चंडीगढ़, 13 दिसम्बर – हरियाणा के शहरी स्थानीय निकाय मंत्री डॉ. कमल गुप्ता ने आज एक पत्रकार सम्मेलन को संबोधित करते हुए कहा कि शहरी क्षेत्रों में मैपिंग, सर्वे करके 42 लाख 70 हजार से अधिक भूमि एवं भवनों को प्रॉपर्टी टैक्स के लिए चिन्हित किया गया है तथा इनकी प्रॉपर्टी आईडी बना दी गई है। ऐसा करने वाला हरियाणा देश का पहला राज्य बन गया है। 

उन्होंने कहा कि सरकार द्वारा शहरी क्षेत्रों में हाऊस टैक्स ब्याज माफी योजना के तहत संपत्ति मालिक या किरायदार 31 दिसंबर, 2022 से पहले सभी देय संपत्ति कर जमा करवा कर योजना का पूरा लाभ उठाए। इस योजना के तहत देय हाऊस टैक्स राशि पर पूरा ब्याज माफ किया जा रहा है।

उन्होंने कहा कि पहले केवल 25 प्रतिशत व्यक्ति ही प्रॉपर्टी टैक्स जमा करवाते थे, लेकिन प्रॉपर्टी आईडी बन जाने से ये सभी व्यक्ति शहरी स्थानीय निकाय विभाग को प्रॉपर्टी टैक्स देंगे और इससे निकायों के राजस्व में बढ़ोतरी होगी।  

डॉ गुप्ता ने कहा कि सर्वे के बाद लगभग 12 लाख से अधिक नई सम्पत्तियों की पहचान की गई। अभी तक 1 लाख 98 हजार आपत्तियां दर्ज हुई है। इनमें से एक लाख 60 हजार आपत्तियों का निपटान किया जा चुका है तथा शेष 38 हजार आपत्तियों के निपटान का कार्य प्रक्रियाधीन है। उन्होंने कहा कि जिला नगर आयुक्त रैंक से नीचे के अधिकारियों को इन आपत्तियों को दूर करने की शक्तियां दे दी गई है, ताकि जनता से प्राप्त आपत्तियों का तत्परता से निपटान किया जा सके। 

शहरों में पार्किंग के लिए मार्किंग
डॉ कमल गुप्ता ने कहा कि सरकार ने शहरों में भीड़ वाले स्थानों पर पार्किंग के लिए मार्किंग करने का निर्णय लिया हैं, जिसके सकारात्मक परिणाम सामने आ रहे हैं। इससे शहरी क्षेत्रों में जाने वाले लोग निर्धारित स्थान पर ही गाड़ी की पार्किंग कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि सरकारी कार्यालयों, बैंक, स्कूल आदि सार्वजनिक स्थलों पर भी गाड़ियों की पार्किंग के लिए निर्धारित स्थान पर मार्किंग का कार्य किया जाएगा। उन्होंने कहा कि गुरुग्राम, फरीदाबाद, यमुनानगर, पानीपत, करनाल, रोहतक, हिसार, पंचकूला, सोनीपत, मानेसर व अम्बाला सहित कुल 11 नगर निगमों में एक लाख 20 हजार दोपहिया व चार पहिया वाहनों को खड़ा करने के लिए स्थानों की मार्किंग करने का लक्ष्य निर्धारित किया गया है।

मुख्यमंत्री शहरी निकाय स्वामित्व योजना
डॉ गुप्ता ने कहा कि मुख्यमंत्री शहरी निकाय स्वामित्व योजना के तहत शहरी क्षेत्रों में 20 साल से अधिक मकानों व दुकानों के किराएदारों को मालिकाना हक देने के लिए 7077 आवेदन प्राप्त हुए। इनमें से 1761 को मालिकाना हक दिया गया है तथा 1304 आवेदन रद्द हुए और 4012 आवेदनों पर कार्रवाई की जा रही है। 

उन्होंने कहा कि शहरी क्षेत्रों में ई-नीलामी प्रक्रिया के तहत विज्ञापन नीति क्रियान्वित की जा रही है। इसके तहत अब तक 342 साईटों को चिन्हित किया गया है तथा जिनमें से 42 साईट की ई-नीलामी हुई है जिससे 5.92 करोड़ रुपये की वार्षिक आमदनी हुई है। यह आय निकायों में विकास कार्यों पर खर्च की जानी है।  

अवैध कालोनियों को किया जाएगा नियमित
डॉ. गुप्ता ने कहा कि राज्य के विभिन्न शहरों में विकसित अवैध कालोनियों को नियमित करने की प्रक्रिया जारी है। सर्वे के दौरान 2237 कालोनियां अवैध मिली हैं। इनमें शहरी निकायों के द्वारा 1409 कालोनियों को नियमित करने हेतु प्रस्ताव पारित किये गये हैं। उन्होंने कहा कि सरकार ने रेजिडेंट वैल्फेयर एसोसिएशनों के माध्यम से इन अवैध कालोनियों को नियमित करने के लिए आवेदन मांगे है। आर0डब्लू0ए0 के माध्यम से अब तक 46 कालोनियों के आवेदन के प्रस्ताव मिले हैं। इन कालोनियों को लागू नियमानुसार जल्द ही नियमित किया जाएगा। 

स्वच्छ शहर-सुरक्षित शहर
डॉ कमल गुप्ता ने कहा कि सोलिड वेस्ट मैनेजमेंट के तहत प्रदेश में 101 लाख मीट्रिक टन लेगेसी वेस्ट का निष्पादन किया जाना था, इसमें से 40 लाख मीट्रिक टन कूड़े का निष्पादन किया जा चुका है। शेष कूड़े का भी जल्द ही समाधान किया जाएगा। उन्होंने कहा कि डोर टू डोर कूड़े को एकत्र करने के लिए प्रदेश में 13 क्लस्टर बनाए गए हैं। इनके तहत सोनीपत व पानीपत में 700 मीट्रिक टन क्षमता का एक कचरा प्रबन्धन प्लांट संचालित है। गुरुग्राम व फरीदाबाद में 1500 मीट्रिक टन क्षमता का प्लांट शीघ्र लगा दिया जाएगा। इसके अलावा, करनाल-कैथल-थानेसर में 638 एमटी, सिरसा में 168 एमटी व भिवानी में 155 एमटी क्षमता के ठोस कचरा प्रबंधन प्लांट लगाए जा रहे हैं। अम्बाला-यमुनानगर, रोहतक-बहादुरगढ-झज्जर, हिसार-फतेहाबाद, जीन्द, रेवाड़ी, पलवल-पुन्हाना, फरूखनगर व पंचकूला में शीघ्र ही कचरा प्रबंधन प्लांट लगाए जाएंगे। 

नगर दर्शन व हरियाणा इंजीनियरिंग वर्कस पोर्टल संचालित
शहरी स्थानीय निकाय मंत्री ने कहा कि नगर दर्शन पोर्टल के माध्यम से कोई भी शहरी क्षेत्र का नागरिक अपने क्षेत्र में विकास कार्य करवाने के लिए इस पोर्टल पर अपनी मांग भेज सकता हैं। उनकी मांगों को जनप्रतिनिधियों द्वारा सत्यापन करने के बाद निवारण किया जा रहा है। इसी प्रकार हरियाणा इंजीनियरिंग वर्कस पोर्टल भी संचालित किया जा रहा है जिस पर शहरी स्थानीय निकाय, एच0एस0आई0आई0डी0सी0, एच0एस0वी0पी0 व लोक निर्माण विभागों आदि से संबंधित विकास कार्यो को करवाने हेतु इंद्राज करवाए जाते है तथा इन विकास कार्यो की मोनिटरिंग व अदायगी भी इस पोर्टल के माध्यम से की जाती है। अब तक कुल 8798 विकास कार्य करवाने के अनुमान इस पोर्टल पर दर्ज हुए हैं, जिनमें से 3402 अकेले शहरी स्थानीय निकाय विभाग के है। 

डॉ गुप्ता ने कहा कि शहरी क्षेत्रों में पहले प्लॉट का विभाजन 100-100 वर्ग गज तक करने की नीति बनाई गई थी, लेकिन लोगों की मांग को ध्यान में रखते हुए अब प्लॉटों का विभाजन 50-50 वर्ग गज तक करने का निर्णय लिया गया है, ताकि छोटे प्लॉट-धारक भी इस योजना का लाभ उठा सकें। 

इस अवसर पर शहरी स्थानीय निकाय विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव श्री अरूण गुप्ता, भा0प्र0से0, अतिरिक्त निदेशक, शहरी स्थानीय निकाय श्री वाई0 एस0 गुप्ता, सूचना, जनसम्पर्क एवं भाषा विभाग के संयुक्त निदेशक (प्रशासन) श्री अमन कुमार व मुख्य योजनाकार श्री जे0 पी0 सिहाग भी मौजूद रहे। 

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