुरुस्त नहीं हो पा रही। ऐसा नहीं है कि अधिकारी इससे अनजान हैं, बावजूद इसके कोई कार्रवाई नहीं की जा रही है।

नगरवासियों का कहना है कि नगर परिषद के अधिकारियों को इस दु‌र्व्यवस्था पर ध्यान देने की आवश्यकता है।कोर्ट के आदेश अनुसार कचरा परिवहन करते समय डंपिंग जोन तक उसे ढक कर ही ले जाना होगा। ऐसा न करने पर न करने पर संबंधित कर्मचारी के प्रति कार्रवाई का प्रावधान है। इसी तरह नगर परिषद सोहना में भी बिना ढके कचरा ढोया जा रहा है। अभी तक किसी अधिकारी ने इस मामले में कोई कार्रवाई नहीं की गई, जबकि सब कुछ उनकी आंखों के सामने ही होता है। – कई जगह कूड़े में लगाई जाती है आग – शहर के अधिकांश इलाकों में कूड़ा कचरा एकत्रित करने के बाद उसे जलाया भी जाता है। इससे वायु प्रदूषण होने के साथ-साथ आसपास रह रहे लोगों को सांस लेना भी दूभर हो जाता है। इससे लोगों के स्वास्थ्य पर विपरीत प्रभाव पड़ रहा है।